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कोरोना महामारी में बुजुर्ग डरें या घबराएं नहीं, सेहत को लेकर रहें सजग

कोरोना महामारी में बुजुर्ग डरें या घबराएं नहीं, सेहत को लेकर रहें सजग

• घर मे बुजुर्गों की करनी होगी विशेष देखभाल
• संक्रमण के मद्देनजर बुजुर्गों को अकेला न छोड़े
• घर के माहौल को रखे खुशनुमा

दरभंगा, 10 अगस्त: कोरोना संक्रमण काल में बुजुर्गों को अधिक खतरे वाले लोगों की सूची में शामिल किया गया है. इसलिए सरकार द्वरा निरंतर बुजुर्गों को सतर्क रहने की सलाह भी दी जा रही है. ऐसे दौर में हमलोगों को भी घर के बुजुर्गों के स्वास्थ्य पर नजर रखने की अधिक जरूरत है ताकि संक्रमण से उनका बचाव किया जा सके.

बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य का रखें ख्याल:

शहर के निजी मनोचिकित्सक डॉ सुनिल कुमार ने बताया अधिक उम्र के बुजुर्गों के संक्रमण के बाद भर्ती होने की संख्या अन्य से अधिक है। लेकिन महामारी के बीच बुजुर्गों को डरने या घबराने की जरूत नहीं है. उन्हें अपने सेहत को लेकर सजग रहना है। डॉ कुमार का कहते हैं, कोरोना संक्रमण के मद्देनजर घर के माहौल को खुशनुमा रखना चाहिए। कभी भी बुजुर्ग सदस्य को अकेला नही छोड़े। इस समय घर के अन्य सदस्यों को उनका विशेष ख्याल रखने की आवश्यकता है ताकि कभी भी उनको अकेलेपन का एहसास न हो सके। ऐसे दौर में घर के बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरुरी है.

डर से मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित:
बुजुर्ग लोगों को कोरोना के खतरों के बारे में बताना होगा। मौतों और महामारी के बढ़ते प्रकोप के कारन उनमें तनाव, घबराहट व अन्य मानसिक तकलीफों का बढ़ना स्वाभाविक है. लेकिन यह जरुरी है कि उनके साथ घर वाले संवाद करते रहें. घर में बुजुर्गों को अकेलापन एवं घुटन महसूस हो सकती है। इसलिए ज़्यादा से ज़्यादा उनके साथ समय बिताएं।

बुजुर्गों को डिजिटल दुनिया में लाएं
घर के बुजुर्ग महामारी के कारण लंबे समय से घरों में कैद हैं तो उन्हें भी डिजिटल दुनिया में सीमित समय के लिए लेकर आएं। घर-परिवार के जो सदस्य बाहर रहते हैं, उनसे वीडियो कॉल कराएं। हंसी-मजाक वाले वीडियो दिखाएं। समय-समय पर उनसे पूछते रहें कि उन्हें क्या पसंद है। जो वो सबसे अधिक चीज पसंद करते हैं, उन्हें करने दें।

बुजुर्गों को हो सकती हैं ये तकलीफें:
बुजुर्गों को अनिद्रा, घबराहट, डर, उदासी, पैनिक अटैक, रात को डरावने सपने, खाली-खालीपन महसूस होना, कोरोना होने का डर या दूसरों के संक्रमित होने का डर जैसी चीजें उनके मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती हैं। कुछ लोग तनाव के कारण अवसादग्रस्त हो सकते हैं। बच्चों और परिवार की चिंता से उनका मानसिक स्वास्थ्य बिगड़ सकता है। समय के साथ तकलीफ बढ़ भी सकती है।

मनोरोग पीड़ित बुजुर्गों पर अधिक ध्यान:
मनोरोगी बुजुर्गों पर ध्यान देने की जरूरत है। तनाव और बड़बड़ाने की तकलीफ बढ़ सकती है। तनाव वाले मरीज सामान्य हालत में हैं, लेकिन दवा ले रहे हैं, उचित देखभाल न होने पर उनकी तकलीफ दोबारा उभर सकती है। किसी परिस्थिति को लेकर बिलकुल न घबराएं

• खानपान पौष्टिक रखें, दवा समय पर लेते रहें
• हाथ साफ रखें और साफ सुथरे कपड़े पहनें
• कमरे में पूरी साफ सफाई रखें
• कमरे में सीमित लोग ही जाएं

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