सोनी व कुंजबिहारी के गाये पारंपरिक मैथिली गीतों ने जनकपुरवासी का मन मोहा
अपनी समृद्ध सांस्कृतिक परम्परा के लिए मिथिला की प्रसिद्धि सर्वव्यापी रही है। जनक, याज्ञवल्क्य, अष्टावक्र, आयाची, मंडन, उदयन, वाचस्पति, गंगेश, ज्योतिरीश्वर, विद्यापति, गोविन्द दास, यात्री, सुमन, रामधारी सिंह दिनकर, चंदा झा, भारती, गार्गी, भामती, मैत्रेयी आदि अनेकों विश्वप्रसिद्ध दार्शनिक , विद्वान और विदुषी अपनी विद्धता से समस्त विश्व को आलोकित करते रहे हैं। उत्तर में नेपाल, दक्षिण में पतित पावनी गंगा, पूरब में कौशिकी तथा पश्चिम में गंडकी से आवृत यह भू-भाग अपने सांस्कृतिक परंपरा एवं मानव मात्र के कल्याण कामना के कारण सर्वत्र आदरपूर्ण है।
अपनी गौरवशाली सांस्कृतिक परंपरा को अक्षुण्ण बनाये रखने के उद्देश्य से नेपाल की मिथिला विकास कोष संस्था द्वारा जनकपुर धाम स्थित भव्य जानकी मंदिर परिसर मे जनकपुर धाम साहित्य कला नाट्य महोत्सव 2022 का आयोजन अपनी भव्यता के कारण आकर्षण का केन्द्र बना है। इस कार्यक्रम की खासियत है कि इसमें भारत, नेपाल और बांग्लादेश के मूर्धन्य साहित्यकारों और कलाकारों को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया।
महोत्सव के पहले दिन साहित्यिक कार्यक्रम में भारत, नेपाल और बांग्लादेश के मूर्धन्य साहित्यकारों ने भाग लिया। वहीं दिल्ली से पधारीं सुप्रसिद्ध मैथिली गायिका व कवियित्री सोनी चौधरी ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत किया। महोत्सव के दूसरे दिन सांस्कृतिक संध्या में मिथिला रत्न पं कुंज बिहारी मिश्र और मैथिली लोक गायिका सोनी चौधरी ने एक से बढ़कर एक मिथिला के पारंपरिक गीतों की प्रस्तुति देकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया । जिसमें पं कुंज बिहारी मिश्र के गाये ‘जय जय भैरवी’, ‘खा के मगहिया पान’, ‘छोट छोट रोड़ी गड़ैया’ व सोनी चौधरी के गाये ‘जेहने किशोरी मोरी तेहने किशोर हे, विधना लगाओल जोड़ी केहन बेजोड़ हे’, ‘मिथिला कुमारी सखी हे जनक दुलारी सुकुमारी छलखिन ना…’ व ‘ विधना रचलै रे सगुनमा राम पहुनमा भेलखिन ना’ आदि गीतों को श्रोताओं द्वारा काफी पसंद किया गया। मौके पर स्थानीय कलाकारों के द्वारा नृत्य और नाट्य कला का भी बेहतरीन प्रदर्शन किया गया।
कार्यक्रम में नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री माधव कुमार नेपाल, पर्यटन मंत्री शत्रुघ्न महतो, भौतिक मंत्री राम सरोज यादव, पूर्व स्थानीय विकास मंत्री रामचंद्र झा, प्रदेश नीति आयोग अध्यक्ष भोगेंद्र झा, जनकपुर उपनगर पालिका अध्यक्ष लाल किशोर शाह, किसलय कृष्ण, प्रवीण नारायण चौधरी और जनकपुर धाम के प्रतिष्ठित महंथ राम रोशन दास आदि की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।