बढ़ती हुई गर्मी को देखते हुए जलापूर्ति को लेकर हुई बैठक
नल-जल एवं खराब चापाकल की सभी कमियाँ 15 दिनों में दुरूस्त किया जाए : डी.एम.
दरभंगा जिलाधिकारी, दरभंगा के कार्यालय कक्ष में जिलाधिकारी राजीव रौशन की अध्यक्षता में बढ़ती हुई गर्मी को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों के नल का जल योजना का क्रियान्वयन एवं चापाकल की स्थिति को लेकर जिला परिषद् अध्यक्ष, सभ प्रखंड प्रमुख, उप प्रमुख,जिला परिषद् सदस्य,
जिला पंचायत राज पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, पी.एच.ई.डी., सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य एवं संबंधित विभाग के पदाधिकारियों के साथ बैठक की गयी बैठक में प्रखण्डवार सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं उपस्थित जनप्रतिनिधियों से उनके क्षेत्र के जलापूर्त्ति की स्थिति का बारी बारी से फीडबैक लिया गया। तथा जहाँ कमियां है,उसकी भी जानकारी ली गयी। जिलाधिकारी ने नल का जल योजना में जहाँ भी छोटी मरम्मति की आअनुरक्षण निति के तहत उपलब्ध करायी जा रही राशि सेवश्यकता है, उसे अविलम्ब मरम्मति करा लेने तथा जिन वार्डों में नल का जल योजना का अच्छादन नहीं हो पाया है, वहाँ की जानकारी ई-निश्चय पोर्टल पर अपलोड करवा देने का निर्देश दिया।
उन्होंने सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को अपने क्षेत्र के खराब चापाकलों की मरम्मति कराने हेतु उन चापाकलों की सूची कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग को अविलंब उपलब्ध करा देने या उनके जिला नियंत्रण कक्ष – 06272-220256 पर इसकी जानकारी दे देने का निर्देश दिया, ताकि मरम्मति दल उन चापाकलों की मरम्मति कर चालू कर सके। जहाँ चापाकल पूर्णतः खराब हो गया है, वहाँ नये चापाकल के लिए प्रस्ताव देने का निर्देश दिया। उन्होंने नल-जल योजना एवं खराब चापाकल की सभी कमियाँ दुरूस्त करने के लिए 15 दिनों का समय सभी प्रखण्ड विकास पदाधिकारी एवं कार्यपालक अभियंता, पी.एच.ई.डी. को दिया।
नल-जल योजना के रख-रखाव के लिए बनायी गयी अनुरक्षण निति से अवगत करते हुए जिला पंचायत राज पदाधिकारी आलोक राज ने बताया कि इस निति के तहत प्रत्येक वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति को 02 हजार रूपये रख-रखाव के लिए, 02 हजार रूपये रख-रखाव करने वाले के लिए दिया जा रहा है एवं राज्य सरकार द्वारा 02 हजार रूपये प्रतिमाह अलग से दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक उपभोक्ता से प्रतिदिन 01 रूपये की दर से 30 रूपये लिया जाना है, इन राशियों का उपयोग नल-जल के रख-रखाव एवं छोटी-मोटी मरम्मति के लिए किया जाएगा। यदि कोई बड़ी समस्या का निराकरण करना हो यथा – बोरिंग फेल हो गया हो, या टंकी की क्षमता का विस्तार कराना हो, तो वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति कनीय अभियंता के माध्यम से प्राक्कलन बनाकर ग्राम पंचायती राज को उपलब्ध कराएगी, ग्राम पंचायत को इस मद में 20 लाख रूपये तक की योजना की स्वीकृति प्रदान करने की शक्ति प्रदत्त है।
उन्होंने कहा कि जिले में नल-जल योजना के कार्य हेतु 36 एजेंसी सूचीबद्ध हैं, वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति किसी भी एक एजेंसी से कार्य करा सकती है। नल-जल योजना के लिए बनाये गये टावर पर वार्ड क्रियान्वयन एवं प्रबंधन समिति व संचालक का नाम व सम्पर्क संख्या अंकित रहना चाहिए। इसके अतिरिक्त टॉल-फ्री नम्बर, आग से बचाव के लिए दिये गये सुझाव तथा अग्निशमन का नम्बर अंकित रहना चाहिए। टंकी में पानी हमेशा भरा हुआ रहना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर अग्निशमन की गाड़ी को पानी उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने कहा कि टावर के आसपास 08 से 10 लोगों का एक स्थायी जल संचालन समिति बनाया जाना है, जो संचालक के अनुपस्थ्ति में पानी को चालू एवं बन्द करेगा तथा प्रत्येक गुरूवार को जल चर्चा किया जाना है।
उन्होंने कहा कि 24 अप्रैल को द्वितीय विशेष ग्राम सभा के आयोजन में प्रखण्ड स्तरीय सभी पदाधिकारी निर्देशानुसार भाग लें।
बैठक में जिला परिषद् अध्यक्ष रेणु देवी ने कहा कि कुशेश्वरस्थान के उन स्थलों पर जहाँ बाढ़ आ जाती है, वहाँ के ऊंचे स्थलों पर चापाकल गड़वाने की आवश्यकता है तथा उन्होंने जिला परिषद् कार्यालय में 01 चापाकल लगवाने का अनुरोध किया।
बैठक में जिला परिषद् सदस्यगण एवं संबंधित पदाधिकारीगण उपस्थित थे।