सामाजिक सद्भाव, बंधुत्व और प्रेम का संदेश लेकर 27 अप्रैल को दरभंगा पहुँचेगी इप्टा की ‘ढाई आखर प्रेम’ की सांस्कृतिक यात्रा

 

सामाजिक सद्भाव, बंधुत्व और प्रेम का संदेश लेकर 27 अप्रैल को दरभंगा पहुँचेगी इप्टा की ‘ढाई आखर प्रेम’ की सांस्कृतिक यात्रा


दरभंगा: इप्टा राष्ट्रीय समिति के आह्वान पर आजादी के 75 वें वर्ष के मौके पर इप्टा की ‘ढाई आखर प्रेम‘ की सांस्कृतिक यात्रा 27 अप्रैल 2022 को बिहार के विभिन्न जिला होते हुए दरभंगा पहुँचेगी और 28 अप्रैल को तरौनी में नागार्जुन के स्मारक पर माल्यापर्ण के साथ मधुबनी के लिए रवाना होगी. यह यात्रा 9 अप्रैल को रायपुर (छत्तीसगढ़) से आरंभ हुई है जो झारखण्ड होते नवादा से बिहार में प्रवेश करेगी और 20 दिनों तक बिहार के 22 जिलों में 104 स्थानों पर सांस्कृतिक अभियान चलाने के बाद उत्तर प्रदेश होते हुए मध्यप्रदेश तक पहुंचेगी.”ढाई आखर प्रेम” की सांस्कृतिक यात्रा में इप्टा के कलाकार, संस्कृतिकर्मी और नौजवान गीत-संगीत, नाटकों, कविता-पाठ, लोकप्रिय संवादों और संविधान की प्रस्तावना की प्रस्तुति करेंगे.साथ ही, स्थानीय कलाकारों के सहयोग से विशेष सांस्कृतिक संध्या का आयोजन करेगी.
आजादी के 75 वें वर्ष के मौके पर इप्टा के इस राष्ट्रीय आयोजन की तैयारी को लेकर दरभंगा में सदस्यों की बैठक हराही पश्चिम स्थित गीत एवं नाटक प्रभाग के परिसर में जिला अध्यक्ष सीताराम शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गयी.जिसमें जानकारी देते हुए दरभंगा इप्टा के अध्यक्ष ने बताया कि इप्टा की यह पहल असल में स्वतंत्रता संग्राम के गर्भ से निकले स्वतंत्रता-समता-न्याय और बंधुत्व के उन मूल्यों के तलाशने की कोशिश है. उन्होने कहा कि यह यात्रा उन तमाम शहीदों, समाज सुधारकों एवं भक्ति आंदोलन और सूफीवाद के पुरोधाओं का सादर स्मरण है जिन्होंने भाषा, जाति, लिंग और धार्मिक पहचान से इत्तर मनुष्य के मुक्ति एवं लोगों से प्रेम को अपना एकमात्र आदर्श घोषित किया. उन्होंने कहा कि
इप्टा की ‘ढाई आखर प्रेम’ की सांस्कृतिक यात्रा ‘सबके लिए एक सुन्दर दुनिया’ सिलसिले को आगे बढ़ाने वाली और प्रेम, दया, करुणा, बंधुत्व, समता से परिपूर्ण न्यायपूर्ण हिंदुस्तान को समर्पित है. वर्ष 2022 बिहार में इप्टा की स्थापना का भी 75वां साल है. अपने 75 साल के जश्न को बिहार इप्टा आजादी के 75 वें वर्ष के उत्सव के साथ मना रही है.”ढाई आखर प्रेम” सांस्कृतिक यात्रा 27 अप्रैल को दरभंगा पहुचेगी जहाँ स्वतंत्रता संग्राम के नायकों के स्मारक पर माल्यार्पण करेगी उसके बाद ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के स्नात्कोत्तर संगीत एवं नाट्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में नाटक प्रस्तुत करेगी.तो दूसरे दिन 28 अप्रैल को लहेरियासराय और दरभंगा में नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत करेगी फिर तरौनी पहुँचकर प्रसिद्ध साहित्यकार नागार्जुन के स्मारक पर माल्यार्पण कर मधुबनी जिला की ओर कारवाँ रवाना हो जाएगी. इस बैठक में हीरेन्द्र कुमार झा,उमेश कुमार ,डॉ सुधीर कुमार ,हेमेंद्र कुमार लाभ,शशि मोहन भारद्वाज,आलोक कुमार ठाकुर,रविकांत ,रामबाबू चौपाल आदि ने भी विचार रखे.

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