विश्व एड्स दिवस पर एड्स के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए एआरटी सेंटर द्वारा निकाली गई रैली .
– सावधानी व जागरूकता से ही एचआईवी के खतरों से बच सकते हैं
-जिले में अब तक एचआईवी के 7605 मामले, वर्ष 2022 में अब तक मिले 325 संक्रमित मरीज
-विशेष अभियान संचालित कर एचआईवी के खतरों के प्रति लोगों को किया जा रहा जागरूक
मधुबनी दुनिया भर में लाखों लोग एचआईवी यानी ह्यूमन इम्यूनो डिफिशिएंसी वायरस के कारण होने वाली बीमारी एचआईवी से संक्रमित हैं. गौरतलब है कि संक्रमित व्यक्ति का खून या फिर वजाइनल प्लूइड किसी दूसरे स्वस्थ व्यक्ति के संपर्क में आता है. तो इस वजह से स्वस्थ व्यक्ति भी रोग से संक्रमित हो जाते हैं. जिले में अब तक 7605 व्यक्ति एचआईवी संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. जिसमें 4805 मरीजों को एआरटी से दवा दी जा रही है वर्ष 2022 में अक्टूबर माह के अंत तक रोग संबंधी कुल 325 नये मामले सामने आये हैं. जिसमें 182 पुरुष तथा 121 महिला एवं 22 गर्भवती महिला है. मौके पर एआरटी सेंटर के द्वारा सदर अस्पताल के ओपीडी भवन से एएनएम छात्राओं ने रैली निकाली जो मुख्य मार्ग होते हुए वाटसन स्कूल पहुंची. रैली को सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. डॉ. ठाकुर ने बताया जागरूकता का अभाव एचआईवी के प्रसार का मुख्य कारण माना जाता है. आम लोगों को इसके खतरे के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 01 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस पूरी दुनिया में मनाया जाता है.
असुरक्षित यौन संबंधों की जानकारी रखेगा सुरक्षित:
आईसी कम डी आई एस सचिन कुमार पासवान ने बताया कि आज कल के लोगों में खासकर युवा वर्गों में एड्स जैसी बीमारी फैलने का मुख्य कारण यौन शिक्षा का न होना है। असुरक्षित यौन संबंध, संक्रमित सूई का प्रयोग, संक्रमित रक्त आदि के प्रयोग के कारण होता है। वहीं एचआइवी संक्रमण से रोग प्रतिरोधक क्षमता घट जाती हैं जिस कारण गर्भवती महिलाओं के नवजात शिशुओं को भी एचआइवी संक्रमण बढ़ने की संभावना बढ़ जाती है। क्योंकि जन्मजात शिशुओं के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को पूरी तरह खत्म कर देता है। जिससे पीड़ित अन्य घातक बीमारियों जैसे टीबी, कैंसर व अन्य संक्रामक बीमारियों से प्रभावित हो जाता है। एड्स पीड़ित महिला या पुरुष से पहले सरकारी अस्पताल के चिकित्सकों से चिकित्सीय सलाह लेना चाहिए।
पीड़ितों तक पहुंचाया जा रहा उपलब्ध योजना का लाभ
एड्स पीड़ित मरीजों को सरकार द्वारा जरूरी सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान है. जांच से लेकर मरीजों के इलाज का नि:शुल्क प्रावधान है. डॉ ठाकुर ने बताया कि जिले में एचआईवी संक्रमित या संक्रमित माता पिता के 18 साल से कम आयु वर्ग के बच्चों को समाज कल्याण विभाग द्वारा संचालित परवरिश योजना का लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है.
मौके पर सीडीओ डॉक्टर जीएम ठाकुर, अस्पताल अधीक्षक डॉ राजीव रंजन, डॉ विनय कुमार, डॉ कुणाल कौशल, आईसी कम डी आई एस सचिन कुमार पासवान,
काउंसलर अंजू कुमारी, सरिता कुमारी, पूजा कुमारी,रिंकू कुमारी,सीताराम महतो,अजीत कुमार, अभिषेक कुमार, संतोष कुमार, नयन कुमार, दुर्गा नंद कुमार, एवं एएनएम स्कूल कि छात्रा उपस्थित थे.