मधुबनी सभी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर पर 100% इंट्री सुनिश्चित करने का निर्देश -पोषण अभियान के तहत जिले का मिशन उत्कर्ष में हुआ चयनित

सभी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर पर 100% इंट्री सुनिश्चित करने का निर्देश

-पोषण अभियान के तहत जिले का मिशन उत्कर्ष में हुआ चयनित

मधुबनी समेकित बाल विकास परियोजना के तहत जिले का पोषण अभियान के तहत मिशन उत्कर्ष में चयन किया गया है कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर डीआईसी /एनईजीडी भारत सरकार से स्टेट कोऑर्डिनेटर सीतांशु सिन्हा ने जिले के सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं प्रखंड समन्वयक का उन्मुखीकरण किया तथा रहिका एवं खुटौना में सेविकाओं को पोषण ट्रैकर पर प्रशिक्षण भी दिया वहीं मधेपुर परियोजना में सेविकाओं का प्रशिक्षण एवं बाल विकास परियोजना पदाधिकारी लखनौर मधेपुर में समीक्षा बैठक की गई साथ ही उन्होंने बताया कि जिले में सभी सेविकाओं को पोषण ट्रैकर पर 100% एंट्री सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है .

पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में दर्ज होगी 0—6 वर्ष बच्चों की जानकारी:

सिन्हा में कहा गया है प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्रों के पोषक क्षेत्र के शून्य से 6 वर्ष आयुवर्ग के सभी बच्चों की वृद्धि निगरानी कर उसकी जानकारी पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में दर्ज करायी जानी है. साथ ही वैसे ग्रामीण व शहरी इलाके जहां आंगनबाड़ी केंद्र अवस्थित नहीं है, उस स्थिति में संबंधित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी वैसे क्षेत्र के सभी लाभार्थियों को नजदीक के आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ टैग कर सभी शून्य से 6 वर्ष के बच्चों की वृद्धि निगरानी कराते हुए पोषण ट्रैकर एप्लीकेशन में दर्ज कराना सुनिश्चित करायेंगे. इस संबंध में शून्य से 6 वर्ष के सभी बच्चों की वृद्धि निगरानी करने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण जिला प्रोग्राम पदाधिकारी के स्तर से पोषण ट्रैकर के वेबसाइट पर कराया जा सकता है.

पोषण की स्थिति में सुधार लाना उद्देश्य:

इस आयोजन का उद्देश्य शून्य से 6 वर्ष आयुवर्ग के बच्चों में पोषण की स्थिति में सुधार लाना, बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति सामुदायिक स्तर पर जागरूकता तथा लोगों को बच्चों के स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर संवेदीकरण, अभिभावकों में बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति प्रतिस्पर्धा की भावना का बढ़ाना, आइसीडीएस सेवाओं से वंचित बच्चों तक कवरेज को बढ़ाना, नियमित रूप से बच्चों की वृद्धि का अनुश्रवण तथा कुपोषित बच्चों के लिए उपचारात्मक पहल किया जाना, नाटे, इुबले तथा कम वजन वाले बच्चों की पहचान और निवारण आदि शामिल है. बच्चों की वृद्धि निगरानी तथा माप के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों, प्राथमिक स्कूल, पंचायत भवन, घर, प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र या ऐसे अन्य स्थानों को चिन्हित कर वहां यह कार्य किया जायेगा.

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