पी.एम.एफ.एम.ई योजना से घरेलू खाद्य व पाक कला को मिल रहा व्यवसायिक मंच.
बिहार के दरभंगा में ही है सबसे अधिक पी.एम.एफ.एम.ई लाभार्थी
बिरौल प्रखण्ड की अनीता दास ने दिल्ली के प्रगति मैदान में बिहार का प्रतिनिधित्व करते हुए लगाया स्टॉल
दरभंगा जिला की जीविका दीदियों ने वर्ल्ड फूड इंडिया – 2024 के तीसरे संस्करण के उदघाटन सत्र में वर्चुअल भाग लिया। उक्त बातें दरभंगा के जिला परियोजना प्रबंधक (जीविका) डॉ. ऋचा गार्गी ने कही।
उन्होंने कहा कि बिरौल प्रखण्ड की अनीता दास ने दिल्ली के प्रगति मैदान में बिहार का प्रतिनिधित्व करते हुए स्टॉल लगाया, जिससे उन्हें अपने उत्पादों के लिए एक व्यापक बाजार मिला।
उन्होंने कहा कि दरभंगा की आशा, रागिनी, सुहाग, खुशबू, संगीता देवी, पार्वती देवी और इंद्रवती देवी जैसी महिला उद्यमियों ने अपने उत्पाद मखाना, अचार, तिलौड़ी और पापड़ मशालों आदि के साथ दरभंगा के राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केन्द्र (एन.आई.सी) के माध्यम से वर्चुअल रूप से कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
उन्होंने कहा कि इन महिला उद्यमी ने पी.एम.एफ.एम.ई योजना के तहत सीड कैपिटल व क्रेडिट लिंकेज का लाभ उठाकर अपने व्यवसायों में नवाचार और विस्तार किया।
जीविका दीदियों ने बताया कि कार्यक्रम का सीधा प्रसारण देख कर वो काफी उत्साहित हैं और अधिक मेहनत व अच्छी रणनीति बना कर अपने व्यवसायों को उच्चे मुकाम तक पहुचाएंगी।
डी.पी.एम (जीविका) डॉ. ऋचा गार्गी के कहा कि दरभंगा जिला बिहार में पी.एम.एफ.एम.ई योजना के सबसे अधिक लाभार्थियों वाला क्षेत्र है, यहाँ 1,376 से अधिक लाभुक हैं।
उन्होंने कहा इस योजना ने जीविका दीदियों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है और उनके आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। *हायाघाट प्रखण्ड के पतोर पंचायत का सुरभि उत्पादक समूह भी इस योजना का लाभ उठाकर अपने व्यवसाय को सफलतापूर्वक बढ़ा रहा है।*
संचार प्रबंधक राजा सागर ने इस योजना की सराहना करते हुए कहा कि यह महिलाओं की पारंपरिक पाक कला को एक व्यावसायिक मंच प्रदान कर रहा है, जिससे उनके उत्पाद शुद्धता और सेहत की कसौटी पर खरे उतरते हुए आर्थिक रूप से भी फायदेमंद साबित हो रहे हैं।
यह पहल दरभंगा की महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल उनके जीवन स्तर को बेहतर बना रही है, बल्कि रोजगार सृजन में भी महत्वपूर्ण योगदान दे रही है।