कार्यकुशलता और सौम्य व्यवहार ही आशा फैसिलेटर कविता की पहचान
– बासोपट्टी की आशा फैसिलिटेटर कविता कुमारी 14 वर्षों से दे रही सेवा
– प्रतिवर्ष
100 से 150 गर्भवती का कराती है संस्थागत प्रसव
– कोरोना संक्रमण पर लोगों को कर रही जागरुक
देश में आशा को स्वास्थ्य का पहला सिपाही कहा जाता है। इनके जिम्मे सरकार की तरफ से चलाए जा रहे तमाम तरह की स्वास्थ्य जानकारियों को घर-घर तक पहुंचाने की जिम्मेवारी होती है। वह अपने पोषक क्षेत्र के प्रत्येक घर से जुड़ी होती हैं। ऐसी ही एक आशा फैसिलिटेटर कविता कुमारी है, बासोपट्टी प्रखंड के ग्राम -धरनामा मडिया,वार्ड नंबर 06 में 14 वर्षों से अपनी सेवा देती आ रही हैं। इनकी कार्यकुशलता ही इनकी पहचान बन चुकी हैं।
संस्थागत प्रसव के लिए करती हैं प्रेरित:
कविता ने बताया हमारे गांव में पहले संस्थागत प्रसव के बारे में जागरुकता नहीं थी। जब मैं आशा बनी तो लोगों को अस्पताल जाने के लिए प्रेरित किया लोगों को अस्पताल में मिल रही सुविधाओं के बारे में अवगत कराया उन्हें संस्थागत प्रसव के लिए समझाया, गांव के लोगों को मोबिलाइज किया। साथ ही गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच, आयरन, कैल्शियम की गोली खाना अनिवार्य और फायदे के बारे में जानकारी दी। गर्भवती के परिवार के सदस्यों को अस्पताल ले जाकर वहां की बदली हुई व्यवस्था के बारे में अवगत कराया। धीरे धीरे लोग मेरे साथ अस्पताल जाने लगे आज हमारे क्षेत्र कि लगभग सभी प्रसव बासोपट्टी पीएससी में ही होती है।
स्वास्थ्य विभाग ने बनाया आशा फैसिलिटेटर:
कविता 14 वर्षों से अपने पोषक क्षेत्र में कार्य कर रही है। 2006 से बतौर आशा काम कर रही थी लेकिन उनके कार्यकुशलता उनके सौम्य व्यवहार, लोगों को मोबिलाइज करने के तरीके को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग में वर्ष 2010 में उन्हें आशा फैसिलिटेटर बना दिया। उन्होंने बताया की वोटिंग सिस्टम के आधार पर हमारा चुनाव हुआ था और इस प्रक्रिया में पूरे गांव सहित हमारे क्षेत्र की सभी आशाओं ने मेरे पक्ष में मतदान किया मृदुभाषी आशा जब अपने पोषक क्षेत्र में जाती है तो उनको देखते ही लोगों के चेहरे खिल जाते हैं।
20 आशा के टीम का कर रही नेतृत्व:
कविता 20 आशा कार्यकर्ताओं की टीम लीडर हैं प्रतिवर्ष 100 से 150, गर्भवती महिलाओं का संस्थागत प्रसव करवाती हैं साथ ही परिवार नियोजन के बारे में भी लोगों को सलाह व इच्छुक लाभार्थियों को साधन उपलब्ध करवाती हैं।
कोरोना काल में लोगों को कर रही जागरूक:
आज पूरी दुनिया कोरोना संक्रमण की चपेट में कविता का प्रखंड भी अछूता नहीं है आज बासोपट्टी प्रखंड में जिले के सबसे ज्यादा 30 से ज्यादा कारोना संक्रमित मरीज पाए गये हैं। जब लोग सुरक्षा के तमाम एहतियात बरत रहे हैं। ऐसे हालातों में कविता एवं उनके टीम की आशा लॉकडाउन में भी 04 सुरक्षित प्रसव करवाने में मदद की साथ ही घर-घर जाकर मरीजों की पहचान करने में जुटी हैं जिन्हें थोड़ी बहुत खांसी, जुखाम, बुखार और गले में दर्द है। पता लगते ही ये ऐसे मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाती हैं, जिससे इनमें बीमारी बढ़ न सके। इनके टीम की प्रत्येक आशा रोजाना 10-15 घरों में जाकर ग्रामीणों को साफ़-सफाई मास्क का उपयोग करना, हाथों को बार-बार धोना एक दूसरे से 1 मीटर की दूरी बनाए रखना लोगों को घरों में रहने की की जानकारी दे रही है लोग इनके बात को समझते भी है और अनुपालन भी करते हैं।