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सर्वोत्तम जीवन-पद्धति के रूप में योग विश्व को भारत की अमूल्य देन–डा चौरसिया

समाज में शांति और सद्भाव हेतु योग आवश्यक– राजेश कुमार

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाला योग कोरोना से लड़ने में मददगार –अनिल कुमार

भारत विकास परिषद् द्वारा ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ की पूर्व संध्या पर योगाभ्यास व संगोष्ठी आयोजित

सर्वोत्तम जीवन-पद्धति के रूप में योग विश्व को भारत की अमूल्य देन–डा चौरसिया

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दरभंगा news 24 live

के लगभग सभी देशों द्वारा योग को अपनाया जाना हम भारतीयों के लिए गर्व की बात है। इसके नियमित अभ्यास से व्यक्ति उच्चतर स्तर पर पहुंचते हुए आत्मविश्वासी बनता है। उक्त बातें सी एम कॉलेज, दरभंगा में भारत विकास परिषद् की विद्यापति एवं भारती-मंडन शाखा, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ की पूर्व संध्या पर आयोजित ‘योगाभ्यास सह संगोष्ठी’ का शुभारंभ करते हुए परिषद् के प्रांतीय महासचिव राजेश कुमार ने कहा। उन्होंने कहा कि योग हमारे चरित्र व भावनाओं को सकारात्मक बनाता है। समाज में शांति व सद्भाव हेतु योग परम आवश्यक है। कार्यक्रम में डा आर एन चौरसिया, दिवाकर कुमार, दिलीप महासेठ,सुरेंद्र कुमार सिन्हा, रामबाबू प्रसाद, दिलीप कुमार महनसरिया, सुरेश पंडित, प्रो अखिलेश राठौर, आकाश अग्रज, अनिल कुमार, राजेश कुमार व डा शैलेंद्र श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।
योग प्रशिक्षक के रूप में अनिल कुमार ने विभिन्न रोगों के लिए अलग-अलग उचित योग व प्राणायाम का विस्तार से वर्णन करते हुए, उनका अभ्यास कराया। योगगुरु ने कहा कि योग से हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता में अत्यधिक वृद्धि होती है जो कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में हमारी मदद करती है।
मुख्य वक्ता के रूप में सी एम कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा आर एन चौरसिया ने कहा कि योग मानव की सर्वोत्तम जीवन पद्धति है जो विश्व को भारत की अमूल्य देन है। यह सरल,सहज व सस्ती चिकित्सा पद्धति है,जिसे कोई भी युवा, वृद्ध, बच्चे या स्त्री सहज रूप से अपनाकर स्वस्थ और खुशहाल जीवन व्यतीत कर सकते हैं।
अवकाश प्राप्त बीडीओ सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा कि योग हमें रोग से दूर रखता है। समाज की खुशहाली एवं राष्ट्र की समृद्धि के लिए योग जरूरी है। यह धर्म से नहीं, बल्कि भाव से जुड़ा हुआ है।शिक्षक आकाश अग्रज ने कहा कि योग भक्तों को भगवान से तथा आत्मा को परमात्मा से जोड़ता है। यह ईश्वर प्राप्ति का सरल माध्यम है। परिषद् के विद्यापति शाखा के सचिव दिवाकर कुमार ने कहा कि बेहतरीन जीवन जीने के लिए हमें योग को निश्चित रूप से अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए। यह कला व विज्ञान दोनों है, जिससे हम शारीरिक स्वास्थ्य, मानसिक शांति एवं आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त कर सकते हैं।
अतिथियों का स्वागत एवं कार्यक्रम का संचालन करते हुए महाविद्यालय के एनएसएस पदाधिकारी प्रो अखिलेश राठौर ने कहा कि योग हमारे अंदर हमेशा ऊर्जा का संचार करता है। यह हमारा मन नियंत्रित कर हमें प्रसन्नचित्त रखता है, वहीं धन्यवाद ज्ञापन करते हुए एनसीसी पदाधिकारी डा शैलेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि योगाभ्यास से हमारे चित्त से दुर्भावनायें समाप्त होती हैं और अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं।

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