पंचानन मिश्र के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने जताया शोक
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मैथिली साहित्य जगत की नामचीन हस्ती पंचानन मिश्र के निधन पर विद्यापति सेवा संस्थान ने बुधवार को शोक जताया। संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने उनके निधन को मिथिला एवं मैथिली जगत के लिए अपूर्णीय क्षति बताते हुए कहा कि अपने कृतित्व एवं व्यक्तित्व के लिए लालबाग के लाल हमेशा जीवंत बने रहेंगे। मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमलाकांत झा ने उन्हें सामाजिक सरोकारों से जुड़ा साहित्यकार बताते हुए कहा कि उनके निधन से अपनी मधुर वाणी व आत्मीय संवाद से मिथिला के जन-जन में जान फूंकने वाला मिथिला व मैथिली का हितचिंतक हमसे जुदा हो गया।
वरिष्ठ कवि मणिकांत झा ने उन्हें मिथिला के जन-जन का प्रेमी व मानवता का पुजारी बताते कहा कि मैथिली साहित्य जगत में अपने योगदानों के लिए वे हमेशा याद किए जाएंगे।
संस्थान के सचिव प्रो जीवकांत मिश्र ने उन्हें सामाजिक एवं सांस्कृतिक सरोकारों से जुड़ा साहित्यकार बताया। मीडिया संयोजक प्रवीण कुमार झा ने मिथिला व मैथिली के विकास के क्षेत्र में उनके दिए योगदानों को सराहनीय व अनुकरणीय बताते हुए कहा कि सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास के रास्ते मिथिला के विकास की नींव को मजबूती प्रदान करने वाले साहित्यकार के रूप में वे हमेशा याद किए जाएंगे।
शोक जाहिर करने वाले अन्य लोगों में डॉ अशोक कुमार मेहता, हरिश्चन्द्र हरित, डॉ गणेश कांत झा, प्रो विजय कांत झा, प्रो चंद्रशेखर झा बूढ़ा भाई, विनोद कुमार झा, आशीष चौधरी, जयनारायण साह, डॉ उदय कांत मिश्र, चंदन सिंह, मेघानंद झा, राजाराम पासवान आदि शामिल रहे।
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