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दरभंगा किसानों के विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किसान सभा के द्वारा जिला समाहरणालय पर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन।। अजित कुमार सिंह की रिपोर्ट

किसानों के विभिन्न मांगों को लेकर राष्ट्रव्यापी आह्वान पर किसान सभा के द्वारा जिला समाहरणालय पर आक्रोश पूर्ण प्रदर्शन
*किसान-मजदूर विरोधी एनडीए सरकार नहीं चलेगी अबकी बार:- राजीव चौधरी*
दरभंगा-
 अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय आवाह्न पर संगठन के दरभंगा जिला परिषद् के द्वारा हजारों-हजार किसान के साथ किसान के विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को लेकर किसान सभा के जिला अध्यक्ष राजीव चौधरी के नेतृत्व में इस विकट कोरोना महामारी के दौर में भी आक्रोशपूर्ण प्रदर्शन किया गया। किसान पोलो मैदान स्थित धरना स्थल से जुलूस के शक्ल में केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ गगनचुंबी नारे लगाते हुए लोहिया चौक, लहेरियासराय टावर होते हुए जिला अधिकारी के मुख्य द्वार पर पहुंचे। वही जुलूस आईजी कार्यालय के सभा में तब्दील हो गई जहां संगठन के जिला अध्यक्ष राजीव चौधरी की अध्यक्षता में एक सभा हुई। जिसको संबोधित करते हुए जिला के विख्यात किसान नेता वह सीपीआई के जिला सचिव नारायण जी झा ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा किसान विरोधी नीति अपनाकर किसानों को प्रताड़ित किया जा रहा है एवं ठगा जा रहा है। 5 जून 2020 को किसान विरोधी पारित अध्यादेश जिसमें कृषि उपज एवं वाणिज्य एवं व्यापार संवर्धन व सुविधा अध्यादेश 2020, मूल्य बंदोबस्ती एवं सुविधा किसान सेवा अध्यादेश तथा आवश्यक वस्तु कानून 1955 में संशोधन अध्यादेश तथा बिजली बिल अध्यादेश 2020 है जो किसान विरोधी है उसे सरकार वापस लें। डीजल के दाम में वृद्धि, पर्यावरण नियमों में परिवर्तन, मुक्त व्यापार संधियों जिसमें आरसीपी सहित किसानों की कर्ज मुक्ति, 10000 रुपया मासिक पेंशन सीटू के आधार पर लागत का डेढ़ गुना दाम तथा प्रीमियम मुक्त क्षेत्र के आधार पर सभी फसलों का बीमा योजना लागू करने के साथ ही दरभंगा के 2020 के बाढ़ से उत्पन्न विभिन्न समस्याओं के निदान एवं बाढ़ के स्थाई निदान किया जाए आज के प्रदर्शन का मुख्य सवाल है। वही किसान सभा के पूर्व जिला अध्यक्ष वह सिंघवारा सीपीआई के अंचल सचिव अहमद अली तमन्ने ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार किसान मजदूर विरोधी है सरकार कोरोना और बाढ़ जैसे आपदा में पूरी तरह विफल रही है। सरकार के द्वारा बाढ़ के स्थाई निदान पर कोई भी पहल नहीं करना काफी निंदनीय है और अब लोग समझ चुके हैं कि बाढ़ प्राकृतिक आपदा न होकर सरकार के द्वारा सुनियोजित आपदा है। वहीं उन्होंने सरकार के द्वारा पारित तीनों अध्यादेश को वापस लेने की मांग की। साथ ही कोसी कमला एवं बागमती नदी के उद्गम स्थल पर हाई डैम का अविलंब निर्माण की मांग किया। 60 वर्ष से ऊपर के किसानों को ₹10000 मासिक पेंशन देने की मांग की। सहकारिता फसल बीमा योजना से एलपीसी की अनिवार्यता समाप्त करने, गोदाईपट्टी पंचायत के पैक्स अध्यक्ष पर हनुमान नगर वीडियो द्वारा किया गया झूठा मुकदमा वापस लेने वही वृद्धावस्था, विधवा और विकलांग पेंशन धारियों की अविलंब भुगतान के साथ-साथ छूटे हुए व्यक्ति को भी नाम जोड़ कर अविलंब भुगतान करने की, वही बाढ़ से भवन की क्षति और जो पेड़ सुखे है उसका सर्वे करवाकर उसका भुगतान अविलंब किया जाए आदि की मांग उन्होंने जिला अधिकारी के द्वारा बिहार सरकार से किए है। उन्होंने जिला अधिकारी को चेतावनी देते हुए कहा कि उक्त मांगों पर गंभीरता से विचार कर किसानों को उक्त समस्याओं से मुक्त अभिलंब अगर नहीं किया जाएगा तो किसान सभा चरणबद्ध आंदोलन हेतु विवश होंगे। जिसकी सारी जवाबदेही सरकार की होगी। वही मौके पर उपस्थित सीपीआई नेता विश्वनाथ मिश्र ने कहा कि आने वाले विधानसभा चुनाव में किसान मजदूर छात्र नौजवान मिलकर नीतीश मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने का काम करेगी। अब सभी वर्ग के लोग जाग चुके है।
मौके पर सभा को किसान सभा के जिला सचिव रामनरेश राय, किसान नेता वरुण कुमार झा, मणिकांत झा, शैलेंद्र मोहन ठाकुर, ए आई वाई एफ के प्रदेश उपाध्यक्ष राजू मिश्रा, एआईएसएफ के जिला सचिव शरद कुमार सिंह, विद्या देवी, श्यामा देवी, पैक्स अध्यक्ष पंकज चौधरी, गोदाईपट्टी के पैक्स अध्यक्ष, चुलहाई दास, सुधीर राय जिला परिषद सदस्य नवी हसन कारी आदि ने संम्बोधित किया।

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