मधुबनी में कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी, रिकवरी रेट 98 प्रतिशत पहुंचा
• जिले का पॉजिटीविटी रेट 0.25 प्रतिशत
• सामुदायिक जागरूकता से कोरोना संक्रमण के प्रसार पर लगेगी रोक
• कोरोना से बचाव के लिए जारी प्रोटोकॉल को अपनी आदतों में करें शामिल
• तीन मूल मंत्रों से होगा कोरोना का अंत
जिले में अब कोरोना संक्रमण का प्रसार धीरे-धीरे कम हो रहा है, इसके साथ ही कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों के स्वस्थ होने की संख्या में भी लगातार वृद्धि हो रही है। जिले में कोरोना के उपाचाराधीन मरीज जल्द ठीक हो रहे है। यह जिलेवासियों के लिए एक अच्छी खबर है। लेकिन संक्रमण के डर को नजरअंदाज कर लापरवाही बरता जाना जोखिम भरा है। मास्क लगाने, हाथों को नियमित धोने व सैनिटाइज करने तथा भीड़ भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचने और बहुत आवश्यक होने पर ही बाहर जाने के दौरान शारीरिक दूरी का पालन करने जैसे नियमों का पालन बहुत जरूरी है।
जिले का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत:
कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम में स्वास्थ्य विभाग और आमजन की सामूहिक भागीदारी का परिणाम सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जागरूकता कार्यक्रमों के बाद लोगों में नियमों का पालन को लेकर बहुत अधिक सजगता आयी है। इसका परिणाम है कि जिले में संक्रमण का रिकवरी रेट 98 प्रतिशत हो गया है। वहीं जिले में पॉजिटीविटी रेट भी काफी उत्साहजनक है। जिले में मात्र 0.25 प्रतिशत से भी कम पॉजटिविटी रेट है।
6 हजार, लोगों का प्रतिदिन की जा रही जांच, पॉजिटिव मरीज दहाई अंको में:
जिले में प्रतिदिन लगभग 6000 लोगों की कोरोना संक्रमण की जांच की जा रही है जिसमें महज 10 से 15 लोग संक्रमित मिल रहे हैं 25 अक्टूबर को 13, 26 अक्टूबर को 02, 27 अक्टूबर को 8, 28 अक्टूबर को 15,29 अक्टूबर को 22 कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं।
कोरोना से बचाव के लिए सतर्कता है बेहद जरूरी:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने कहा कि संक्रमण से रिकवरी रेट के आंकड़ें उत्साहजनक जरूर हैं, लेकिन सर्तकता में जरा सी चूक स्थिति बिगड़ सकती है। इसलिए कोरोना वायरस से बचाव के लिए अपनाए जाने वाले सुरक्षात्मक उपाय को अभी अपनी आदतों में शामिल रखें। जैसे-घर से बाहर निकलने पर मास्क का इस्तेमाल, घर वापस आने पर हाथ को साबुन से 40 सेकेंड धोना, शारीरिक दूरी का पालन आदि नियमों व एहतियातों को अपना कर ही कोरोना वायरस पर विजय पाया जा सकता है.
खतरा टला नहीं है : सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डा. सुनील कुमार झा ने कहा कि अभी खतरा टला नहीं है। लोगों से अपील है कि जरूरी हो तभी घरों से बाहर निकलें। अगर बाहर जाते हैं तो नियमों का पालन करते रहें। कोरोना की पहली वेव लगभग कंट्रोल में आ चुकी है, इसलिए अभी सजगता ही एकमात्र उपाय है.
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन
• एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें
• सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें
• अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं
• आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें
• छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें