डीएमसीएच सहित राज दरभंगा के सहयोग से स्थापित संस्थानों में जुड़े दरभंगा महाराज का नाम: डाॅ बैजू
कारगर पहल नहीं होने पर आन्दोलन की दी चेतावनी
विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डॉ बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सहित शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के क्षेत्र में राज दरभंगा के अमूल्य योगदान से स्थापित संस्थानों में दरभंगा महाराज का नाम जोड़ने की बात उठाई है। सोमवार को जारी अपने प्रेस बयान में उन्होंने कहा कि बात चाहे शिक्षा, स्वास्थ्य या सुरक्षा की हो, किसी भी विषय का ख्याल आते ही दरभंगा महाराज ने इससे जुड़ी आधारभूत जरूरतों को पूरा करने में अहम भूमिका निभाई। शिक्षण की दुरुस्त व्यवस्था के लिए जहां उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, कोलकाता विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एवं कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के साथ ही देश की कई अन्य शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना में अहम भूमिका निभाई वहीं, स्वास्थ्य के क्षेत्र में दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल की स्थापना के लिए करीब 350 एकड़ भूमि दान में देकर उन्होंने अपनी दानशीलता का अभूतपूर्व परिचय दिया। वहीं, राज अस्पताल एवं महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर की स्थापना कर उन्होंने स्वास्थ्य के प्रति स्वयं के सचेत होने का बेहतर उदाहरण प्रस्तुत किया।
उन्होंने कहा कि इसके साथ ही सुरक्षा के मामले में वर्ष 1962 में दरभंगा में एयरपोर्ट के निर्माण एवं स्वतंत्रता की लड़ाई से लेकर पड़ोसी देशों के आक्रमण के अनेक मौकों पर मदद के लिए उठे उनके हाथ जगजाहिर हैं। इसके अतिरिक्त दरभंगा में सीएम कॉलेज की स्थापना सहित बस पड़ाव एवं मखाना अनुसंधान केंद्र की स्थापना में भी दरभंगा राज की मदद को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लेकिन, यह अत्यंत हास्यास्पद है उनके सद्प्रयास से स्थापित मात्र कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय एवं महाराजाधिराज कामेश्वर सिंह मेमोरियल हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर सरीखे कुछ संस्थानों में ही उनका नाम जोड़ा गया और शेष के नामकरण में उनके अमूल्य योगदान को नजरअंदाज कर दिया गया।
डॉ बैजू ने कहा कि विद्यापति सेवा संस्थान अपनी स्थापना के शुरुआती दिनों से ही राज दरभंगा की एक तिहाई संपत्ति को दरभंगा महाराज की वसीयत के अनुकूल जन कल्याण हेतु सन्निहित किए जाने का न सिर्फ मुख्य पैरोकार बना रहा बल्कि, इसके लिए आंदोलन और अदालती कार्यवाही में तब तक जुटा रहा, जब तक कि कोलकाता उच्च न्यायालय से इस मांग को अदालती मुहर नहीं लग गई। उन्होंने कहा कि विद्यापति सेवा संस्थान ट्रस्ट को क्रमशः तीन महाविद्यालयों की स्थापना के लिए राज दरभंगा की ओर से आधारभूत संसाधन उपलब्ध कराए गए। विद्यापति सेवा संस्थान ट्रस्ट ने राज दरभंगा के प्रति कृतज्ञता जताते हुए इन शिक्षण संस्थानों के नाम क्रमशः महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय, महाराज महेश ठाकुर महाविद्यालय एवं महाराज रमेश्वर सिंह महाविद्यालय रखा।
जारी बयान में उन्होंने बिहार सरकार एवं केंद्र सरकार से राज दरभंगा द्वारा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा क्षेत्र के उन्नयन के लिए उनके अमूल्य सहयोग से स्थापित दरभंगा मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल सहित अन्य संस्थानों में दरभंगा महाराज का नाम जोड़ने की मांग करते हुए चेतावनी दी है कि यदि इस दिशा में यथाशीघ्र कारगर कदम नहीं उठाये गये तो विद्यापति सेवा संस्थान आन्दोलन का रूख अख्तियार करेगा। संस्थान की इस मांग का समर्थन करते हुए मैथिली अकादमी के पूर्व अध्यक्ष पं कमला कांत झा ने सामाजिक सरोकार से जुड़ी अन्य संस्थाओं से भी विद्यापति सेवा संस्थान की इस मुहिम में साथ आने का आह्वान किया है।