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दरभंगा के अतीत और वर्तमान के केंद्र में सामाजिक – शैक्षणिक – राजनैतिक व सांस्कृतिक परिदृश्य के संरक्षण हेतु जनजागरण व संरक्षण के लिए “दरभंगा महोत्सव” का आयोजन

पिछले वर्ष की भाँति इस वर्ष भी “दरभंगा महोत्सव” का सफल आयोजन होने जा रहा है । इसी संदर्भ में आज दिनांक : 10-जनवरी-2021 को विवि प्रांगण में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया ।

प्रेस वार्ता को महोत्सव के अध्यक्ष अभिषेक कुमार झा , संयोजक विद्या भूषण राय , कोषाध्यक्ष अमित मिश्रा , विक्रम कुमार , आयशा खान ने संबोधित किया।

प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अध्यक्ष अभिषेक कुमार झा ने कहा कि
दरभंगा महोत्सव दरभंगा के अतीत, वर्तमान और भविष्य पर एक परि²श्य है। एक तरफ जहां दरभंगा का अपना एक अतीत था, जो बहुत ही सुनहरा था, जो धीरे-धीरे अब खत्म होने के कगार पे है। जहां इसकी एक अपनी सांस्कृतिक, धरोहरिक पहचान थी आजादी से पूर्व आजादी के बाद की तस्वीर की बात करें, तो जहां एक ओर देश के कई पिछड़े इलाके जो पूर्णत: आज संपन्न है। लेकिन, हमारा इलाका जो संपन्न होते हुए भी आज इतना पिछड़ गया है। कार्यक्रम का शुभारंभ दरभंगा के कामेश्वरनगर अवस्थित चौरंगी पर 12 जनवरी को होगा। दरभंगा के आम जनमानस के द्वारा दरभंगा महोत्सव का आयोजन 12 जनवरी से किया जाएगा पांच दिवसीय महोत्सव का उद्घाटन पाग शोभा यात्रा से की जाएगी जो 12 जनवरी को 3 बजे MLSM कॉलेज से आरम्भ होकर आयकर चौराहा होते हुए विश्वविद्यालय चौरंगी तक जाएगी।

दरभंगा महोत्सव के अगले पड़ाव की जानकारी देते हुए विद्या भूषण राय ने कहा 21 जनवरी को विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाएगा। अब तक का सबसे बड़ा रक्तदान शिविर होगा उसके बाद ह•ारो छात्रों के बीच 17 जनवरी को कर्पूरी प्रतिभा खोज प्रतियोगिता आयोजित किया जाएगा । इस कार्यक्रम का उद्देश्य लोगो को अपने संस्कृति, धरोहर और अपनी विरासत की रक्षा करने का हैं। दरभंगा के पास कई ऐसे धरोहर है जो संरक्षण के अभाव में खत्म होता जा रहा है। बात दरभंगा लाल किला की जाए या चाहदीवार की बात की जाए, आज सब नष्ट होने के कगार पर आ गया है। जिसकी चिंता ना तो किसी राजनीतिक दल स्थानीय प्रशासन और ना ही यहां की लोगों की है यहां की धरोहर को खत्म किया जा रहा है। अगर इसके खिलाफ आवाज नहीं उठाया जाता है तो बहुत जल्द कई ऐसे धरोहर है जो पूर्णता खत्म हो जाएंगे । हर साल मिथिला महोत्सव के नाम पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होते रहे हैं। लेकिन दरभंगा महोत्सव के कार्यक्रम को आयोजित करवाने का एक विशेष उद्देश्य है कि दरभंगा की विरासत सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा है। साथ ही हमारी संस्कृति का भी अलग महत्व हैं । जिसे संरक्षित करने की जरूरत है। लेकिन हम सभी दरभंगा वासियों के द्वारा इस विरासत धरोहर को उपेक्षित रखा जाता है। इसलिए अपने दरभंगा की गौरवशाली गाथा के 200 वर्षों के पुरानी तस्वीरों को चौरंगी पर प्रदर्शित की जाएगी, जिससे दरभंगा के आमजनमानस 200 वर्षों पहले खूबसूरत दरभंगा का दीदार कर सकेगी। दरभंगा के बुद्धजीवी वर्गों के द्वारा धरोहरों के संरक्षण हेतु संगोष्ठी आयोजित की जाएगी। और इस महोत्सव के माध्यम से धरोहरों को सहेजने की नव चेतना को एक नई दिशा दी जाएगी।

*आयशा खान* ने कहा कि कार्यक्रम का अगला पड़ाव 24 जनवरी को छात्रों के बीच कैरियर कॉउंसलिंग से की जाएगी जिसमे शिक्षा छेत्र से लेकर स्वास्थ्य तथा प्रशासनिक छेत्र के नामी गिरामी लोग अपनी बात छात्रों के बिच रखेंगे और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करेंगे । महोत्सव का समापन 30 जनवरी को सांस्कृतिक कार्यक्रमों से किया जाएगा ।

इस प्रेस वार्ता में पुरुषोत्तम वत्स , अनीश चौधरी , वेदांत वत्स , गौतम चौधरी , ऋतुराज , प्रवीण झा , शैलेश चौधरी , सहगुफ्ता प्रवीण एवं दर्जनों साथी उपस्थित थे
भवदीय
अमन सक्सेना —

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