सिंडिकेट की बैठक में कई प्रस्ताव पारित
— 2019-20 के प्रतिवेदन पर मिली स्वीकृति
— सीनेट में प्रस्तावों के उपस्थापकों के लिए वीसी अधिकृत
— 14 को होगी आगामी बैठक
दरभंगा।
संस्कृत विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ0 शशिनाथ झा की अध्यक्षता में सोमवार को आयोजित अभिषद यानी सिंडिकेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। साथ

ही 17 जनवरी को होने वाली सीनेट की बैठक के कार्यक्रमों पर भी सिंडीकेट सदस्यों ने अपनी सहमति जता दी है। इसी क्रम में 2021-22 वर्षीय आय व्ययक बजट को भी हरी झंडी मिल गयी । आवश्यकता के लिहाज से इसमें संशोधित अपेक्षित रहेगा। मान्य सदस्यों ने सीनेट के अध्यक्षीय भाषण को भी पारित कर दिया।वहीं 2019-20 वर्षीय लेखा प्रतिवेदन को भी स्वीकृति मिल गयी।
उक्त जानकारी देते हुए उपकुलसचिव पीठम सह पीआरओ निशिकांत ने बताया कि सात जनवरी को आयोजित विद्वत परिषद के निर्णयों पर भी सदस्यों ने सहमति दे दी है। इसी तरह सीनेट की बैठक के दौरान आसन व्यवस्था भी तय कर दी गयी और प्रस्तावों के उपस्थापन के लिए सदस्यों को नामित करने के लिए कुलपति को अधिकृत किया गया। प्रो0 दिलीप कुमार चौधरी के इस प्रस्ताव पर आम सहमति रही कि उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्यों में बाहरी शिक्षकों के बदले जरूरत पड़ने पर संस्कृत विश्वविद्यालय के ही सेवानिवृत शिक्षकों से मदद ली जाय। वहीं प्रो0 विनय कुमार चौधरी ने शिक्षा शास्त्र के शिक्षकों की सेवा सम्बन्धी ब्रेकिंग मामले में स्पष्ट अवधि दर्शाते हुए इसे मात्र एक दिन की अवधि तय करने का सुझाव दिया। इसी तरह डॉ0 कन्हैया चौधरी ने फिर से विश्वविद्यालय मुख्यालय में आयुर्वेद चिकित्सक की तैनाती का मुद्दा उठाया। प्रो0 अजित चौधरी ने कई मुद्दों को उठाया। आम सहमति बनी कि पुनः सिंडिकेट की बैठक 14 जनवरी को अपराह्न तीन बजे आयोजित की जाय।
बैठक में कुलपति अलावा उक्त सदस्यो के साथ साथ डीन प्रो0 शिवाकांत झा, प्रोक्टर प्रो0 श्रीपति त्रिपाठी, शकुंतला गुप्ता, डॉ0 प्रभाष चन्द्र, डॉ0 मनोज कुमार, एफए कैलाश राम, कुलसचिव डॉ0 शिवा रंजन चतुर्वेदी मौजूद थे।
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