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मधुबनी ;- होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की ट्रैकिंग के लिए डीएम की अध्यक्षता में बनायी गई व्हाट्सएप ग्रुप

होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की ट्रैकिंग के लिए डीएम की अध्यक्षता में बनायी गई व्हाट्सएप ग्रुप

•होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को केयर इंडिया ने गूगल मीट के द्वारा दी सलाह
• घबराने की जरूरत नहीं 80% मरीज ए सिंटोमैटिक
•हल्के लक्षण वाले होम आइसोलेशन में हो सकते स्वस्थ
•पेट के बल सोने से ऑक्सीजन की कमी को किया जा सकता है दूर

मधुबनी, 19 मई कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में अधिक लोग संक्रमित हो रहे हैं। इस स्थिति में घबराने की ज़रूरत नहीं है। केवल 20 प्रतिशत गंभीर (क्रिटिकल) मरीजों को ही अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत है, जबकि अन्य 80 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में रह कर दिशा- निर्देशों का सही से पालन कर स्वस्थ हो सकते हैं। उक्त बातें केयर इंडिया के डाक्टरों ने होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से गूगल मीट के माध्यम से बात करते हुए कही। कहा हल्के लक्षण वाले मरीज़ होम आइसोलेशन में कोरोना को मात दे सकते हैं।. इस दौरान लगातार स्वास्थ्य की निगरानी व चिकित्सक के संपर्क में रहना होगा। तबियत में सुधार नहीं होने व ऑक्सीजन लेवल कम होने पर डॉक्टर अस्पताल में भर्ती होने की सलाह देते हैं।. इस दौरान मरीज़ों को अपने मानसिक स्थिति को मजबूत रखना होगा। इसमें परिवार के सदस्यों का साथ जरूरी है।किसी प्रकार की हल्की सर्दी या बुखार होने पर घबराने की ज़रूरत नहीं है हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीज़ पांच दिन में ठीक होने लगते हैं।. इस दौरान संयम बरतने की आवश्यकता है।

डीएम की अध्यक्षता में बनायी गयी व्हाट्सएप ग्रुप:

होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की ट्रैकिंग के लिए डीएम अमित कुमार की अध्यक्षता में व्हाट्सएप ग्रुप बनायी गयी है। ग्रुप सभी प्रखंडों में बनायी गयी है जिसमें जिलाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, एमओआईसी, होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज को शामिल किया गया है। होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों को उचित सलाह देने के लिए डीएम ऑफिस से ही लिंक जारी किया गया था जिसमें सभी मरीजों को परामर्श दिया गया।

होम आइसोलेशन में रोगी क्या करें:
होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों से बात करते हुए केयर इंडिया के डाक्टरों ने बताया–

•घर में कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग हवादार कमरा और अलग शौचालय हो.
•घर में कोविड-19 संक्रमित व्यक्ति की 24 घंटे देखभाल करने के लिए कोई व्यक्ति हमेशा मौजूद हो.
•घर के अन्य सदस्यों से दूरी रखें और हवादार कमरे में रहें, जहां तक संभव हो खिड़कियां खुली रखें.
•अपने घरवालों से अलग शौचालय व बाथरूम काम में लें.
•हमेशा ट्रिपल लेयर मास्क पहनें और मास्क को 6 से 8 घंटे बाद बदलें. इसे पेपर बैग में लपेटकर 72 घंटे के बाद ही सामान्य डस्टबिन में डालें.
•हैंडवॉश व पानी से हाथों को 40 सेकेंड तक अच्छी तरह धोएं या 70 प्रतिशत एल्कोहल युक्त सैनिटाइजर का उपयोग करें.

•छींकते या खांसते समय रूमाल, टिश्यू या कोहनी से नाक-मुंह को ढंकें.
•ज्यादा छुई जानेवाली सतहों को छूने व उपकरणों का इस्तेमाल करने से बचें. मोबाइल व दैनिक उपयोग की अन्य चीजों को सैनिटाइज करें.
•अपने बर्तन, तौलिया, चादर आदि को अलग रखें.
•पर्याप्त मात्रा में पानी, ताजा जूस, सूप जैसे तरल पदार्थ पीएं.
•अन्य रोग (शुगर, ब्लड प्रेशर आदि) का इलाज जारी रखें.
•आइसोलेशन के दौरान शराब, धूम्रपान व अन्य किसी नशीली चीज का सेवन बिल्कुल न करें

डॉक्टर द्वारा दी गयी सलाह का पालन करें व नियमित दवाइयां लें.

•घर पर अतिथियों को न बुलाएं और न ही किसी से मिलें. स्कूल, बाजार, सार्वजनिक स्थान या सामाजिक व धार्मिक कार्यक्रम में न जाएं.
•ऐसे में लें डॉक्टर की सलाह के अनुसार बुखार अगर तीन दिनों से ज्यादा रह जाये या बार-बार आ रहा हो और कोविड-19 के नीचे दिये गये लक्षण दिखायी दें, तो डॉक्टर की सलाह लें.
•सांस लेने में कठिनाई व छाती में लगातार दर्द या दबाव
•बुजुर्गों, गर्भवती व बच्चे को रोगी से रखें दूर
•यदि परिवार में 60 साल से अधिक उम्र के कोई बुजुर्ग हैं या कोई गर्भवती है या छोटे बच्चे हैं या फिर किसी गंभीर बीमारी जैसे – कैंसर, अस्थमा, सांस की बीमारी आदि से ग्रसित हों तो उन्हें कोविड-19 के मरीज से दूर रखें.

इस तरह करें स्वास्थ्य की जांच
दिन में दो बार (सुबह और रात) स्वास्थ्य की जांच करें| इसके अलावा जब भी बुखार या बेचैनी महसूस हो तो निम्न जांच जरूर करें–.

•थर्मामीटर से तापमान चेक करें. (100 फॉरेनहाइट से ज्यादा न हो.)

•ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन का स्तर देखें. (SpO2 लेवल यानी ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल 94 प्रतिशत से कम न हो.)
•जांच के बाद ये सभी नोटबुक पर डेट और टाइम के साथ नोट कर लें.

पेट के बल सोने से ऑक्सीजन की कमी हो किया जा सकता है दूर:
शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने के कारण कई कोरोना पॉजिटिव रोगियों को अस्पताल जाने की जरूरत भी पड़ रही है. लेकिन होम आइसोलेशन में रह रहे मरीज अपने सोने के पोजीशन में थोड़ा बदलाव कर ऑक्सीजन की कमी को दूर कर सकते हैं| इस प्रक्रिया को `प्रोनिंग’कहा जाता है|

पेट के बल सोने के लिए 4 से 5 तकिए की जरूरत:
यदि किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत हो रही हो एवं ऑक्सीजन का स्तर 94 से घट गया हो तो ऐसे लोगों को पेट के बल सोने की सलाह दी| इसके लिए सबसे पहले वह पेट के बल सो लें|. एक तकिया अपने गर्दन के नीचे रखें| एक या दो तकिया छाती के नीचे रख लें एवं 2 तकिया पैर के टखने के नीचे रखें| इस तरह से 30 मिनट से 2 घंटे तक सो सकते हैं| साथ ही इस बात पर भी विशेष जोर दिया है कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों की तापमान की जाँच, ऑक्सीमीटर से ऑक्सीजन के स्तर की जाँच, ब्लड प्रेशर एवं शुगर की नियमित जाँच होनी चाहिए.

सोने के 4 पोजीशन फायदेमंद:
कोरोना पॉजिटिव मरीजों के लिए सोने की 4 पोजीशन को महत्वपूर्ण बताया है| जिसमें 30 मिनट से 2 घन्टे तक पेट के बल सोने, 30 मिनट से 2 घन्टे तक बाएं करवट, 30 मिनट से 2 घन्टे तक दाएं करवट एवं 30 मिनट से 2 घन्टे तक दोनों पैर सीधाकर पीठ को किसी जगह टीकाकार बैठने की सलाह दी गयी है.

इन बातों का रखें ख्याल:
• खाने के एक घन्टे तक पेट के बल सोने से परहेज करें
• पेट के बल जितना देर आसानी से सो सकते हैं, उतना ही सोने का प्रयास करें
• तकिए को इस तरह रखें जिससे सोने में आसानी हो

इन परिस्थियों में पेट के बल सोने से बचें:
• गर्भावस्था के दौरान
• वेनस थ्रोम्बोसिस( नसों में खून के बहाव को लेकर कोई समस्या)
• गंभीर हृदय रोग में
• स्पाइन, फीमर एवं पेल्विक फ्रैक्चर की स्थिति में।

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