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दरभंगा जिला में कोरोना आंकड़ा का ग्राफ नीचे की ओर

दरभंगा जिला में कोरोना आंकड़ा का ग्राफ नीचे की ओर

रिकवरी रेट 89 प्रतिशत पर पहुंचा
डीएमसीएच में रविवार को रैपिड जांच में सबसे कम 10 पॉजिटिव मिले

दरभंगा जिला में कोरोना का ग्राफ धीरे- धीरे नीचे आ रहा है। डीएमसीएच में संचालित रैपिड एंटीजन जांच में इसकी पुष्टि हुई है। रविवार को इस माह में अब तक का सबसे कम 10 पॉजिटिव मिले हैँ।  इस माह में केवल 20 मई को 10 लोग संक्रमित निकले। हालांकि उस दिन बारिश के कारण बहुत कम लोग जांच के लिये विभाग के आपातकालीन स्थित फ्लू कार्नर पहुंचे थे। माह के शुरुआती दौर में यह आंकड़ा 35 के आसपास थी। तीन मई को इस माह के सर्वाधिक 60 पॉजिटिव मिले। उधर रविवार की शाम तक चार लोगों की मौत कोरोना से हो गयी। मृतकों में सुपौल के अलावा मधुबनी व समसतीपुर के मरीज शामिल हैं। शव को परिजनों को सौँप दिया गया है। उधर विभागीय जानकारी के अनुसार शनिवार को 96 नया केस सामने आये हैं। इस प्रकार कुल आंकड़ा 9723 पर पहुंच गया है। इसमें से 8693 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। विभिन्न जगहों पर 862 संक्रमित मरीजों का उपचार चल रहा है। विभाग अब तक जिला में केवल 168 लोगों की मौत कोरोना से होने की जानकारी दे रहा है। जिला का रिकवरी रेट 86 है।
दिनांक- पॉजिटिव केस
1 मई 37
2 मई 34
3 मई 60
4 मई 40
5 मई 41
6 मई 35
7 मई 35
8 मई 48
9 मई 31
10 मई 45
11 मई 24
12 मई 30
13 मई 44
14 मई 32
15 मई 25
16 मई 25
17 मई 20
18 मई 24
19 मई 21
20 मई 10
21 मई 14
22 मई 20
23 मई 10

संक्रमण की संभावना बरकरार
माइक्रोबायोलॉजी के चिकित्सक डॉ अहसन हमीदी ने बताया पिछले करीब एक सप्ताह से बदनावर अनुभाग में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी कम हुई है। ऐसा प्रशासन की सक्रियता व लगातार हो रही मौतों से भयभीत हुए लोगों में आई जागरूकता के कारण संभव हो सका है। किंतु अभी पूरी तरह से यह टला नहीं है और थोड़ी सी भी लापरवाही एक बार फिर कोरोना संक्रमण को रफ्तार पकड़ने से नहीं रोक सकती है।घटते-बढ़ते संक्रमितों से सतर्क किया जा रहा है, जो लोग इसकी चपेट में नहीं आए हैं। वजह यह कि जो संक्रमित नहीं हुए हैं उनके संक्रमित होने की संभावना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। जो संक्रमित होकर स्वस्थ हुए हैं, उनके लिए दोबारा संक्रमित होने की संभावना बरकरार है। जरूरत है सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करने की। । कहा ऐसे में शहर में तभी निकलें जब बेहद जरूरी काम हो या फिर नौकरी-पेशा हैं और दफ्तर जाना जरूरी है। बेवजह भीड़ का हिस्सा बनना, परिवार व समाज के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। भीड़ में इस बात का अंदाजा लगा पाना कि कौन कोरोना संक्रमित है और कौन स्वस्थ यह मुमकिन नहीं है। सावधानी है सबसे सरल उपाय है। क्योंकि कोरोना संक्रमण अदृश्य है। बताया कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण ज़रूर कराएं।
सभी अस्पतालों में जांच की सुविधा
डॉ अहसन ने कहा किसी प्रकार का संदेह होने पर तुरन्त निकट के सरकारी अस्पताल में सम्पर्क करें। चिकित्सक के परामर्श से कोरोना जांच अवश्य कराएं। सभी प्रखण्ड अस्पतालों में निःशुल्क कोरोना जांच की जाती है। साथ ही 24 घण्टे डॉक्टर व नर्स मौजूद रहते हैं।

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