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परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत 10 पुरुषों की नसबंदी, 619 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण.

परिवार नियोजन पखवाड़ा के तहत 10 पुरुषों की नसबंदी, 619 महिलाओं का हुआ बंध्याकरण.
•महिला बंध्याकरण से आसान व सरल है पुरुष नसबंदी: सिविल सर्जन
•परिवार नियोजन पखवाड़ा में अस्थायी परिवार नियोजन के साधनों का उठाया गया सबसे अधिक लाभ
•जिले में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ परिवार नियोजन पखवाड़ा

मधुबनी जिले में जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा 11 से 31 जुलाई तक मनाया गया। जिसके तहत लोगों में परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता फैलायी गयी। जिले में कार्यरत ए.एन.एम. एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता ने घर-घर जाकर योग्य दंपतियों को इसकी जानकारी देते हुए उन्हें परिवार नियोजन के प्रति जागरूक किया। इस दौरान इसके उपायों एवं लाभों से अवगत कराते हुए लोगों के बीच परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थायी साधनों की जानकारी एवं इसके उपयोग के बारे में विस्तार से बताया गया। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर परिवार नियोजन पखवाड़ा सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
अस्थायी परिवार नियोजन के साधनों का उठाया गया सबसे अधिक लाभ:
सिविल सर्जन डा. सुनील कुमार झा ने बताया जिले में 11 से 31 जुलाई तक चलाये गये जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा से पूर्व जिले में विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर योग्य दंपतियों की खोज एवं परिवार नियोजन के बारे में अभियान चलाकर लोगों को इसके प्रति जागरूक किया गया। जिसका परिणाम यह रहा कि कोरोना काल में जहाँ लोग अस्पताल आने से बचना चाह रहे थे वहीं लोगों में जागरूकता आयी और जनसंख्या स्थिरीकरण पखवाड़ा के दौरान जिले में चलाये जा रहे परिवार नियोजन कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में भाग लेकर इसका लाभ उठाया। इस दौरान जिले में कुल 619 महिलाओं ने बंध्याकरण कराया। यह शल्य चिकित्सा आधारित एक स्थायी बंध्याकरण की बहुत ही सरल प्रक्रिया है। 54 महिलाओं ने पीपीएस (प्रसव पश्चात 7 दिनों के अंदर बंध्याकरण) पीएएस (गर्भपात के उपरांत) 2, बंध्याकरण का लाभ लिया। वहीं आईयूसीडी (कॉपर टी) 170 महिलाओं ने, पीपीआईयूसीडी ( प्रसव उपरांत कॉपर टी) 282 महिला, पीएआईयूसीडी (गर्भपात के उपरांत कॉपर टी) 6 महिला अपनाया। उन्होंने कहा इस वर्ष परिवार नियोजन अभियान के तहत लोगों में अस्थायी गर्भ निरोधक के साधनों जैसे आईयूसीडी, पीपी आईयूसीडी, अंतरा सुई, छाया गोलियां, इसी आदि के उपयोग पर काफी बल दिया गया। सरकार द्वारा भी इसके प्रचार-प्रसार बड़े पैमाने पर किये जाना का परिणाम अच्छा देखने को मिला। उन्होंने बताया जिले में परिवार नियोजन पखवाड़े में केयर इंडिया परिवार का भरपुर सहयोग रहा।
सभी प्रकार परिवार नियोजन के साधनों का लाभ पुरुषों सहित महिलाओं ने लिया:
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया ने बताया जिले में आयोजित इस परिवार नियोजन पखवाड़ा में 10 पुरुषों ने परिवार नियोजन नसबंदी का लाभ उठाया। 466 महिलाओं नें अंतरा सुई लगवाई। इसके द्वारा वे अगले तीन महिनों तक गभर्धारण नहीं कर सकेंगी। इस सुई का विकास खासकर दूध पिला रही माताओं के लिए किया गया ताकि वे जल्द ही गर्भधारण करने से बचें और अपने बच्चों को दूध भी पिला सकें। 5,781 महिलाओं द्वारा छाया गोलियों का लाभ लिया गया। गर्भनिरोधक छाया गोलियों का उपयोग तीन माह तक सप्ताह में दो बार एवं उसके बाद सप्ताह में केवल एक बार लेना होता है।जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता। जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर मुफ्त वितरित की जाती है। एएनएम, आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्त्ता द्वारा क्षेत्र भ्रमण के दौरान महिलाओं द्वारा मांग किये जाने पर उन्हें यह उपलब्ध भी कराया जाता है। जिले में आयोजित पखवाड़े में महिलाओं द्वारा आकस्मिक गर्भ निरोधक गोलियाँ ईसी का भी लाभ लेते पाया गया जो सबसे अधिक महत्वपूर्ण रहा। 2,462 महिलाओं ने आकस्मिक गर्भ निरोधक गोलियों ईसी का लाभ उठाया। वहीं 8300 महिलाओं द्वारा परिवार नियोजन के लिए माला-एन का लाभ तथा 47,224 कंडोम का वितरण किया गया।
परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरुषों की भागीदारी महत्वपूर्ण:
सिविल सर्जन ने बताया महिला बंध्याकरण से पुरुष नसबंदी बेहतर है। पुरुष नसबंदी और स्त्री नसबंदी में किसी एक को चुनना हो, तो पुरुष नसबंदी को चुनना बेहतर होगा। पुरुष नसबंदी का ऑपरेशन आसान है। इसमें अस्पताल में भर्ती होने की भी जरूरत नहीं पड़ती। ऑपरेशन के बाद पुरुष चलकर भी घर जाने की हालत में रहता है।पुरुष नसबंदी गर्भ रोकने का एक स्थायी तरीका भी है। इससे पुरुष की सिर्फ प्रजनन शक्ति को खत्म किया जाता है, उसका पुरुषत्व, जो हॉर्मोन पर आधारित है, वह इससे प्रभावित नहीं होता है। नसबंदी के बाद पुरुष की सेक्स करने की इच्छा, प्राइवेट पार्ट में तनाव, चरमसीमा का आनंद और वीर्य की मात्रा जितनी पहले थी, उतनी ही रहती है।
नसबंदी कराने पर मिलती है प्रोत्साहन राशि:
जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया नसबंदी कराने वाले लाभार्थी को सरकार द्वारा 3000 रुपये एवं उत्प्रेरक को 400 रुपये मिलते हैं। वहीं प्रसव के तुरंत बाद बंध्याकरण कराने पर लाभार्थी महिला को 3000 रुपये तथा उत्प्रेरक को 400 रुपये ,पीपीआईयूसीडी बंध्याकरण पर लाभार्थी को 2000 रुपये, एएनएम को 150 रुपये आशा को 150 रुपये,प्रसव पश्चात कॉपर टी लगवाने पर 300 रुपये, गर्भपात उपरांत कॉपर टी लगवाने पर लाभार्थी को 300 रुपये, एमपी अंतरा प्रति सुई लगाने पर प्रति लाभार्थी 100 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

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