सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल को किया गया चिह्नित
•केयर इंडिया करेगा मूल्यांकन, एक्शन प्लान बनाकर सौंपी जाएगी रिपोर्ट
• बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी
मधुबनी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत संचालित सुरक्षित मातृत्व आश्वासन सुमन कार्यक्रम के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सदर अस्पताल को राज्यस्तर से चिह्नित किया गया है। केयर इंडिया के द्वारा सदर अस्पताल का मूल्यांकन किया जाएगा एवं विस्तृत रिपोर्ट बनाकर स्वास्थ्य समिति को सौंपी जाएगी। इस योजना को केंद्र सरकार द्वारा 10 अक्टूबर 2019 को आरंभ किया गया था। इस योजना के अंतर्गत गर्भवती महिला तथा गर्भस्थ शिशु को विभिन्न प्रकार की निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं। जिससे कि गर्भवती महिलाएं एवं उनके बच्चों की मृत्यु दर में गिरावट लायी जा सके। योजना के तहत प्रसव के 6 महीने बाद तक माता और सभी बीमार नवजात शिशु को नि:शुल्क स्वास्थ्य लाभ दिया जाता है। सुमन योजना का उद्देश्य हर महिला और नवजात शिशु को सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधा पर जाने के लिए किसी भी कीमत पर सम्मानजनक और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करना है। सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत सदर अस्पताल सहित सभी पीएचसी में शिविर लगाकर स्त्री रोग विशेषज्ञ अथवा एमबीबीएस चिकित्सक द्वारा गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व जांच की जाती है। साथ ही उच्च जोख़िम गर्भधारण महिलाओं की पहचान कर उचित प्रबंधन सुनिश्चित करने का प्रयास किया जाता है। इसमें उच्च रक्तचाप, वजन, शारीरिक जाँच, मधुमेह, एचआईवी एवं यूरिन के साथ जटिलता के आधार पर अन्य जाँच की जाती है। साथ ही उच्च जोखिम गर्भधारण महिलाओं को भी चिह्नित किया जाता एवं बेहतर प्रबंधन के लिए दवा के साथ जरूरी परामर्श दी जाती है।
बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं के लिए जरूरी:
सिविल सर्जन डॉ. सुनील कुमार झा ने बताया प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान कार्यक्रम का उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को गुणवत्तापूर्ण प्रसव पूर्व जाँच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ उन्हें बेहतर परामर्श देना है। बेहतर पोषण गर्भवती महिलाओं में खून की कमी होने से बचाता है। इसलिए सभी गर्भवती महिलाओं को जाँच के बाद पोषण के बारे में भी जानकारी दी जाती है। उन्होंने बताया इस अभियान की सहायता से प्रसव के पहले ही संभावित जटिलता का पता चल जाता जिससे प्रसव के दौरान होने वाली जटिलता में काफी कमी भी आती और इससे होने वाली मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है।
गर्भावस्था में ये पांच टेस्ट कराना जरूरी:
•ब्लड टेस्ट
•यूरिन टेस्ट
•ब्लड प्रेशर
•हीमोग्लोबिन
•अल्ट्रासाउंड
उच्च जोख़िम गर्भधारण के कारण :
गर्भावस्था के दौरान 4 प्रसव पूर्व जाँच प्रसव के दौरान होने वाली जटिलताओं में कमी लाता है। सम्पूर्ण प्रसव पूर्व जाँच के अभाव में उच्च जोख़िम गर्भधारण की पहचान नहीं हो पाती। इससे प्रसव के दौरान जटिलता की संभावना बढ़ जाती है।
• गर्भावस्था में 7 ग्राम से खून का कम होना
• गर्भावस्था में मधुमेह का होना
• एचआईवी पॉजिटिव होना
• अत्यधिक वजन या कम होना
• पूर्व में सिजेरियन प्रसव का होना
• उच्च रक्तचाप की शिकायत होना
उच्च जोख़िम गर्भधारण के लक्षण :
• पूर्व की गर्भावस्था या प्रसव का इतिहास
• दो या उससे अधिक बार गर्भपात हुआ हो
• बच्चा पेट में मर गया हो या मृत पैदा हुआ हो
• कोई विकृति वाला बच्चा पैदा हुआ हो
• प्रसव के दौरान या बाद में अधिक रक्तस्राव हुआ हो
• गर्भधारण से पहले कोई बीमारी हो
• उच्च रक्तचाप
• दिल या गुर्दे की बीमारी
• टीबी या मिरगी का होना
• पीलिया या लिवर की बीमारी
• हाइपोथायराइड से ग्रसित होना