जिले में 27 दिसंबर से आशा खोजेंगी कालाजार मरीज, दिया गया प्रशिक्षण
•16 प्रखंड के 60 गांव में चलेगा अभियान
•कालाजार मरीज को मिलती है 7100 सौ रुपए प्रोत्साहन राशि
•वर्ष 2021 में जिले में कालाजार मरीजों की संख्या 21
मधुबनी जिले में कालाजार रोगी खोज अभियान 27 दिसंबर को शुरू होगा। कार्यक्रम के सफल संचालन को लेकर जिले के 79 आशा एवं 64 आशा फैसिलिटेटर को लगाया गया है। अभियान जिले के 16 प्रखंड के 60 गांव के 19750 घरों में किया जाएगा। कालाजार उन्मूलन अभियान के तहत संबंधित प्रखंड की आशा कार्यकर्ता कालाजार मरीजों की खोज करेंगी। ताकि लक्षण व पहचान के आधार पर मरीजों को आसानी से पहचान सके। कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ विनोद कुमार झा ने सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीसीएम एवं प्राथमिक स्वास्थ्य प्रबंधक को आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। डॉ. झा ने बताया कालाजार प्रभावित गांव में कालाजार रोगी की पहचान की जानी है। इसके लिए जिले की आशाओं को प्रशिक्षण दिया गया है। आशा अपने क्षेत्र में दी गयी समयावधि में सभी घरों में कालाजार मरीजों को खोजेंगी एवं प्रतिदिन की रिपोर्ट अपने आशा फैसिलिटेटर को देंगी। वहीं केटीस और केबीसी कालाजार रोगियों का सत्यापन कर उसकी जांच को सुनिश्चित करवाएगी। आशा फैसिलिटेटर आशा के द्वारा की जा रही कार्यों पर नजर रखेंगी। प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक घर-घर कालाजार खोज कार्यक्रम की निगरानी एवं अपने प्रखंड के कालाजार तकनीकी पर्यवेक्षक एवं जिला सामुदायिक उत्प्रेरक को ब्यौरा उपलब्ध कराएंगे। आशा ,कालाजार के लक्षण वाले मरीज को पीएचसी रेफर करेंगी। जहां डॉक्टर मरीज की जांच करेंगे। उसके बाद आरके 39 से जांच की जाती है । इन सभी कार्यवाहियों में केयर इंडिया भी सहयोग करेगा।
कालाजार मरीजों के मिलती है प्रोत्साहन राशि:
सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार झा ने बताया कालाजार मरीजों को इलाज के बाद राशि दी जाती है । जिसके तहत मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के अंतर्गत कालाजार मरीजों को इलाज के बाद 6600 रुपये एवं भारत सरकार की तरफ से 500 रु की राशि देने का प्रावधान है । जबकि पीकेडीएल के मरीज को इलाज के बाद एकमुश्त
4000 की राशि दी जाती है।
जिले के 16 प्रखंड में चलेगा अभियान-
कालाजार मरीज खोज अभियान जिले के 16 प्रखंड में चलेगा । जिसमें बाबूबरही के 1, बासोपट्टी के 3, बेनीपट्टी के 13, बिस्फी के 10, जयनगर के 5, झंझारपुर के 1, खजौली के 4, कलुआही के 1, खुटौना के 4, लदनिया के 1, लखनौर के 1, मधेपुर के 2, पंडौल के 2, रहिका 6, राजनगर 1 गांव में अभियान चलाया जाएगा।
कालाजार उन्मूलन के लिए भारत सरकार का मानक प्राप्त :
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार नीरज कुमार सिंह ने बताया जिले में लगातार छिड़काव के कारण कालाजार उन्मूलन के लिए भारत सरकार का जो मानक है उसे प्राप्त किया जा चुका है। मरीजों की संख्या शून्य करने के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। जिले में वर्ष 2009 में 730 मरीज, 2010 में 630, वर्ष 2011 में 538, वर्ष 2012 में 415, वर्ष 2013 में 321, वर्ष 2014 में 256, वर्ष 2015 में 187, मरीज, 2016 में 108 मरीज, 2017 में 85 मरीज, 2018 में 50, 2019 में 31,और 2020 में 28, वहीं वर्ष 2021 में सितंबर तक 19 मरीज मिले हैं जिसमें वीएल के 16 वह पीकेडीएल के 3 मरीज मिले हैं।
कैसे होगी कालाजार रोगियों की पहचान:
वैसे मरीज कालाजार के रोगी हो सकते हैं जिन्हें
•15 दिन से ज्यादा से बुखार हो
•जिन्हें भूख नहीं लगती हो, उदर बड़ा हो रहा हो
•जिनका वजन लगातार कम हो रहा हो
•शरीर काला पड़ रहा हो
•वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार न हो पर उनके शरीर पर दाग हो और पूर्व में कालाजार के रोगी रह चुके हों।