गायनी विभाग में एक ही छत के नीचे सभी प्रकार की जांच मिली सुविधा
अब गर्भवती महिलाओं को पैथोलॉजी जांच के लिये अन्यत्र जाने की जरूरत नहीं
पूर्व में जांच के लिये डीएमसी व क्लीनिकल पैथोलॉजी सेंटर पहुंचने में होती थी परेशानी
आज पहले दिन 25 महिलाओं की हुई जांच
दरभंगा. डीएमसीएच के गायनिक विभाग में इलाज कराने आये गर्भवती महिलाओं को विभिन्न प्रकार के पैथोलॉजिकल जांच के लिये अन्य विभागों का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. आज से एक ही छत के नीचे महिला मरीजों को आन द स्पाट सभी सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है. पहले दिन करीब 25 गर्भवती महिलाओं की जांच की गयी. विदित हो कि इससे पहले विभाग में पहुंचने वाली महिलाओं को पैथोलॉजिकल जांच के लिये डीएमसी व धोबी घाट स्थित क्लीनिकल जांच सेंटर जाना पड़ता था. दोनों विभाग यहां से तीन से चार सौ मीटर की दूरी पर है. वहीं इन विभागों तक पहुंचने के लिये महिलाओं को भीड़- भाड़ से होकर गुजरना पड़ता है. अस्पताल के सामने मुख्य सड़क से गुजरना आसान नहीं होता है. लिहाजा इस स्थिति से बचने के लिए अधिकांश गर्भवती महिलाओं को रिक्शा का सहारा लेना पड़ता है. इसके लिये महिलाओं को जांच के लिये विलंब हो जाता है. परिणामस्वरूप धोबीघाट स्थिति पैथोलॉजी जांच सेंटर पहुंचने में देरी होने के कारण कर्मियों की ओर से उन्हें अगले दिन आने को कहा जाता है, लेकिन अब अधीक्षक के पहल से गर्भवती महिलाओं को इन समस्याओं से निजात मिल गया है. इसे लेकर मरीज व परिजनों ने अधीक्षक को धन्यवाद दिया है.
पहले जांच कराना नहीं था आसान
मिर्जापुर से आयी निकिता ने बताया कि वह गर्भवती है. छह माह बीतने के बाद आज फिर चिकित्सक के द्वारा जांच के लिये उसे बुलाया गया था. विभाग पहुंचने पर चिकित्सकों से परामर्श के बाद पैथोलॉजी जांच करानी थी. सामान्य दिनों की भांति जांच के लिये बाहर जाने के लिये मेन गेट पर पहुंची ही थी कि एक कर्मी ने बताया कि अब धोबीघाट नहीं जाना होगा. अब यहीं जांच की जाएगी. केवल कुछ जांच जैसे कोरोना, यूरिन आदि की जांच के लिये दूसरे विभाग जाना होगा. बताया कि यह जानकर बहुत खुशी हुई. निकिता ने बताया कि इससे पहले वह अपने अभिभावक के साथ मार्च माह में आयी थी. जांच के लिये धोबी घाट भेज दिया गया, लेकिन अब यह समस्या दूर हो गयी है. इसके लिये अस्पताल प्रशासन प्रशंसा की पात्र है. इस संबंध में अधीक्षक डॉ एचएस मिश्रा ने बताया कि गर्भवती महिलाओं के सुविधा के लिये यह शुरुआत की गयी है. पहले जांच के लिये अन्य विभाग जाने में परेशानी को देखते हुए यह पहल की गयी है, ताकि महिलाओं को समस्या न हों.