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आशा के सर्वे का सिविल सर्जन ने किया मूल्यांकन -गृह आधारित नवजात देखभाल का किया सत्यापन

आशा के सर्वे का सिविल सर्जन ने किया मूल्यांकन

-गृह आधारित नवजात देखभाल का किया सत्यापन

-संस्थागत प्रसव,परिवार नियोजन, टीकाकरण सहित कई बिंदुओं पर की जाँच

मधुबनी  स्वास्थ्य विभाग लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। साथ ही वांछित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को सिविल सर्जन डॉ सुनील कुमार ने रहिका प्रखंड स्थित वीएचएसएनडी साइड का निरीक्षण किया तथा उपस्थित आशा तथा आशा फैसिलिटेटर के द्वारा किए गए सर्वे कार्य का मूल्यांकन किया । इस दरमियान उन्होंने उपलब्ध करायी जा रही सभी सुविधाओं की बारीकी से जांच की। जिसके तहत सत्र स्थल पर आने वाली गर्भवती माताओं,धात्री माताओं की प्रसव पूर्व जांच, आयरन फोलिक की टेबलेट वितरण , परिवार नियोजन के अस्थाई साधन, स्थाई साधनों के लिए पंजीयन, कोविड टीकाकरण, नवजात शिशुओं की आशा द्वारा की जाने वाली गृह आधारित नवजात देखभाल की लिस्ट की जांच की तथा लाभार्थी के घर पहुंच रिपोर्ट का सत्यापन किया। स्थल पर उपस्थित महिलाओं को उन्होंने संस्थागत प्रसव के बारे में जानकारी दी तथा किसी भी उच्च जोखिम वाले प्रसव के लिए सदर अस्पताल में बेहतर सुविधा (सिजेरियन प्रसव) की सुविधा आदि के बारे में जानकारी दी.।

क्या है गृह आधारित नवजात देखभाल:

सिविल सर्जन ने बताया नवजात को बेहतर देखभाल की जरूरत होती है। शिशु जन्म के शुरुआती 42 दिन अधिक महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान उचित देखभाल के अभाव में शिशु के मृत्यु की संभावना अधिक होती है। इसको ध्यान में रखते हुए होम बेस्ड न्यू बोर्न केयर ( एचबीएनसी) यानि गृह आधारित नवजात देखभाल कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है। इस कार्यक्रम के तहत संस्थागत प्रसव एवं गृह प्रसव दोनों स्थितियों में आशा लाभार्थी के घर जाकर 42 दिनों तक नवजात की देखभाल करती हैं। एचबीएनसी कार्यक्रम के तहत आशाएं संस्थागत एवं गृह प्रसव दोनों स्थितियों में गृह भ्रमण कर नवजात शिशु की देखभाल करती हैं। संस्थागत प्रसव की स्थिति में 6 बार गृह भ्रमण करती हैं( जन्म के 3, 7,14, 21, 28 एवं 42 वें दिवस पर)। गृह प्रसव की स्थिति में 7 बार ( जन्म के 1, 3, 7,14, 21, 28 एवं 42 वें दिवस पर)गृह भ्रमण करती हैं।

क्या है वीएचएसएनडी

वीएचएसएनडी ( ग्रामीण स्वास्थ्य स्वच्छता एवं पोषण दिवस ) स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार और शुक्रवार को लोगों को उपचारात्मक सेवाओं के प्रावधान के लिए प्लेटफार्म प्रदान करने का कार्य करता है। जहां परामर्श एवं व्यवहार परिवर्तन के लिए जागरूकता उत्पन्न करने के लिए एक मंच होने के साथ प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के तहत टीकाकरण, प्रसव पूर्व जांच, पोषण वृद्धि निगरानी, एवं शिशु विकास संबंधी सेवाएं प्रदान की जाती है। सत्र स्थल पर मुख्य रूप से प्रसव पूर्व देखभाल, सभी गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण, महिलाओं को एएनसी सेवा देना, गर्भवती महिलाओं की निगरानी करना, परिवार नियोजन के अस्थाई साधन ( अंतरा,छाया, माला डी कंडोम, इमरजेंसी कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स) उपलब्ध कराना तथा अस्थाई साधनों के लिए पंजीयन करना, बच्चों का टीकाकरण, कोविड टीकाकरण करना आदि शामिल है.।

मौके पर केयर इंडिया के डीटीएल महेंद्र सिंह सोलंकी, जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास सहित कई कर्मी उपस्थित थे।

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