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दरभंगा  स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा संचालित किया जायेगा. यह कार्यक्रम 30 जुलाई तक चलाया जायेगा.

जिला में आज से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का किया जायेगा आयोजन
-आगामी 30 जुलाई तक चलाया जायेगा पखवाड़ा
-विभाग की ओर से पांच साल तक से नीचे के बच्चों के परिजनों को दिया जायेगा पैकेट
-सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में लगाया जायेगा ओआरएस व जिंक कार्नर
दरभंगा  स्वास्थ्य विभाग की ओर से आज से सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा संचालित किया जायेगा. यह कार्यक्रम 30 जुलाई तक चलाया जायेगा. इसके तहत सभी सरकारी अस्पतालों में चलाया जायेगा. इसके तहत सभी स्वास्थ्य संस्थानों में ओआरएस जिंक कार्नर लगाया जायेगा, ताकि लोगों को जागरूक कर दवा वितरित की जाय. खासकर शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से कई अभियान चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा डायरिया से पीड़ित मरीजों को जिंक का 14 टैबलेट भी दिये जाने का प्रावधान है. विभाग की ओर से सभी स्वास्थ्य केन्द्रों को पर्याप्त मात्रा में ओआरएस व जिंक का टैबलेट उपलब्ध करा दिया गया है. मालूम हो कि शिशु मृत्यु दर को शून्य स्तर तक लाने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा का आयोजन किया जाता है. इसके तहत पांच साल तक के बच्चों को दस्त (डायरिया) से बचाने के लिए ओआरएस एवं जिंक की गोली का सेवन कराया जायेगा. विदित हो कि इस मौसम में डायरिया का प्रकोप बढ़ना शुरू हो जाता है. इसलिए विभाग की ओर से यह पखवाड़ा चलाया जा रहा है.
जिले में सात लाख बच्चे लक्षित-
सघन दस्त नियंत्रण पखवाड़ा को लेकर जिले में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं . इसके लिए कुल सात लाख बच्चों को ओआरएस का घोल देने का लक्ष्य रखा गया है. अभियान के तहत प्रत्येक घर मे शून्य से पांच वर्ष के मौजूद बच्चों के लिए एक ओआरएस का पैकेट प्रदान करना है. वहीं जिन घरों के बच्चे दस्त से पीड़ित हैं उन्हें दो पैकेट एवं 14 जिंक टैबलेट की गोली देनी है.
आशाकर्मी व आंगनबाड़ी सेविका निभाएंगी अहम भूमिका-
जिले में अभियान को सफल बनाने में आशा कर्मी एवं आंगनबाड़ी सेविका अहम भूमिका निभाएंगी. आशा कर्मी एव सेविका क्षेत्र स्थित घरों तक जाकर ओआरएस एवं जिंक की दवा वितरण करेंगी. साथ ही साथ लोगों को दस्त (डायरिया) के बारे में भी जागरूक करेंगी.
डायरिया बच्चों के लिए जानलेवा-
डीआईओ सह दस्त नियंत्रण पखवाड़ा के नोडल अधिकारी डॉ एके मिश्रा ने बताया कि बच्चों के लिए डायरिया काफी खतरनाक होता है. यदि सावधानी नहीं बरती गई तो इससे बच्चों की जान भी जा सकती है. बताया कि शिशु मृत्यु दर को कम करने के उद्देश्य से हर वर्ष यह पखवाड़ा मनाया जाता है, जिसमें लोगों को जागरूक किया जाता है. उन्होंने बताया कि अभियान के तहत प्रत्येक घरों में आशा कर्मी के द्वारा ओआरएस का पैकेट एवं जिंक की गोली प्रदान की जाएगी.

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