लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के मामलों का करें ससमय निवारण
दरभंगा, अपर समाहर्त्ता (लोक शिकायत निवारण)-सह-जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी अजय कुमार द्वारा सभी लोक प्राधिकार को पत्र निर्गत करते हुए कहा है कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम आमजनों को निर्धारित अवधि में उनके आवेदनों/परिवादों का निराकरण करने हेतु सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है।
उन्होंने कहा कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम माननीय मुख्यमंत्री, बिहार के की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है। इस योजना के अन्तर्गत 60 कार्य दिवसों में परिवादों का निराकरण जिला, अनुमण्डल एवं प्रखण्ड स्तर के लोक प्राधिकारों के अपेक्षित सहयोग से किया जाना है।
उन्होंने कहा कि परंतु वर्तमान में लोक शिकायत निवारण कार्यालयों से यह ज्ञात हो रहा है कि कुछ लोग प्राधिकारों की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के मिलने के कारण परिवादों/अपीलवादों के निराकरण/निष्पादन में विलंब हो रहा है, जिसके कारण कई मामले को लंबित विस्तारित रखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि “जनता के दरबार मुख्यमंत्री” कार्यक्रम में माननीय मुख्यमंत्री बिहार के समक्ष ऐसे अनेकों मामले प्रकाश में आये हैं, जो बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के अन्तर्गत दायर किये गये है। परन्तु उन मामलों में लोक प्राधिकार की ओर से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के कारण परिवाद का निराकरण न कर केवल निष्पादन किया गया है, जो अधिनियम की मूल भावना के विपरीत है।
उन्होंने कहा कि लोक प्राधिकार से अपेक्षित सहयोग नहीं मिलने के कारण जिले की रैंकिंग पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
विदित हो कि 16 जुलाई 2022 को आयुक्त, दरभंगा प्रमण्डल,दरभंगा द्वारा लोक शिकायत निवारण से संबंधित मामलों/वादों की समीक्षा के क्रम में उन्होंने सभी लोक प्राधिकार को ससमय परिवादों का निवारण करने एवं परिवाद से संबंधित कार्रवाई सहित आवश्यक दस्तावेज की सॉफ्ट प्रति (पी.डी.एफ) में उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।
उक्त के आलोक में उन्होंने दरभंगा जिला के सभी प्राधिकारों को निर्देश दिया कि बिहार लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम से संबंधित मामलों में परिवाद का निराकरण करते हुए ससमय तत्संबंधी प्रतिवेदन के साथ संबंधित वाद के अभिलेख/साक्ष्यों/ दस्तावेजों की पी.डी.एफ.(सॉफ्ट कॉपी) के साथ लोक शिकायत निवारण कार्यालय में उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, ताकि प्रतिवेदन एवं साक्ष्यों को विभागीय पोर्टल पर अपलोड किया जा सके।