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ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की ओर से दुर्घटना ग्रस्त व्यक्तियों के जिंदगी बचाने के सीखाये गुण

ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की ओर से दुर्घटना ग्रस्त व्यक्तियों के जिंदगी बचाने के सीखाये गुण
स्कूली बच्चों को मरीजों को ससमय मदद करने की दी सीख
मरीजों की मदद के लिये जागरूकता पर दिया बल
सड़क दुर्घटनाओं में भारत अव्वल नंबर पर- डॉ ओम प्रकाश

 

दरभंगा. मिथिलांचल ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन की ओर से इंडियन ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के थीम इच वन सेव वन (हर एक के द्वारा एक जान की रक्षा) के तहत मिशन कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. इस कड़ी में गुरुवार को बेला पब्लिक स्कूल में सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोगों की रक्षा करने का प्रशिक्षण छात्रों को दिया गया. इसमें दो सौ से अधिक स्टूडेंट ले भाग लिया. बतौर प्रशिक्षक डॉ ओम प्रकाश ने छात्रों को घायल व्यक्तियों के प्राथमिक उपचार व देखरेख की जानकारी दी. कहा कि 2019 में भारतीय मोटर वाहन अधिनियम के तहत सड़क दुर्घटनाओं में लोगों की जान बचाने वाले व्यक्ति को पुलिस या कोर्ट का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा. डॉ प्रकाश ने बच्चों को प्रशिक्षित करते हुये कहा कि सड़क दुर्घटनाओं के बाद उसकी जिंदगी बचाने के लिये राहगीर को प्रयास करनी चाहिये. सबसे पहले उसके पास जाकर उसका हाल चाल लेनी चाहिये. अगर प्राथमिक उपचार की जानकारी हो तो उसे आजमायें. वहीं स्थिति गंभीर होने पर तुरंत उसे अस्पताल पहुंचाने में मदद करें, ताकि समय से उपचार शुरू होने पर मरीज की जिंदगी बचायी जा सकती है.
चार लाख सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख ने गंवायी जान
डॉ ओम प्रकाश ने बताया कि भारत पूरी दुनिया में सड़क दुर्घटनाओं में अब्बल नंबर पर है. 2019 के आंकड़े बताते हैं कि भारत में चार लाख सड़क दुर्घटनाओं में डेढ़ लाख लोगों ने अपने प्राण गवाएं. इनमें अधिकतर जवान पुरुष थे, जिनके गुजर जाने के बाद परिवार को आज तंगी झेलनी पद रही है. कहा कि ट्रेनिंग के बाद कई लोगों की जान बचायी जा सकेगी. बच्चों ने इस ट्रेनिंग में डॉ प्रकाश ने रक्तस्राव को रोकना, हड्डी के टूटने पर उसे स्थिर करना, अचेत परंतु सांस ले रहे मरीज को रिकवरी पोजीशन में लिटाना, सांस रुकने और हृदय गति रुकने की पहचान करना और इफेक्टिव बीएलएस टेक्निक द्वारा छाती दबाकर मस्तिष्क का रक्त प्रवाह जारी रखना आदि सीखाया. डॉ आर के प्रसाद ने हड्डी और जोड़ों को संबंधित जागरूकता के लिए अभियान चलाने का आह्वान किया. उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं में घायल मरीजों की जान बचाने के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम की आवश्यकता पर बल दिया. बेला पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर डॉ बीके मिश्रा ने कहा कि बच्चे की ट्रेनिंग के बाद किसी की जान बचाने में सक्षम हो सकेंगे.
प्राथमिक उपचार की जानकारी होने से बचायी जा सकती जान
मौके पर डॉ आरआर प्रसाद ने कहा कि सड़क पर दुर्घटना के बाद पिड़ित व्यक्ति को सबसे पहले उसके स्थिति का अवलोकन करना चाहिये. कहा कि सड़क दुर्घटना में अधिकांश लोग ससमय इलाज नहीं मिलने से मर जाते है. अगर सबको प्राथमिक उपचार का ज्ञान रहेगा तो ऐसे लोगों की जान बचाई जा सकती है. अंत में धन्यवाद ज्ञापन करते हुये डॉ गौरी शंकर झा ने सड़क दुर्घटना से जुड़े कई पहलूओं के बारे मे छात्रों को जानकारी दी. इससे पहले कार्यक्रम का शुभारंभ बेला बेला पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर डॉ बी के मिश्रा, दरभंगा ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ आर के प्रसाद, कोषाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक डॉ गौरी शंकर झा, बिहार ऑर्थोपेडिक एसोसिएशन के भूतपूर्व अध्यक्ष डॉक्टर एसएन सर्राफ, डॉ आरबी खेतान, डॉ राधिका रमन, डॉ दिलशाद अनवर, डॉ जियाउल होदा शान, डॉ नीरज कुमार व डॉ ओमप्रकाश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया.

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