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दरभंगा:- जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों के ससमय क्रियान्वयन, सुझाव एवं परामर्श हेतु गठित जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक

 

प्राकृतिक जल स्रोतों को मुक्त कराने की मांगे जोर शोर से रखी गयी.

दरभंगा:- जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत विभिन्न गतिविधियों के ससमय क्रियान्वयन, सुझाव एवं परामर्श हेतु गठित जिला परामर्शदात्री समिति की बैठक

रिपोर्ट राजु सिंह ,अजित कुमार सिंह दरभंगा news 24 live

जिला प्रभारी मंत्री-सह-योजना एवं विकास विभाग, बिहार श्री महेश्वर हजारी की अध्यक्षता में समाहरणालय अवस्थित डाॅ. भीमराव अम्बेदकर सभाकक्ष में सम्पन्न हुई।
बैठक की अध्यक्षता करते हुए प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य की बढ़ती आबादी, मानवीय गतिविधि एवं जलवायु परिवत्र्तन से उत्पन्न पारिस्थितिकीय (इकोलोजिकल चैलेंजेज) असंतुलन से निपटने की गंभीर चुनौती आ पड़ी है। जलवायु परिवत्र्तन के चलते गंभीर जल संकट, अतिवृष्टि/अनावृष्टि की स्थिति उत्पन्न हुई है। राज्य सरकार द्वारा जलवायु परिवत्र्तन के दुष्प्रभावो से बचाव हेतु राज्य में जल-जीवन-हरियाली अभियान को मिशन मोड में प्रारंभ किया गया है। उन्होंने कहा कि यह अत्यंत महत्वपूर्ण एवं बड़ी अभियान है।
इस अभियान से हर किसी को जोड़ना होगा। कहा कि पर्यावरण संतुलन हेतु हरित आवरण को बढ़ाना, ऊर्जा की बचत करना, नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देना, प्राकृतिक जल संसाधनों का संरक्षण एवं पुनजीर्वित करना आज के समय की सबसे बड़ी माँग है। उन्होंने माननीय जनप्रतिनिधियों से अपनी राय एवं सुझाव देने का अनुरोध करते हुए जिलेवासियों से जल-जीवन-हरियाली अभियान में सशक्त भागीदारी निभाने हेतु अपील किया।
इसके पूर्व जिलाधिकारी, दरभंगा डाॅ. त्यागराजन एस.एम. द्वारा जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी 11 अवयवों के क्रियान्वयन के संदर्भ में प्रगति का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। उन्होंने कहा कि जल-जीवन-हरियाली अभियान के सभी 11 अवयवों के क्रियान्वयन को राज्य में मिशन मोड में लागू किया गया है। राज्य के सभी प्राकृतिक जलश्रोतों की पहचान एवं इसके पुनर्जीविकरण हेतु माननीय जनप्रतिनिधियों से सुझाव एवं परामर्श प्राप्त करने हेतु आज यह बैठक बुलाई गई हैं. बताया कि सुदूर संवेदन प्रणाली द्वारा तथा जिला स्तर पर कुल 7322 जल संचयन संरचनाओं को चिन्ह्ति किया गया है,जिसमें से 891 संरचनाओं पर अतिक्रमण पाया गया है. इसमें से 357 संरचनाओं को अंतिम रूप से मुक्त करा लिया गया है।
उन्होंने बताया कि जिला मेँ 01 एकड़ से अधिक रकवा वाले तालाबों की संख्या 2872 है, इसमें से 33 तालाबों पर कार्य प्रारंभ हुआ है एवं भटोखर पोखर का जीर्णोद्धार कार्य पूर्ण करा लिया गया है। 01 एकड़ से कम रकवा वाले कुल 501 तालाबों में से 202 तालाबों का जीर्णोद्धार पूर्ण हो गया है। साथ ही 90 आहर एवं 15 पईन का जीर्णोद्धार भी हो गया है।
बताया कि शहरी क्षेत्र में 02 एवं ग्रामीण क्षेत्र में 34 सार्वजनिक कुँओ का भी जीर्णोद्वार कार्य पूर्ण हो गया है। बताया कि जिला में कुल 439 लक्ष्य के विरूद्ध 123 नये जल श्रोतों का सृजन किया गया है। वहीं सरकारी भवनों के छत पर वर्षा जल संचयन संयत्र स्थापित करने का कार्य भी तेजी से हो रहा है। इसमें 2853 लक्ष्य के विरूद्ध 139 भवनों के छत पर वर्षा जल संचयन का कार्य पूर्ण हो गया है। उन्होंने बताया कि श्रीपुर (बहादुरपुर) एवं डुमरी में कुछ प्रगतिशील किसानों द्वारा जैविक खेती एवं टपकन सिंचाई को अपनाकर जिला में उत्कृष्ट मिशाल पेश किया है।
बैठक में उपस्थित विधान पार्षद सुनील कुमार सिंह ने बेनीपुर प्रखण्ड अन्तर्गत भटोखर पोखर के जीर्णोद्धार एवं सौदर्यीकरण कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि जिला के प्रत्येक पंचायत में एक-एक पोखर/तालाब का जीर्णोद्वार/सौदर्यीकरण कराई जाये। उन्होंने सड़कों के किनारे वृक्षारोपण कराने एवं घनश्यामपुर प्रखण्ड के बथुआ घाट में चेकडैम का निर्माण कराने का प्रस्ताव रखा।
विधान पार्षद अर्जुन सहनी ने अतिक्रमित पोखरों को मुक्त कराने की माँगे रखी। माननीय विधायक, जाले जीवेश मिश्रा ने कहा कि यहाँ बड़ी संख्या में सरकारी पोखरों को अतिक्रमित कर लिया गया है। 24 आहर/पैन विलुप्त हो गया है। इन सभी पोखरों को चिन्ह्ति कर मुक्त कराने की कार्रवाई की जाये। उन्होंने भरवारा में दिग्घी पोखर सहित कुल 18 पोखरों का पुनरूद्धार कराने का प्रस्ताव रखा।
माननीय नगर विधायक संजय सरावगी ने कंशी पंचायत में अवस्थित 25 एकड़ रकवा का तालाब सहित नगर क्षेत्र में सभी बड़े-बड़े तालाबों को अतिक्रमण मुक्त कराकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया।
माननीय विधायक, केवटी फराज फातमी ने लालगंज स्थित बाढ़ पोखर के जीर्णोद्धार कार्य को प्राथमिकता सूची में शामिल करने का प्रस्ताव दिया। उन्होंने बाढ़ पोखर सहित सतियारी पोखर, रैयाम पोखर, पछाड़ी स्थान पोखर, मोहन पोखर, रजोखर पोखर आदि का जीर्णोद्धार कराकर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का सुझाव दिया। उन्होंने मिथिला के प्रसिद्ध माछ/मखान के उत्पादन में वृद्धि हेतु कार्रवाई करने का भी सुझाव दिया। वृक्षारोपण में आम के पेड़ को प्राथमिकता देने की भी बातें कहीं।

विधायक शशि भूषण हजारी ने तरवीन के माध्यम से सरकारी तालाबों को हड़प लिये जाने पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि कुशेश्वरस्थान विधान सभा क्षेत्र में हजारों एकड़ गैर-मजरूआ जमीन को अतिक्रमित कर लिया गया है। उन्होंने अतिक्रमित सभी भूमि को अभियान चलाकर मुक्त कराने का प्रस्ताव रखा।
जिप अध्यक्षा श्रीमति गीता देवी ने जिला में अवस्थित सभी सरकारी जल श्रोतों की सूची अंचलाधिकारी से प्राप्त कर आवश्यक कार्रवाई करने का सुझाव दिया।
इस बैठक में माननीय मंत्री/माननीय विधायक/पार्षद/जिप अध्यक्षा सहित जिला पदाधिकारी, वरीय पुलिस अधीक्षक, बाबुराम, नगर पुलिस अधीक्षक, योगेन्द्र कुमार, नगर आयुक्त घनश्याम मीणा, उप विकास आयुक्त, कारी प्रसाद महतो, सहायक समाहर्ता, विनोद दूहन, निदेशक, डी.आर.डी.ए. वसीम अहमद, सिविल सर्जन डाॅ. ए.के. झा, सभी संबंधित विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी, कार्यपालक अभियंता, सभी अनुमण्डल पदाधिकारी उपस्थित थे।

जिला जन सम्पर्क पदाधिकारी
दरभंगा।

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