डी.जे. की अध्यक्षता में लैंगिक हिंसा के विरुद्ध अंतराष्ट्रीय महिला जागरूकता पखवाड़ा के तहत समापन समारोह का किया गया आयोजन
दरभंगा, समाहरणालय अवस्थित बाबा साहेब डॉ. भीमराव अम्बेदकर सभागार में सखी वन स्टॉप सेन्टर, दरभंगा द्वारा आयोजित लैंगिक हिंसा के विरुद्ध अंतराष्ट्रीय महिला जागरूकता पखवाड़ा के तहत आज आखरी दिन समापन समारोह का आयोजन माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री विनोद कुमार तिवारी एवं उप विकास आयुक्त अमृषा बैंस द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
इस अवसर पर किलकारी, दरभंगा के बच्चों द्वारा स्वागत गान की भव्य प्रस्तुति की गई। वहीं आगत अथितियों का स्वागत एवं विषय प्रवेश डी.पी.ओ.(समेकित बाल विकास परियोजना) डॉ. रश्मि वर्मा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की संचालन करते हुए महिला संरक्षण पदाधिकारी-सह- केन्द्र प्रबंधक अज़मातून निशा द्वारा लैंगिक हिंसा एवं लैंगिक भेदभाव पर विस्तार पूर्वक जानकारी देते हुए महिलाओं के प्रति हो रही विभिन्न प्रकार के हिंसा, भ्रूण हत्या, शिक्षा से वंचित रखना, बेटा पैदा करने के लिए अनुचित दबाब देना, आर्थिक हिंसा, मनोवैज्ञानिक हिंसा, दहेज प्रथा आदि विषयों पर जानकारी दिया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश माननीय विनोद कुमार तिवारी द्वारा उपस्थित लोगों को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस के अवसर पर लोगों के अधिकारों की रक्षा एवं महिला हिंसा और भेदभाव के खिलाफ जागरूकता फैलाने के उद्देश्य सभी लोगों को शपथ दिलायी गयी।
उक्त अवसर पर अपने संबोधन में माननीय जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा कहा गया कि महिला सरस्वती है, महिला लक्ष्मी है और महिला ही काली है। उन्होंने कहा कि महिला ही घर को सरस्वती और लक्ष्मी बनकर चलाती है, वह घर को स्वर्ग बनाने के लिए छोटी-छोटी बातों को नजर अंदाज कर के चलती है और पुरुष छोटे-छोटे बातों को पकड़ कर विवाद पैदा करना चाहते हैं, तो उस स्थित में महिला को काली बनने की आवश्यकता है और प्रताड़ना के खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत है।
इस अवसर पर उप विकास आयुक्त ने कहा कि महिला को शिक्षित होना बेहद आवश्यक है। जिस घर की महिला शिक्षित है, उनका मान सम्मान परिवार और समाज के द्वारा किया जाता है और परिवार के विकास में भी सहायक होता है।
जागरूकता पखवाड़ा में आयोजित कार्यक्रम में चित्रांकन प्रतियोगिता के लिए प्रथम पुरस्कार रिया रश्मि, द्वितीय पुरस्कार शिवानी कुमारी और तृतीय पुरस्कार रेशम कुमारी तथा निबंध प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार सिमरन कुमारी, द्वितीय पुरस्कार अंशु कुमारी, तृतीय पुरस्कार ज्योति कुमारी को दिया गया ।
इसके साथ ही लैंगिक भेदभाव पर टारगेट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलोजी के निदेशक डॉ. कायनात आफ़ताब और पूजा रानी के देख-रेख में छात्र-छात्रों द्वारा नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया गया।
उक्त अवसर पर चाइल्ड लाइन केन्द्र समन्वयक अराधना कुमारी, सच्चिदानंद झा, पंकज कुमार चौधरी, वन स्टॉप सेंटर की परामर्शी अनुपम मिश्रा, महावीर कुमार, कानूनी सलाहकार बेबी सरोज आदि उपस्थित थे।