लाइब्रेरियन बहाली की मांग को लेकर सभापति, मंत्री व विधायक को छात्रों ने सौंपा ज्ञापन
दरभंगा आज ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष शरद कुमार सिंह के नेतृत्व में लाइब्रेरियन बहाली की माँग को लेकर नगर विधायक संजय सरावगी, समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी और बिहार विधानसभा प्राक्कलन समिति के सभापति भाई वीरेन्द्र जी को ज्ञापन सौंपा। मौके पर जिला सचिव रामसुन्दर चौरसिया, प्रिंस राज, गुड्डू राज, कुन्दन कुमार, विक्रम कुमार और प्रो० गंगा प्रसाद यादव आदि उपस्थित थे। ज्ञापन में बिहार के माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक एवं राज्य के सभी विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन बहाली करवाने के संबंध में ध्यान आकर्षित कराया गया। ज्ञापन के द्वारा माननीय को बताया गया कि बिहार राज्य में 15 वर्षों से राज्य के माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन की बहाली लंबित है। जिससे इस क्षेत्र में प्रशिक्षित बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस और मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस के लाखों छात्र बेरोजगारी की मार झेल रहे हैं। जबकि बिहार सरकार के द्वारा 2008 में ही पुस्तकालय अधिनियम लागू किया गया था। इसके बावजूद भी बगैर लाइब्रेरियन का अन्य कर्मचारियों के द्वारा लाइब्रेरी का संचालन किया जाता है जो कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए अभिशाप है। विधानसभा सत्र के दौरान जब भी माननीय विधायकगण और माननीय विधान पार्षदगणो के द्वारा लाइब्रेरी बहाली के संबंध में सवाल किए जाते हैं तो शिक्षा मंत्री पुनः नियमावली बनाने के नाम पर टाल-मटोल जवाब देकर निकल जाते हैं। यह सिलसिला नियमावली बनाने के नाम पर लगभग 5 वर्षों से जारी है। बिहार विधानसभा सत्र के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री के द्वारा घोषणा भी किया गया था कि जहां के पुस्तकालय में 500 से अधिक किताबें होगी। वहां लाइब्रेरियन की बहाली की जाएगी। बिहार के कुल 9360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। जहां अभी तक पद का सृजन भी नहीं हुआ है। बिहार सरकार के नियमावली के अनुसार प्रत्येक माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष एवं कनीय पुस्तकालय अध्यक्ष का होना आवश्यक है। बिहार के सभी इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, मेडिकल कॉलेज व सभी स्तर के महाविद्यालय, विश्वविद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष और सहायकों की 90% से ऊपर सीटें रिक्त है। वहीं मिथिला विश्वविद्यालय जैसे बड़े विश्वविद्यालय में भी सिर्फ बिलिस मात्रा की पढ़ाई होती है। यहां भी एमलीस और पीएचडी की पढ़ाई होनी चाहिए।
हम छात्र माननीय से आग्रह करते है कि हम छात्रों के भविष्य और बिहार के अंदर बेहतर शिक्षा हेतु उक्त मांगों पर भी अपने स्तर से विचार कर अभिलंब पुस्तकालय अध्यक्ष और सहायकों की बहाली सुनिश्चित करवाने में अपना बेहतर योगदान देने की कृपा करें। मौके पर तीनों माननीय ने अपने स्तर से लाइब्रेरी साईंस के छात्रों के मांगो को सरकार तक पहुंचा कर अविलंब बहाली करवाने का आश्वासन दिया।