पात्र लाभुक उठा सकते हैं पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ
www.pmvishwakarma.gov.in पर करें पंजीकरण
दरभंगा • प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना पूरी तरह से भारत सरकार द्वारा वित्तपोषित है,इस योजना को सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय और वित्तीय सेवा विभाग,वित्त मंत्रालय भारत सरकार द्वारा संयुक्त रूप से लागू किया गया है,जिसका राज्य स्तरीय क्रियान्वयन राज्य सरकार के माध्यम से किया जाना है।
पीएम विश्वकर्मा योजना का उद्देश्य परंपरागत तरीके से काम कर रहे हैं वैसे कारीगरों एवं शिल्पकारों को लाभ प्रदान करना है, जो या तो स्व-नियोजित है या अपने स्वयं के लघु उद्यम स्थापित करने की इच्छा रखते हैं।
योजना में कारीगरों और शिल्पकारों को उनके संबंधित व्यवसाययों के लिए पूर्ण रूप से सहायता प्रदान करने की कल्पना की गई है। इस योजना को चरणबद्ध तरीके से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में लागू किया जाना है।
योजना में मुख्य रूप से महिलाओं और अनुसूचित जातियों/ अनुसूचित जनजातियों/अन्य पिछड़ा वर्ग विशेष रूप से सक्षम, ट्रांसजेंडर संबंधित लोगों को सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है।
पीएम विश्वकर्मा योजना के क्रियान्वयन के दौरान बीमा,पेंशन और स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ उठाने के लिए जागरूकता को बढ़ावा दिया जाएगा।
योजना में चयनित ट्रेड/उद्योग परंपरागत तरीके से काम कर रहे कारीगरों और शिल्पकारों को लाभ प्रदान करने के लिए प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत निम्नलिखित ट्रेड्स/ उद्योगों का प्रारंभिक रूप से शामिल किया गया है जिनमें लकड़ी आधारित कारपेंटर,वोट मेकर, लोहा और धातु आधारित आर्मरर,लोहार, हथौड़ा और टूलिकिट निर्मता, ताला बनाने वाला सोना चाँदी आधारित सोनार, मिट्टी आधारित कुम्हार, स्टोन आधारित मूर्तिकार, चमड़ा आधारित मोची/ जूते कारीगर, निर्माण आधारित राज मिस्त्री एवं अन्य टोकरी,चटाई झाड़ू,नारियल कॉयर बुनकर, गुड़िया और खिलौना निर्माता, नाई,माला निर्माता, धोबी, दर्जी मत्स्य पालन जाल निर्माता शामिल है।
योजना हेतु पात्रता स्व-नियोजित या इच्छुक कारीगर और शिल्पकार जो योजना में चिन्हित 18 ट्रेड्स में से किसी एक से संबंधित है।
वैसे व्यक्ति जो या तो स्वरोजगार कर रहे हैं, या अपना उद्यम स्थापित करने का इच्छा रखते हैं। पंजीयन करते समय उम्र कम से कम 18 वर्ष हो। एक परिवार में केवल एक व्यक्ति योजना का लाभ उठा सकते हैं। कोई भी व्यक्ति जिसने पीएमईजीपी, पी एम मुद्रा योजना, पीएम स्वनिधि योजना आदि जैसी किसी भी समान केंद्रीय या राज्य योजनाओं का लाभ पिछले 05 वर्षों में नहीं लिया है, पीएम मुद्रा एवं स्वनिधि योजना के लाभुक के लिए जिन्होंने अपना ऋण स्वीकृत पूरी तरह से चुकता कर दिया हो,वे पीएम विश्वकर्मा योजना में आवेदन कर सकते हैं।
लाभार्थी और उनका परिवार किसी भी सरकारी सेवा में नहीं हो, परिवार का अर्थ पति,पत्नी एवं उनके अविवाहित बच्चे से हैं।
पंजीकरण के लिए लाभार्थी को आधार कार्ड मोबाइल नंबर आधार लिंक, बैंक विवरण आधार लिंक और राशन कार्ड प्रस्तुत करने होंगे। यदि किसी लाभार्थी के पास राशन कार्ड नहीं है तो उसे परिवार के सभी सदस्यों के आधार कार्ड उपलब्ध कराने होंगे, आवेदन के समय लाभार्थी को अपने आधार से जुड़े बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत करना होगा।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और आईडी कार्ड लाभार्थी को पीएम विश्वकर्मा प्रमाण पत्र और पहचान पत्र डिजिटल के साथ-साथ भौतिक रूप में भी प्रदान किए जाएंगे।
कौशल प्रशिक्षण से पहले सभी पंजीकृत लाभार्थियों के लिए कौशल मूल्यांकन किया जाएगा।
प्रशिक्षण चयनित केन्द्रों पर आयोजित किया जाएगा, प्रशिक्षण के अंत में एक उचित मूल्यांकन किया जाएगा और सफल आवेदकों को नेशनल स्किल क्वालीफिकेशन फ्रेमवर्क सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा।
प्रशिक्षण के दौरान रहने, खाने और आवसन की सुविधा नि:शुल्क प्रदान की जाएगी और मजदूरी मुआवजा सहायता के रूप में 500 रुपये प्रतिदिन प्रदान की जाएगी।
उन्नत प्रशिक्षण हेतु चयनित प्रशिक्षण केन्द्रों पर 15 दिन 120 घंटे या उससे अधिक का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
प्रशिक्षण के अंत में एक उचित मूल्यांकन किया जाएगा और सफल आवेदकों को सर्टिफिकेट प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान रहने खाने और अवासन सुविधा नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा और मजदूरी मुआवजा 500 रुपये प्रतिदिन प्रदान की जाएगी।
टूल किट प्रोत्साहन हेतु बुनियादी प्रशिक्षण की शुरुआत में लाभार्थी को 15000 रुपये टूलकिट के लिए प्रदान किए जाएंगे। यह राशि लाभार्थियों को ई-रूपी/ई-वाउचर के माध्यम से दिया जाएगा, जिसका उपयोग बेहतर टूलकिट प्राप्त करने के लिए चिन्हित केन्द्रों पर किया जा सकता है।
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लाभार्थियों को कोलैटरल फ्री *उद्यम विकास ऋण* के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। लाभार्थी 05 से 07 दिनों के बुनियादी प्रशिक्षण के पूरा होने पर पहले ऋण किश्त के लिए पात्र होंगे और ऋण की दूसरी किश्त उन लाभार्थियों के लिए उपलब्ध होगी,जिन्होंने पहली किश्त का लाभ उठाया है एवं ऋण चुकता स-समय कर दिया हो तथा अपने व्यवसाय में डिजिटल लेनदेन को अपनाया हो।
पहली किश्त ऋण की राशि 01 लाख रुपये तथा ऋण वापसी की अवधि 18 महीने एवं दूसरी किश्त ऋण की राशी 02 लाख रुपये वापसी की अवधि 30 महीने है।
यह योजना डिजिटल ट्रांजेक्शन को बढ़ावा देने के लिए इंसेंटिव प्रदान करती है। प्रति डिजिटल लेन-देन पर एक रुपये (मासिक अधिकतम 100 लेन-देन) का इंसेंटिव प्रदान किया जाएगा, जिसे डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के माध्यम से लाभुक के बैंक खाते में जमा किया जाएगा।
लाभार्थी गुणवत्ता प्रमाणन सहायता के लिए पात्र होंगे जो उनके उत्पादों और सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करेगा और मानक निर्धारित करेगा।
ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स,गवर्नमेंट ई-मार्केटप्लेस (जेएम)पोर्टल, खादी इंडिया, माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम इटरप्राइजेज मार्ट एवं अन्य ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर पीएम विश्वकर्म योजना से लाभान्वित कारीगरों एवं शिल्पकारों के उत्पादों और सेवाओं की सूची बनाना और उन्हें शामिल करना।
ई-कॉमर्स प्लेटफार्म पर निबंध में होने वाले व्यय में छूट के लिए पात्र होंगे,योजना के लाभुकों को व्यापार मेलों में भाग लेने का अवसर प्रदान किया जाएगा।
पंजीकरण सामान्य सेवा केन्द्रों के माध्यम से आवेदन माँग कर या आधार आधारित बायोमेट्रिक प्रमाणित पीएम विश्वकर्मा पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा।
आवेदन के जाँच हेतु लाभार्थी को अपने आधार से जुड़े बैंक खाते का विवरण प्रस्तुत करना होगा।
आवेदक दिए गए लिंक www. pmvishwakarma.gov.in पर पंजीकरण कर सकते हैं।
लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए तीन स्तरीय सत्यापन और अनुमोदन की प्रक्रिया है।
ग्राम पंचायत/नगर निकायस्तर पर सत्यापन पीएम विश्वकर्मा के तहत पंजीकृत कारीगरों और शिल्पकारों के लिए स्क्रीनिंग का पहला कदम ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधान एवं नगर निकाय स्तर पर कार्यकारी प्रमुख प्रशासक के माध्यम से होगा।
जिला कार्यान्वयन समिति द्वारा जाँच और सिफारिश सत्यापन का दूसरा चरण जिला कार्यान्वयन में समिति द्वारा किया जाएगा, जो लाभार्थियों द्वारा किए गए आवेदनों की उचित जाँच और सिफारिश सुनिश्चित करेगी।
लाभार्थियों के पंजीकरण के लिए एम एस एम ई-डीएफओ में स्क्रीनिंग समिति द्वारा जिला कार्यान्वयन समिति से की गई सिफारिश ऑन पर विचार करने के बाद स्वीकृति दी जाती है।