दिल्ली में नमाजियों के प्रति अपमान और हिंसा के खिलाफ दरभंगा में प्रतिवाद
नमाजी नागरिकों पर नहीं हिदुस्तान के संविधान पर लात मारा गया है : माले
दरभंगा • दिल्ली में नमाजियों के प्रति अपमान और हिंसा के खिलाफ भाकपा-माले के दो दिवसीय राष्ट्रव्यापी प्रतिवाद के तहत आज दरभंगा में भाकपा-माले कार्यकर्ताओं ने नफरत व पुलिसिया बर्बरता पर रोक लगाओ, नफरत की राजनीति नहीं चलेगी आदि नारे लगाते हुए प्रतिवाद मार्च निकाला।
प्रतिवाद मार्च में माले जिला सचिव बैद्यनाथ यादव, इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद, एपवा जिला सचिव शनीचरी देवी, अशोक पासवान, किसान महासभा जिला सचिव अभिषेक कुमार, एक्टू जिला सचिव उमेश साह, किसान महासभा जिला अध्यक्ष धर्मेश यादव,शनीचर पासवान,जमशेद ,रंजन सिंह,संजय राम,ललन पासवान,केशरी यादव, सुरेंद्र पासवान, शिवचंद्र पासवान सहित दर्जनों लोगों ने हिस्सा लिया। बड़ी संख्या में पार्टी नेता-कार्यकर्ता शामिल थे. मार्च पोलो मैदान से शुरू हुआ और लहेरियासराय टॉवर , लोहिया चौक से पुन: वापस आकर लहेरियासराय टॉवर पर प्रतिवाद सभा में तब्दील हो गया।
इस अवसर पर माले जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा कि दिल्ली में नमाज पढ़ रहे युवकों पर जो पुलिसिया लात चली है, दरअसल वह बाबा साहेब डाॅ. भीमराव अंबेडकर के बनाए गए संविधान पर हमला है। 2024 चुनाव के ठीक पहले इस तरह का सांप्रदायिक माहौल बनाकर भाजपा वोटों का ध्रुवीकरण करना चाह रही है। देश की जनता इसका मुक्कमल जवाब देगी।
उन्होंने आगे कहा कि नमाजियों को लात से मारना भाजपा की नफरती राजनीति एवं उसके प्रचार-प्रसार का परिणाम है. संविधान में भाईचारे व धर्म की आजादी की बात कही गई है, लेकिन आज उसी संविधान को खत्म करने की साजिश चल रही है।
भाजपा सांसद अनंत हेगड़े ने अपने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए हाल ही में कहा कि 400 पार का जो नारा है, वह इसलिए जरूरी है कि मोदी जी को संविधान बदलना है. भाजपा खुलेआम अब संविधान बदलने की बात कह रही है. संविधान बचाने की लड़ाई हम मजबूती से लड़ते रहेंगे।
उसी दिल्ली या बिहार में कितने मंदिर सड़क पर बने हुए हैं, कितनी शोभायात्राएं चलती हैं, रामनवमी का जुलूस चलता है, बंगाल में महीनों तक पूजा चलता है. इसलिए दिल्ली में हुई घटना में सड़क पर नमाज पढ़ने का दिया जा रहा तर्क केवल और केवल दोषियों को बचाने के लिए है। इसलिए हमारी मांग है कि सभी दोषी पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
आज उसी दिल्ली में सड़क पर आंदोलन करने का कोई अधिकार नहीं है।सड़क पर कील ठोक दिए जाते हैं।केवल धर्म का सवाल नहीं है बल्कि आंदोलनरत तमाम लोगों से सड़कें छीन लिए जा रहे हैं। संविधान नहीं रहेगा तो लोकतंत्र नहीं रहेगा, यदि लोकतंत्र नहीं रहेगा तो देश नहीं रहेगा. भाईचारे की हिफाजत हमें आंदोलन के जरिए ही करनी होगी।
वही इंसाफ मंच के प्रदेश उपाध्यक्ष नेयाज अहमद ने कहा कि राजधानी दिल्ली के इंद्रलोक में जुम्मे की नमाज पढ़ रहे मुस्लिमों को पुलिस ने सरेआम अपमानित किया, नमाज में झुके लोगों को लात मारी, धक्के दिए और पिटाई की। देश में मुस्लिमों के खिलाफ भाजपा लगातार साम्प्रदायिक घृणा व हिंसा फैला रही है। उसने सुरक्षा बलों के साम्प्रदायिकीकरण का भी अभियान चला रखा है इसे हम कत्तई बर्दाश्त नहीं करेंगे
माले नेताओ ने कहा कि इस प्रतिकार को संघर्ष में बदलना है। भाजपा की धारा इस मुल्क व आइन के खिलाफ है। उसने विचार की जो गंदगी फैलाई है, उसके खिलाफ सबको जागृत करना हम सबका दायित्व बनता है। जुल्म व ज्यादती के खिलाफ जितनी भी आवाज बुलंद हो सके, उसे हमें बुलंद करना चाहिए। वे तमाम लोग अंधकार में चले जाएंगे जिन्होंने यह जुल्म फैलाया है।