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• गर्मी व लू से बचाव को लेकर अधिकारियों को DM ने दिए कई निर्देश  • जिले के नागरिक अनावश्यक धूप में नहीं निकले ,बाहर निकलने के पूर्व काफी मात्रा में पेयजल प्राप्त कर लें। पानी हमेशा अपने साथ रखें। • जिला परिवहन पदाधिकारी बस स्टैंड, परिवहन गाड़ियों में ओ.आर.एस., पेयजल तथा प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रखना सुनिश्चित करेंगे।   • सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है की लूं लगे व्यक्तियों को उपचार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दें।

 

गर्मी व लू से बचाव को लेकर अधिकारियों को डी.एम ने दिए कई निर्देश

 

दरभंगा  जिलाधिकारी   राजीव रौशन ने मई _जून महीने में घटित होने वाले अग्निकांड आपदा व भीषण गर्मी एवं लू से बचाव हेतु आपदा प्रबंधन विभाग, बिहार पटना द्वारा जारी दिशा-निर्देश का पालन करने हेतु जिले के अधिकारियों को कई आवश्यक निर्देश दिए हैं।

 

उन्होंने कहा कि पीड़ितों को 24 घंटे के अन्दर सहायता यथा-पॉलीथिन शीट्स, नगद अनुदान तथा वस्त्र एवं बर्तन के अनुदान उपलब्ध करायेंगे।

 

नगर आयुक्त, दरभंगा नगर निगम को शहरी क्षेत्रों तथा नगर पंचायतों में सार्वजनिक स्थानों पर प्याऊ की व्यवस्था, आवश्यकतानुसार चापाकलों की मरम्मती, नगरीय क्षेत्र में अवस्थित आश्रय स्थलों में पेयजल तथा स्लम निवासियों हेतु आकस्मिक दवाओं की व्यवस्था के साथ ही गर्म हवाओं एवं लू से बचाव तथा अग्निकांड की घटना के निदान हेतु आम जनता के बीच प्रचार-प्रसार करवाने का निर्देश दिया गया। अत्यधिक गर्मी और लू से बचने के लिए सभी विद्यालयों , कोचिंग संस्थानों और आंगनबाड़ी केंद्रों में शैक्षणिक कार्य को बंद किया गया है।

वहीं लू हीट वेभ के ईलाज की विषेष व्यवस्था, आईसोलेशन, ए.सी. वार्ड, ओ.आर.एस. पैकेट, एवं जीवन रक्षक दवाएँ यथा संभव सभी चिकित्सालयों में उपलब्ध करवाना, मरीजो, मृतकों से संबंधित प्रतिवेदन जिला आपदा को उपलब्ध कराना, अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों में स्वच्छ पेयजल, प्याऊ के साथ ही चलंत चिकित्सालय एवं वाहन की व्यवस्था के साथ ही हेल्प लाईन, कंट्रोल रूम की व्यवस्था तथा फोन के प्रचार-प्रसार करवाने का निदेश सिविल सर्जन, दरभंगा को दिया गया है।

उन्होने कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य को खराब चापाकलों की युद्ध स्तर पर मरम्मति, संकट ग्रस्त क्षेत्रों में टैंकरो के माध्यम से पेयजल की आपूर्त्ति, भू-गर्भ जल स्तर की लगातार समीक्षा एवं निगरानी करने के साथ-साथ चापा कल मरम्मति दल तथा कंट्रोल रूम का प्रचार-प्रसार करने एवं शिकायतों का समुचित निपटारा करने का निर्देश दिया है।

जिले के नागरिक अनावश्यक धूप में नहीं निकले ,बाहर निकालने के पूर्व काफी मात्रा में पेयजल प्राप्त कर लें। पानी हमेशा अपने साथ रखें।

पशु-पक्षियों हेतु सरकारी ट्यूबवेल के समीप पानी की व्यवस्था/अन्य सुविधायुक्त स्थानों पर गढ़ा खुदवाकर पानी इकट्ठा करवाने एवं बीमार पशुओं के लिए चिकित्सा दल की व्यवस्था करने का निर्देश जिला पशुपालन पदाधिकारी को दिया गया है।

 

सभी पंचायतों में ‘‘क्या करें क्या न करें’’ यथा-पूर्वाह्न 09 बजे तक खाना बना लेना फिर आग को अच्छी तरह बुझा देना, प्याऊ की व्यवस्था एवं आपदा विभाग द्वारा जारी सूचनाओं के प्रचार-प्रसार कराने के साथ-साथ अग्निकांड तथा लू से बचाव हेतू कार्ययोजना बनाना तथा जल संरक्षण पर कार्य करने को निर्देश जिला पंचायती राज पदाधिकारी को दिया गया है, जो स्थानीय जनप्रतिनिधि के साथ समन्वय बनाकर कार्य करना सुनिश्चित करेंगे।

इसके अलावा अग्निशमन विभाग को एलर्ट मोड पर रहने, सभी आवश्यक तैयारी यथा – सही हालत में वाहन, आवश्यक सामग्री की उपलब्धता, 24×7 अग्निशमन संचालन केन्द्र, ग्रामीण क्षेत्रों में फायर बूथ की स्थापना व प्रचार-प्रसार करने का निर्देश दिया गया। वहीं शॉर्ट-सर्किट की घटना को रोकने के लिए विद्युत विभाग को बिजली के तारों को दुरूस्त करवाने का निर्देश दिया गया है।

जिला परिवहन पदाधिकारी बस स्टैंड, परिवहन गाड़ियों में ओ.आर.एस., पेयजल तथा प्राथमिक उपचार की व्यवस्था रखना सुनिश्चित करेंगे।

 

सिविल सर्जन को निर्देश दिया गया है की लूं लगे व्यक्तियों को उपचार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता दें। सदर हॉस्पिटल ,सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,अनुमंडल अस्पताल को 24 घंटे बेहतर ढंग से सुसंचालित करने का निर्देश दिया गया है ।

 

 

 

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