फिलिस्तीन झंडा मामले में गिरफ्तार बच्चे को मिला बेल, डॉ जमाल हसन की मेहनत रंग लाई।
पहली मोहर्रम,8 जुलाई को दरभंगा ज़िला मोहर्रम कमिटी कार्यालय के ठीक सामने बच्चे द्वारा लहराए गए फ़िलिस्तीनी झंडा विवाद को लेकर ज़िला प्रशासन ने मोहम्मद गुलजार को 14 जुलाई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। कल मोहम्मद गुलजार को दरभंगा जिला न्यायालय से बेल मिल गया, जेल से निकलने के बाद बच्चा अपने घर आया तो परिजनों के अलावा पूरे इलाके में खुशी का माहौल देखा गया उसपर आज एडवोकेट अंबर इमाम हाशमी ने अपने आवास पर पत्रकारों से किए गए सवालों पर कहा की गलत तरीके से प्रशासन ने केस कर बच्चों को जेल भेजा है जो पूरी तरह से अनुचित है और इस मामले में सिर्फ और सिर्फ डॉ जमाल हसन ने बच्चे के बेल के लिए मुझसे मिल कर मदद करने की दरखास्त की थी, इनके इलावा किसी ने भी मुझसे बच्चे के मामले में मदद करने को ले कर कोई संपर्क नहीं किया
वही मौके पर मौजूद डॉ जमाल हसन का कहना है कि फिलिस्तीन झंडा लहराने का मामला कोई बड़ा विवाद नहीं था,नफरत फैलाने वालों की राजनीति की वजह से इतना हंगामा हुआ अफसोस इस बात का है कि इस मामले पर कई बड़े दिग्गज नेता पूरी तरह से चुप खड़े थे और वो पीड़ित परिवार के साथ खड़े तक नहीं हुए और ना ही मोहर्रम कमिटी के लोग इस मामले में खड़े हुए,पूरी दरभंगा की जनता उन सभी को पहचान चुकी है जो ऐसे छोटे मामले में गरीब परिवार के साथ खड़ा ना हो पाया। जब वोट लेना हो तो उन गरीबों के दरवाजे पर जाएंगे लेकिन जब वो मुसीबत में होंगे तो कहीं नजर नहीं आएंगे।
डॉ जमाल हसन ने कहा कि मैं शुक्रगुजार हूं एडवोकेट अंबर इमाम हाशमी जी का जिन्होंने इस बच्चे को बेल दिलवाया और पीड़ित परिवार से एक पैसा तक नहीं लिया और आगे कहा की कुछ लोग हर मामले में हिंदू मुस्लिम नफरत फैलाने का काम करते हैं, अपनी गलत और नफरत फैलाने वाली राजनीति के लिए इस मामले को ज्यादा तूल दिया।