पृथक मिथिला राज्य के लिये जंतर मंतर पर जोरदार धरना-प्रदर्शन 28 को
अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समिति के तत्वावधान में 28 जुलाई को संसद के मानसून सत्र के दौरान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर विशाल धरना एवं प्रदर्शन आयोजित किया जाएगा। प्रदर्शन के दौरान समिति की ओर से पृथक मिथिला राज्य के गठन, संवैधानिक भाषा मैथिली को उचित अधिकार, केंद्रीय बजट में मिथिला क्षेत्र के लिए यथोचित राशि के आवंटन, दरभंगा में यथाशीघ्र एम्म का शिलान्यास सहित मिथिला क्षेत्र के सर्वांगीण विकास के ज्वलंत मुद्दों पर आम व खास लोगों का ध्यान आकर्षित किया जाएगा। प्रो अमरेन्द्र कुमार झा के संचालन में आयोजित धरना की अध्यक्षता संघर्ष समिति के अध्यक्ष डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू करेंगे।
वृहस्पतिवार को डा बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने प्रेस बयान जारी कर कहा कि मिथिला के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, राजनैतिक एवं भाषाई आजादी के बिना समग्र मिथिला क्षेत्र का विकास असंभव है। सड़़क से संसद तक संघर्ष जारी है और यह आंदोलन पृथक मिथिला राज्य का गठन होने तक अनवरत जारी रहेगा। डा बैजू ने कहा कि सनातनी मिथिला को पृथक राज्य के रूप में गठन की मांग करते हुए सौ बरस से ऊपर हो गया। इस भौगोलिक क्षेत्र में बंगाल से बिहार, उड़ीसा और झारखंड राज्य बन गया लेकिन पृथक मिथिला राज्य के गठन की आठ करोड़ से अधिक मिथिला वासी के मांग की अब तक अनदेखी किया जाना निंदनीय है। उन्होंने कहा कि मिथिला क्षेत्र लगातार बिहार से अलग होने की बात कर रहा है क्योंकि मैथिलों के लिए बिहारी शब्द मिथिला के नैतिक पहचान ,नैतिक मूल्य, सभ्यता-संस्कृति, भाषा एवं विकास में बाधक है और इस कारण बिहार में मैथिलों की पहचान लुप्त होती जा रही है। डा बैजू ने बताया कि धरना में राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले लाखों प्रवासी मैथिलों के साथ भारत व नेपाल के विभिन्न हिस्सों से आम व खास लोग भाग लेंगे।