जीविका अधिकार केंद्र के को-ऑर्डिनेटर और नोडल कर्मियों के लिए जेंडर प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक हुआ समापन ।
महिलाओं पर हो रहे अत्याचार का करेंगी समाधान
जिला परियोजना समन्वयन इकाई दरभंगा के द्वारा बेला मोड स्थित होटल श्यामा रेंजेंसी में दरभंगा और सुपौल जिलों के दीदी अधिकार केंद्र के समन्वयक और नोडल कर्मियों के लिए चार दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफलतापूर्वक समापन किया गया। प्रशिक्षण में दरभंगा जिले के सात प्रखंडों – मनीगाछी, तारडीह सदर, हायाघाट, बहेड़ी, बेनीपुर, और बिरौल तथा सुपौल जिले के चार प्रखंडों – छातापुर, बसंतपुर, प्रतापगंज, और त्रिवेणीगंज के दीदी अधिकार केंद्र समन्वयक और संबंधित प्रखंडों के नोडल कर्मी शामिल रहे। जिला परियोजना प्रबंधक डा0 ऋचा गार्गी ने प्रशिक्षण स्थल पर पहुँच सभी प्रतिभागियों का मनोबल बढ़ाया। ऋचा गार्गी ने कहा समाज में महिलाओं के प्रति भेदभाव, हिंसा एक विकट समस्या है उन्होंने बताया कि जीविका दीदी अधिकार केंद्र एक वन स्टॉप सेंटर के रूप में कार्य करेगी जहां दीदियां स्थानीय स्तर पर महिलाओं पर हो रहे अत्याचार का समाधान करेंगी और आवश्यकता पड़ने पर प्रशासन व अन्य संबंधित संस्थाओं की ओर से सहयोग कर शिकायत का समाधान करने की कार्रवाई की जाएगी। सामाजिक विकास प्रबंधक नरेश कुमार ने कहा अधिकार केंद्र सरकारी योजनाओं से वंचित महिलाओं एवं उनके परिवार को भी योजनाओं का लाभ दिलवाएंगी, उन्होंने महिलाओं को अपनी चुप्पी तोड़कर अपने अधिकार के प्रति जागरूक रहने की बात कही दीदी अधिकार केंद्र की कोऑर्डिनटोर अब ये प्रशिक्षण लेने के उपरांत सामुदायिक संगठनों में सभी महिलाओं को जागरूक करेंगी व उन्हें उनके अधिकारों के बारे में अवगत भी कराएंगी। संचार प्रबंधक राजा सागर ने कहा जीविका सिर्फ जीविकोपार्जन मुहैया करवाने का काम ही नहीं कर रही बल्कि सामाजिक न्याय व महिलाओ के अधिकार की प्रणेता बन कर उभर रही है. लैंगिक भेदभाव हो या घरेलू हिंसा या दहेज़ प्रथा या बाल विवाह सभी सामाजिक कुरीतियों का जीविका डटकर मुकाबला कर रही है। सेंटर फॉर कैटेलाइजिंग चेंज संस्था के जेंडर विशेषज्ञ प्रशिक्षकों श्रीकांत, शेखर, और प्राक्षी प्रिया ने बताया कि यहाँ दरभंगा व सुपौल जिला के कुल 40 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया अब ये प्रशिक्षण लेने के उपरांत अधिकार केंद्र की समन्वयक दीदी अधिकार केंद्र की शुरुआत कर पीड़ित महिलाओं को उनके समस्या से निजात दिलाने का हरसंभव प्रयास करेंगी। प्रशिक्षण को सफल बनाने में नरेश कुमार, बलराम कृष्ण व राजा सागर की भूमिका यहां रही।