एमएलएसएम कॉलेज की एनएसएस इकाई तथा 8 बिहार बटालियन, एनसीसी के द्वारा ‘मानव के विकास में स्वच्छता का महत्व’ विषय पर व्याख्यान आयोजित।
स्वच्छ वातावरण एवं स्वस्थ शरीर में ही सकारात्मक एवं अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं जिससे हमें मिलती है शान्ति- प्रधानाचार्य डॉ शंभू कुमार यादव
स्वच्छता अभियान अब सिर्फ सरकारी कार्यक्रम ही नहीं, बल्कि आमलोगों के सहयोग से ले लिया है जन आंदोलन का रूप- डॉ चौरसिया
स्वच्छता के सभी नियमों का पूर्णतया पालन कर ही हम अगली पीढ़ी को दे सकते हैं स्वच्छ एवं स्वस्थ वातावरण- सूबेदार मेजर मदन तवांग*
स्थानीय एमएलएसएम कॉलेज, दरभंगा की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई तथा 8 बिहार बटालियन, एनसीसी, दरभंगा के संयुक्त तत्वावधान में “मानव के विकास में स्वच्छता का महत्व” विषय पर प्रधानाचार्य डॉ शंभू कुमार यादव की अध्यक्षता में कॉन्फ्रेंस हॉल में व्याख्यान का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया, विशिष्ट अतिथि के रूप में 8 बिहार बटालियन, एनसीसी, दरभंगा के सूबेदार मेजर मदन तवांग, विशिष्ट वक्ता के रूप में प्लस टू स्कूल के इतिहास- शिक्षक डा राजकुमार मल्लिक, एनएसएस पदाधिकारी डॉ सुबोध चन्द्र यादव, एनसीसी के सीटीओ डॉ संगीता कुमारी एवं छात्रों की ओर से कर्मवीर महाराज, शिवेश कुमार झा, सुजाता कुमारी, नैना कुमारी, जुली कुमारी तथा अंशु कुमारी आदि ने विचार व्यक्त किया।
प्रधानाचार्य डॉ शंभू कुमार यादव ने छात्रों से अनुशासन में रहकर स्वच्छता का स्वयं प्रमाण देने पर जोर देते हुए कहा कि इंदौर भारत का सर्वाधिक स्वच्छ शहर है, जबकि वहां कहीं भी डस्टबिन नहीं है, क्योंकि वहां के लोग स्वयं ही गंदगी नहीं फैलाते हैं। वहां कचरों को अलग-अलग कर रीसायकल भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि स्वच्छ वातावरण एवं स्वस्थ शरीर में ही सकारात्मक एवं अच्छे विचार उत्पन्न होते हैं, जिससे हमें शान्ति मिलती है। प्रधानाचार्य ने लोगों को स्वच्छता का शपथ भी दिलवाया।
मुख्य अतिथि डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि अब स्वच्छता अभियान सिर्फ सरकारी कार्यक्रम ही नहीं, बल्कि आमलोगों के सहयोग से जन आंदोलन का रूप ले लिया है। महात्मा गांधी स्वच्छता को स्वाधीनता से भी अधिक महत्वपूर्ण मानते थे। वे स्वच्छता के प्रतिमूर्ति एवं प्रेरणा स्रोत हैं। गंदगी फैलाना सामाजिक एवं नैतिक अपराध है, जिससे छुटकारा पाकर ही स्वस्थ एवं समृद्ध भारत का निर्माण संभव है। उन्होंने आह्वान किया कि स्वच्छता का पूर्णतः पालन कर हमें अपने शिक्षित और सभ्य होने का प्रमाण प्रस्तुत करना चाहिए। वास्तव में गंदगी फैलाने वालों से, उन्हें साफ करने वाले कई गुणा महान होते हैं। सार्वजनिक साफ- सफाई करने से हमारे अंदर का झूठा अहंकार भी खत्म हो जाता है।
विशिष्ट अतिथि सूबेदार मेजर मदन तवांग ने कहा कि स्वच्छता के सभी नियमों का पूर्णतया पालन कर ही हम अगली पीढ़ी को स्वच्छ वातावरण दे सकते हैं। स्वच्छता-जागरूकता से ही आज खुले में शौच करने वालों की संख्या न्यूनतम रह गई है। उन्होंने तन, मन, घर, समाज के साथ ही राष्ट्र की स्वच्छता को आवश्यक बताया। शिक्षक डॉ राजकुमार मल्लिक ने मन की विकृतियों को दूर करना जरूरी बताते हुए स्वच्छता हेतु आमलोगों के जमीनी प्रयास को महत्वपूर्ण बताया। इस अवसर पर स्वयंसेवकों एवं कैडेट्स की ओर से कर्णवीर महाराज, शिवेश कुमार झा, सुजाता, नैना, जुली तथा अंशु कुमारी आदि ने खुले में शौच मुक्त भारत, आयुष्मान भारत तथा वृक्षारोपण आदि के महत्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम का प्रारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। वहीं अतिथियों का स्वागत पौधा प्रदान कर किया गया, जबकि स्वागत गान सपना, डाली, स्नेहा राधा एवं शोभा ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन एवं अतिथि स्वागत एनएसएस पदाधिकारी डॉ सुबोध चन्द्र यादव ने, जबकि धन्यवाद ज्ञापन एनसीसी पदाधिकारी डॉ संगीता कुमारी ने किया। अंत में एनसीसी गान- हम सब भारतीय हैं… तथा राष्ट्रगान- जन गण मन… का सामूहिक गायन हुआ। कार्यक्रम में हवलदार नवीन राय, प्रिंस राज सहित 100 से अधिक व्यक्ति उपस्थित थे।