संवाददाता सम्मेलन के जरिए कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
कोसी पश्चिमी तटबंध का दरभंगा के भूभोल में टूटना दरभंगा सहित मधुबनी और समस्तीपुर के लिए खतरनाक संकेत
बिहार के महत्वपूर्ण तटबंधों में महत्वपूर्ण कोसी पश्चिमी तटबंध पर बाढ़ पूर्व कोई तैयारी नहीं,कटाव स्थल से 8बजे भाग खड़ा हुआ प्रशासन,12.30 में तटबंध टूटे!भगवान भरोसे छोड़ दिया गया जनता को
सैकड़ों गांव और लाखों की आबादी प्रभावित हुई है, कितनी जानें गई हैं और कितने करोड़ की क्षति हुई है,आकलन स्थिति सामान्य होने पर ही संभव
लोगों का आरोप है कि जमालपुर थाना को बचाने के भूभोल कटाव को छोड़ दिया गया क्योंकि वहां एक बढ़ई व्यापारी का घर और बड़ी मुसहर बस्तियां थीं।
भेजा से भूभोल तक नहीं दिखी सरकार,अगल बगल के लोगों के जरिए चल रहा है बचाव और राहत कार्य
नाव और प्लास्टिक सीट को लेकर बना हुआ है हाहाकार
दलित_गरीबों की आबादी के लिए तटबंध और खुला आसमान बना हुआ है एकमात्र सहारा
कोसी का पश्चिम की ओर गमन को रोकने में विफल सरकार अगर आगे इसे नहीं रोकती है तो दरभंगा कमिश्नरी तबाह हो जायेगा
कटाव रोकने के लिए जरूरी बोल्डर,तार की जाली और बालू से भरे बोरे का कहीं नहीं हुआ दर्शन
हमारी टीम ने भेजा से भूभोल तक पदयात्रा के जरिए दोनो तरफ के तबाही के मंजर को देखा,सैकड़ों गांवों का संपर्क टूट गया है।अनाज कपड़े और जरूरी सामान बह गए हैं।
पशुपालन और पलायन उस इलाके की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है,पशुओं के लिए चारे की कोई व्यवस्था नहीं
कहीं कोई मेडिकल कैंप नहीं,पेयजल का सप्लाई नहीं!
मिनी कुसहा ट्रेजेडी है,सरकार को आपराधिक लापरवाही का जबाव देना होगा।
जहां तटबंध टूटा है वहां से कोसी बराज की दूरी लगभग 125 किलोमीटर
दरभंगा
भूभौल में कोसी पश्चिमी तटबंध के टूटने से उत्पन्न तबाही से रू ब रू होने के लिए भाकपा माले की टीम भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी धीरेंद्र झा की अगुवाई में गई थी।टीम में दरभंगा जिला सचिव बैद्यनाथ यादव,मधुबनी जिला सचिव ध्रुव नारायण कर्ण, आइसा नेता मयंक यादव, खेग्रामस नेता जमालुद्दीन,जोगनाथ मंडल, मिथिला वि वि के शोधार्थी संदीप आदि थे। एक दूसरी टीम दरभंगा जिला के माले नेता मनोज यादव, रोहित सिंह, विकास मुखिया के नेतृत्व में कमला नदी पर इसके असर को जानने समझने के लिए 17 नंबर रोड से रसियारी तक की यात्रा की।
आज दरभंगा में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए धीरेंद्र झा ने कहा कि सरकार की आपराधिक लापरवाही के चलते यह मिनी कुसहा ट्रेजेडी घटित हुआ है।
दरभंगा के पूर्वी छोर से कोसी बहती है, कोसी के पश्चिमी और पूर्वी तटबंध के बीच दरभंगा जिला के दर्जन भर गांव हैं।कोसी का पश्चिम की ओर गमन भविष्य के लिए खतरनाक संकेत है, इससे पूरा दरभंगा कमिश्नरी महाविपत्ति के गाल में समा जायेगी,पूरी संरचना बदल जायेगी।
उन्होंने कहा कि सरकार को लापरवाही का जबाव देना होगा लेकिन तत्काल उसे बचाव राहत कार्य तेज करनी होगी।अभियंताओं पर कारवाई करने से बात नहीं बनेगी,तटबंधों की सुरक्षा को लेकर नेताओं–बड़े अधिकारियों के द्वारा दिए गए बयानों को भी कटघरे में लाना होगा।
तत्काल प्रशासन को भेजा से लेकर 17 नंबर रोड तक स्थाई पक्का राहत शिविर बनाना चाहिए और नियमित भोजन कैंप शुरू करना चाहिए।बिजली 28 सितंबर से कटी हुई है,उसे बहाल करनी चाहिए।पीने का पानी,कपड़े और पशु चारा की प्रचुर व्यवस्था करनी चाहिए। भेजा से गंडौल चौक और कमला के तटबंधों पर स्थाई मेडिकल कैंप और भोजन कैंप शुरू करना चाहिए। नदी विशेषज्ञों की टीम बनाकर कोसी के प्रवाह को पश्चिम की ओर मुड़ने को रोकने के लिए विशेष तकनीकी उपाय निकाला जाना चाहिए। भाकपा माले इस आशय का मांग पत्र और अपनी जमीनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री और राज्यपाल को सौंपेगी।बर्बादी का मुआवजा आकलन के आधार पर किसानों,मजदूरों और व्यवसायियों को मिले,इसे भी मजबूती से उठाया जाएगा।
वही भाकपा(माले) जिला सचिव बैद्यनाथ यादव ने कहा की जिला प्रशासन को तत्काल राहत व बचाव कार्य में तेजी लाने की जरूरत है। जगह जगह लोग राहत की मांग को लेकर सड़क पर उतर रहे है। आज दरभंगा सहरसा मुख्य सड़क एस एच 17 के पुनाछ चौक पर लगभग 3 घंटा तक माले नेता रोहित सिंह, छेदी मुखिया, रौशन कामती के नेतृत्व में सड़क जाम किया गया। जहा एस डी ओ सहरसा व दरभंगा एस डी ओ ने मौके पर पहुंच कर बाढ़ पीड़ित से वार्ता की। उन्होंने जिला प्रशासन से मांग किया है की बाढ़ग्रस्त इलाका जगह जगह राहत के साथ साथ नाव व एन डी आर एफ की टीम की व्यवस्था किया जाय।