सीपीआई प्रतिनिधमंडल जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का किया दौरा राहत कार्यों को तेज करने का जिला प्रशासन से किया अपील
दरभंगा
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) की प्रतिनिधिमंडलों ने राष्ट्रीय सचिव के नारायणा, राष्ट्रीय परिषद सदस्य मिथिलेश झा, राजश्री किरण, जिला सचिव नारायण जी झा के नेतृत्व में जिला के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण किया। जिसमें पाया गया कि जिले के किरतपुर प्रखंड के सभी पंचायत, कुशेश्वरस्थान, गौड़ाबौराम, अलीनगर आदि प्रखंडों के दर्जनों पंचायत पूरे तरह से बाढ़ के चपेट में आ गया है। लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई लोग पानी के बाहऊ में बह गए हैं। कमला नदी के तटबंध टूटने से यह भीषण बाढ़ आई है। प्रतिनिधि मंडलों ने यह पाया कि अगर जिला प्रशासन पहले से सतर्क रहता बांध की अच्छी तरह से मरम्मती हुई रहती तो यह विभिशका लोगों को झेलना नहीं पड़ता। इस दौरान विमला देवी की बाढ़ के पानी में डूब जाने से मौत हो गई है। जिसका जिला प्रशासन ने अभी तक पोस्टमार्टम भी नहीं कराया है। वहीं परिवार को कोई मुआवजा देने की पहल तक नहीं की है। उनके पति बिन्नो साह अभी तक लापता है। उन्हें जीवित या मृत खोज पाने में जिला प्रशासन असफल है। प्रशासन और सरकार की तरफ से राहत में कोई व्यापक प्रयास नहीं किया जा रहा है। वही जो थोड़ी-सी राहत का कार्य चल रहा है वह पर्याप्त नहीं है। क्षेत्र में काफी अफवाहें भी फैली हुई है। सत्ता दल के सांसद, विधायक और मंत्री इस प्रलय को देखकर जिला छोड़ फरार हो चुके हैं। प्रतिनिधिमंडलों ने सरकार और प्रशासन से राहत कार्यों में तेजी लाने का आग्रह किया हैं। वहीं मृतक परिवारों को 50 लाख अभिलंब मुआवजा व बाढ़ से पीड़ित सभी परिवारों को 10000 प्रति परिवार मुआवजा राशि अभिलंब खाता में भेजना व जगह-जगह ऊंचे स्थान पर रह रहे बाढ़ पीड़ित को स्वच्छ पेयजल, पौष्टिक भोजन अति आवश्यक दवा सहित सभी स्तर की सुविधा मुहैय्या कराने का अपील किया। साथ ही बाढ़ में डूबे हुए घर, फसल, रोड, पुलिया का अभी से मूल्यांकन कर बाढ़ के पानी जाने के तुरंत बाद पीड़ितों को जिनका मकान टूट गया है उसे प्रधानमंत्री आवास योजना से अभिलंब मकान मुहैया कराने के लिए, फसल क्षति का मुआवजा देने व पुल, पुलिया की मरम्मती एवं टूटे हुए सड़कों की मरम्मती का कार्य शुरू कर देने की अपील किया।उन्होंने कहा कि बिहार में यह बाढ़ सरकार श्रीजीत बाढ़ है। सरकार अगर पार्टी के मांगों पर पूर्व से ही अगर विचार करती तो यह स्थिति देखने को नहीं मिलता। इस दौरान पार्टी के नेता चंदेश्वर सिंह, राणा जवाहर सिंह, राम श्रृंगार सिंह, राम चरित्र राम आदि उपस्थित थें।