दरभंगा: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के आगमन की तैयारी में विशेष बैठक, 1000 करोड़ रुपये के ऋण वितरण की योजना।
दरभंगा केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के 18-19 नवंबर को दरभंगा आगमन के मद्देनजर जीविका दरभंगा द्वारा एक विशेष बैठक का आयोजन किया गया। यह बैठक दरभंगा जिला परियोजना प्रबंधक (DPM) डॉ. ऋचा गार्गी की अध्यक्षता में हुई, जिसमें सभी 18 प्रखंडों के प्रखंड परियोजना प्रबंधक (BPM), वित्तीय समावेशन (FI) नोडल अधिकारी, विषयगत प्रबंधक और उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक (RM) मो. रियाजुद्दीन अहमद, क्रेडिट मैनेजर सुकेश झा सहित अन्य प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे।
इस बैठक का मुख्य उद्देश्य आगामी क्रेडिट आउटरीच कार्यक्रम के तहत योग्य स्वंय सहायता समूहों (SHGs) और जीविका दीदियों को चिन्हित कर ऋण वितरण की योजना बनाना था। डीपीएम डॉ. ऋचा गार्गी ने बैठक में बताया कि दरभंगा के लिए यह एक ऐतिहासिक अवसर है, जहां स्वयं केंद्रीय वित्त मंत्री इतनी बड़ी राशि का ऋण वितरण करने आ रही हैं। उन्होंने निर्देश दिया कि सभी योग्य जीविका समूहों और दीदियों की पहचान कर उन्हें ऋण दिलाने की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।
उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक मो. रियाजुद्दीन ने बताया कि इस कार्यक्रम के तहत जीविका समूहों को लगभग 150 करोड़ रुपये का ऋण वितरण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी बीपीएम और अन्य अधिकारियों के साथ मिलकर विस्तृत रणनीति तैयार की गई है।
माइक्रो फाइनेंस मैनेजर सुबीर झा ने बैठक में जानकारी दी कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस कार्यक्रम के दौरान लगभग 1000 करोड़ रुपये का ऋण वितरित करेंगी। इस ऋण वितरण का उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना और क्षेत्रीय अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाना है। ऋण वितरण के तहत जीविका परियोजना के साथ-साथ प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY), प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), स्टैंडअप इंडिया, कृषि अवसंरचना और पीएम स्वनिधि जैसी योजनाओं के तहत भी ऋण प्रदान किया जाएगा।
बैठक में यह भी चर्चा की गई कि कैसे इन योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सके और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया जा सके। इस अवसर पर सभी अधिकारियों ने इस महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए अपना पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
इस बैठक के बाद सभी प्रखंडों में योग्य समूहों की पहचान का कार्य तेजी से किया जा रहा है ताकि ऋण वितरण प्रक्रिया सुचारू रूप से हो सके और अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके।