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प्रवासी मैथिलों के लिए उत्कर्ष का प्रतीक बना विद्यापति स्मृति पर्व 

प्रवासी मैथिलों के लिए उत्कर्ष का प्रतीक बना विद्यापति स्मृति पर्व

हैदराबाद में रहने वाले प्रवासी मैथिलों के लिए रविवार की शाम आयोजित विद्यापति स्मृति संध्या पर्व जबरदस्त उत्साह का केंद्र बिंदु बना। मिथिला सामाजिक मंच के तत्वावधान में आयोजित समारोह का विधिवत शुभारंभ मिथिला की हृदय स्थली दरभंगा के भाजपा विधायक संजय सरावगी, आंध्र प्रदेश के पूर्व डीजीपी राम प्रवेश ठाकुर, पूर्व विधायक सह तेलंगाना प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष एनवीएसएस प्रभाकर, मिथिला सामाजिक मंच के अध्यक्ष राम विनोद झा, महासचिव रंजन कुमार झा एवं मैथिली अभियानी प्रवीण कुमार झा ने मिलकर किया। उद्घाटन संबोधन में संजय सरावगी ने कहा कि विद्यापति विश्वव्यापी महान साहित्यकार थे। मिथिला से कोसों दूर दण्डकारण्य क्षेत्र में स्थित हैदराबाद में मिथिला सामाजिक मंच द्वारा उनके कृतित्व को संरक्षित एवं संवर्धित किए जाने का किया जा रहा कार्य काबिले तारीफ है। इसके साथ ही मंच इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन कर जिस प्रकार से मिथिला-मैथिली के गौरवशाली परंपरा को जीवंत बनाए रखने का उत्कृष्ट कार्य कर रही है, उसकी जितनी तारीफ की जाय कम है। उन्होंने कहा कि आज जिस तरह से पूरी दुनिया में कवि कोकिल बाबा विद्यापति के नाम पर कार्यक्रम हो रहे हैं और सभी मिथिलावासी एक जगह एकत्रित हो अपने मातृभूमि और मातृभाषा के विकास के प्रति जागरूक हो रहे हैं, यह मिथिला और मैथिली के उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभ संकेत है। उन्होंने कहा कि यह उनके लिए अत्यंत गौरवशाली है कि मिथिला सामाजिक मंच के इस आयोजन में उन्हें शामिल होकर प्रवासी मैथिलों से सीधा संवाद करने का अवसर मिल रहा है ।

बतौर मुख्य अतिथि आंध्रप्रदेश के सेवानिवृत्त डीजीपी राम प्रवेश ठाकुर ने कहा कि विद्यापति का सम्मान सिर्फ मिथिलावासी ही नहीं, पूरे देश और विश्व‌ के लोग करते हैं। मिथिला के विकास में मिथिलावासी के साथ प्रवासी मैथिलों का भी अहम योगदान रहा है। मिथिला के सर्वांगीण विकास के लिए पृथक मिथिला राज्य का गठन वर्तमान समय के हिसाब से अपरिहार्य है और इसके लिए एकजुट होकर जोर लगाने की जरूरत है।

पूर्व विधायक सह तेलंगाना भाजपा प्रदेश कमेटी के उपाध्यक्ष एनवीएसएस प्रभाकर ने कहा कि हैदराबाद में मिथिला की सांस्कृतिक ललक जगाने में मिथिला सामाजिक मंच का अहम योगदान रहा है। दुनिया की सबसे मीठी भाषा मैथिली बोलने वाले लोगों की आपसी एकता और एकजुटता अहम है। यह ना सिर्फ सराहनीय है बल्कि हम सभी के लिए अनुकरणीय भी है।

इससे पहले अतिथियों का स्वागत करते हुए मिथिला सामाजिक मंच के अध्यक्ष राम विनोद झा ने कहा कि मिथिला विद्यापति के कारण भारत की सांस्कृतिक विरासत और मानवीय मूल्यों के संवाहक के रूप में कार्य करती रही है और भारत की उत्ष्कृटता में मिथिला का अहम योगदान है। मंच के कार्यकारी अध्यक्ष शंभु नाथ झा ने मिथिला और मैथिली की यथा स्थिति की विस्तार से चर्चा करते कहा कि यह अत्यंत खेद का विषय है कि मैथिली को भले ही संवैधानिक भाषा का दर्जा मिल गया है लेकिन वह राजनीतिक उपेक्षा का शिकार होकर अभी भी अपने अधिकार से वंचित है। धन्यवाद ज्ञापन करते हुए महासचिव रंजन कुमार झा ने कहा कि हैदराबाद के प्रवासी मैथिलों के अभूतपूर्व सहयोग के कारण ही विद्यापति स्मृति संध्या का भव्य आयोजन लगातार छठी बार संभव हो रहा है। इसके लिए सभी मैथिल भाई बधाई के पात्र हैं। मौके पर मंच की ओर से प्रवीण कुमार झा के संपादन में प्रकाशित स्मारिका नव जागृति का लोकार्पण भी किया गया।

प्रवीण कुमार झा के संचालन में आयोजित भव्य समारोह में मैथिली मंच के स्थापित कलाकार अरविंद सिंह, वर्षा झा एवं उनके साथियों ने दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। शुरू में सभी अतिथियों का स्वागत मिथिला की गौरवशाली परंपरा के अनुरूप मिथिला पेंटिंग से सजा पाग, चादर एवं पुष्पगुच्छ प्रदान कर किया गया। कार्यक्रम में हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद थे।

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