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सीएम साइंस कॉलेज के भौतिकी विभाग में शुरू हुई दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी 

विज्ञान, तकनीक और सामाजिक विज्ञान को वेद के सिद्धांतों के साथ आगे बढ़ाना महत्वपूर्ण : प्रो नायक

 

सीएम साइंस कॉलेज के भौतिकी विभाग में शुरू हुई दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

 

वर्तमान तकनीकी युग में लोग विज्ञान तकनीक और सामाजिक विज्ञान के विकास की बात करते हैं, लेकिन हमें यह समझना चाहिए कि जिस रास्ते आज विज्ञान, तकनीक और सामाजिक विज्ञान अपने प्रगति की राह चल रहा है वह सब कुछ हमारे वेद में बहुत पहले से ही निहित है। आज जरूरत है कि विज्ञान या आधुनिक खोज को वेद से कैसे जोड़ा जाए ताकि, हमारा समाज और भी सभ्य और एकरूपता में ढ़लने के साथ समुचित विकास कर सके। वर्तमान समय में हो रहे शोध कार्यों को वेद के सिद्धांतों से जोड़ने की आवश्यकता है। अगर हम ऐसा करने में सफल हुए तो निश्चित ही विकास का परिमाण अपने चरम गति को प्राप्त करने में सफल हो सकेगा। उक्त बातें कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष प्रो ए के नायक ने वृहस्पतिवार को सीएम साइंस कॉलेज के पीजी भौतिकी विभाग एवं विनियम रिसर्च एसोसिएशन, धनबाद (झारखंड) के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के पहले दिन अपना व्याख्यान देते हुए कहा। ‘साइंस, टेक्नोलॉजी, सोशल साइंस इन वेदाज एंड अदर फिलासफीज’ विषय पर अपने व्याख्यान में उन्होंने शोध एवं अनुसंधान के क्षेत्र में वेद के मूलभूत सिद्धांतों के प्रयोग के विभिन्न आयामों के बारे में विस्तार से चर्चा करते हुए जानकारी दी कि कंप्यूटर एवं सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में उभरती हुई तकनीक का वेद के सिद्धांतों के एकीकरण करते हुए इस क्षेत्र में बेहतर कार्य किया जा सकता है।

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रो प्रेम मोहन मिश्र ने अपने व्याख्यान में कहा कि प्राचीन भारत का वेद, पुराण एवं उपनिषद मात्र एक धार्मिक ग्रंथ भर नहीं है, बल्कि यह ज्ञान का भंडार है। इसमें विज्ञान के सिद्धांत प्रमाण के साथ प्रस्तुत हैं। वेदों में भौतिकी, रसायन, जीव विज्ञान, गणित, चिकित्सा, कृषि तकनीकी, पर्यावरण, ज्योतिष आदि के अतिरिक्त भूगोल, अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और राजनीति विज्ञान के सिद्धांतों की विस्तृत चर्चा की गई है। उन्होंने चारों वेदों के संस्कृत श्लोकों का पाठ सहित उसका अंग्रेजी एवं हिंदी भाषा में वर्णन कर सुनाया। डा मिश्र ने कहा कि आज जिस समावेशी विकास, नारी उत्थान, पर्यावरण संतुलन, जल संरक्षण आदि की बातें करते हैं, वह सभी हजारों साल पहले भारतीय वेदों में वर्णित है। उन्होंने युवा पीढ़ी से वेदों में संरक्षित ज्ञान को आचरण में लाकर भारत के उत्थान का उद्घोष करने का आह्वान किया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य सह संगोष्ठी के संरक्षक प्रो दिलीप कुमार चौधरी ने कहा कि सूचना एवं संचार क्रांति के युग के हिसाब से पाठ्यक्रम में शामिल विषय के ज्ञान के महत्व एवं इसकी उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए सेमिनार के विषय का चयन किया गया है। उन्होंने कहा कि सेमिनार के निर्धारित विषय के विभिन्न उपखंडों पर आधारित विषयों पर विषय विशेषज्ञों का व्याख्यान छात्र-छात्राओं के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा। सबसे खास बात यह है कि महाविद्यालय में दूसरी बार पड़ोसी राज्य झारखंड की प्रमुख शोध संस्थान विनियम रिसर्च एसोसिएशन ने सीएम साइंस कॉलेज के साथ हाथ मिलाकर छात्रों का हित साधने के लिए आगे आया है। हम उनका तहे दिल से स्वागत करते हैं।

डा स्वर्णा श्रेया के संचालन में आयोजित संगोष्ठी में त्रिभुवन विश्वविद्यालय नेपाल के डा दीर्घ राज जोशी एवं केंद्रीय विश्वविद्यालय, रांची के मनोहर कुमार दास ऑनलाइन मोड में जुड़े। अपने ऑनलाइन व्याख्यान में उन्होंने विषय से संदर्भित अनेक महत्वपूर्ण जानकारियों से अवगत कराया।

मौके पर विनियम रिसर्च एसोसिएशन, धनबाद (झारखंड) की अध्यक्ष उमा गुप्ता ने कहा कि पाठ्यक्रम आधारित विषयों को केंद्र में रखकर आगे भी ऐसी संगोष्ठी आयोजित की जाती रहेंगी। संगोष्ठी में पीजी भौतिकी विभाग के अध्यक्ष डा एन आलम एवं महाविद्यालय के रसायन विज्ञान के शिक्षक डा विश्व दीपक त्रिपाठी ने अपने व्याख्यान में विषय संदर्भित अनेक महत्वपूर्ण तथ्यों को रेखांकित किया। अतिथियों का स्वागत भौतिकी विभागाध्यक्ष सह संगोष्ठी के आयोजन सचिव डा उमेश कुमार दास ने किया। मौके पर संगोष्ठी के संयुक्त आयोजन सचिव डा अजय कुमार ठाकुर, विभाग के शिक्षक डा सुजीत कुमार चौधरी, डा रश्मि रेखा, डा रवि रंजन, प्रवीण कुमार झा, चेतकर झा सहित महाविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों एवं छात्र -छात्राओं की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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