छात्रों ने लाइब्रेरियन बहाली संबंधित मांग पत्र पलायन रोको नौकरी दो यात्रा के दौरान कन्हैया कुमार को सौपा
17 वर्षो से बिहार में लंबित है पुस्तकालय अध्यक्ष व सहायक की भर्ती बिहार सरकार के शिक्षा विरोधी नीति को दर्शाता है:- कन्हैया कुमार

दरभंगा आज ऑल बिहार ट्रेड लाइब्रेरियन एसोसिएशन के सैकड़ो छात्रों ने कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार को पलायन रुको नौकरी दो यात्रा के दौरान विश्वविद्यालय के भंडार चौक पर लाईब्रेरियन बहाली संबंधित मांग पत्र जिलाध्यक्ष शरद कुमार सिंह के नेतृत्व में सौपा।
छात्रों ने ज्ञापन देकर कहा कि बिहार राज्य में 17 वर्षों से माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय में लाइब्रेरियन की बहाली लंबित है। जिससे इस क्षेत्र में प्रशिक्षित बैचलर ऑफ लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस और मास्टर ऑफ लाइब्रेरी एंड इनफॉरमेशन साइंस के लाखों छात्र बेरोजगारी की मार झेल रहे है। जबकि बिहार सरकार के द्वारा 2008 में पुस्तकालय अधिनियम लागू किया गया था। इसके बावजूद भी बगैर लाइब्रेरियन का अन्य कर्मचारियों के द्वारा लाइब्रेरी का संचालन किया जाता है जो कि बेहतर शिक्षा व्यवस्था के लिए अभिशाप है। विधानसभा सत्र के दौरान जब भी माननीय विधायक गण और माननीय विधान पार्षदों के द्वारा लाइब्रेरियन बहाली के संबंध में सवाल किए जाते हैं तो शिक्षा मंत्री पुनः नियमावली बनाने के नाम पर टालमटोल जवाब देते हैं। यह सिलसिला नियमावली बनाने के नाम पर लगभग 5 वर्षों से जारी है। बिहार विधानसभा सत्र के दौरान बिहार के शिक्षा मंत्री के द्वारा घोषणा भी किया गया था कि जहां के पुस्तकालय में 500 से अधिक किताबें होगी वहां लाइब्रेरियन की बहाली की जाएगी। बिहार के कुल 9360 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय हैं। जहां अभी तक पद का सृजन भी नहीं हुआ है। पुस्तकालय नियमावली 2008 के अनुसार प्रत्येक माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष एवं कनीय पुस्तकालय अध्यक्ष का होना आवश्यक है। बिहार के सभी इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक, मेडिकल कॉलेज वही सभी स्तर के महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में पुस्तकालय अध्यक्ष और सहायकों की 90% से ऊपर सीटें रिक्त है। वहीं बिहार के कई बड़े विश्वविद्यालय में एमलीस की पढ़ाई साथ ही बिहार के किसी भी विश्वविद्यालय में पीएचडी की पढ़ाई नहीं होती है। इसे अभिलंब चालू करना चाहिए। उक्त मांगों पर को लेकर छात्र लगातार ऑल बिहार ट्रेंड लाइब्रेरियन एसोएसोसिएशन के बैनर तले कई बार धरना-प्रदर्शन तथा आंदोलन के द्वारा सरकार का ध्यान आकर्षित भी कराते रहते हैं।
बिना बेहतर पुस्तकालय के बेहतर शिक्षा की परिकल्पना ही झूठ मात्र है। सरकार लगातार बिहार के अंदर शिक्षकों की भर्ती कर रही है जिसका हम समर्थन करते हैं। लेकिन उसी अनुपात में लाइब्रेरियन की भी बहाली सरकार को करनी चाहिए। हम लोगों का गुस्सा सरकार को आने वाली विधानसभा चुनाव में भी देखने को मिलेगी। सरकार विधानसभा चुनाव से पूर्व अगर नियुक्ति की प्रक्रिया को समाप्त कर सभी शिक्षण संस्थानों में लाइब्रेरियन के पदों को भरने का काम नहीं करेगी तो 10 लाख से ऊपर की संख्या में ट्रेंड लाइब्रेरियन सरकार का चुनाव में पुरजोर विरोध करेगी। वहीं मौके पर लाईब्रेरी साईंस के छात्रो से लम्बी बातचीत करते हुए जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष व कांग्रेस नेता कन्हैया कुमार ने अश्वासन दिया कि वो इस मुद्दे को पुरजोर तरीके से उठाकर बहाली करवाने में अपनी भूमिका निभाएगी। पुस्तकालय की 17 वर्षों से लंबित बहाली बिहार की एनडीए सरकार की शिक्षा विरोधी नीति को साबित करती है। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। वही आने वाले दिनों में हम इसे कांग्रेस पार्टी के मेनिफेस्टो में भी शामिल करेंगे। उन्होंने मीडिया के लोगों से भी बातचीत करते हुए पुस्तकालय बहाली से संबंधित मांगों को पुरजोर तरीके से उठाया। इसको लेकर छात्रों ने धन्यवाद भी ज्ञापित किया।
मौके पर संगठन के जिला उपाध्यक्ष प्रिंस राज, गुड्डू राज, राजा कुमार, विशाल भगत, विवेकानंद, निर्मल कुमार, गुड़िया कुमारी, चाँन्दनी कुमारी, कल्याणी कुमारी, रोहित कुमार, चंदन कुमार झा, संरक्षक संजय कुमार सुमन, कुमार अनुराग, रवीश कुमार, शंकर कुमार यादव, आदित्य कुमार मंटू, रोशन कुमार, कृष्ण कुमार आदि मौजूद थे।
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