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• महिला संवाद कार्यक्रम से गाँवों की तस्वीर बदलेगी” • “महिलाओं ने उठाई स्थायी हाट निर्माण की मांग,सरकार से की ठोस पहल की उम्मीद

 

• महिला संवाद कार्यक्रम से गाँवों की तस्वीर बदलेगी”

• “महिलाओं ने उठाई स्थायी हाट निर्माण की मांग,सरकार से की ठोस पहल की उम्मीद”


दरभंगा जिले में बिहार सरकार द्वारा संचालित “महिला संवाद” कार्यक्रम एक अभिनव और सार्थक पहल के रूप में सामने आया है। जिससे सकारात्मक प्रभाव अब गाँव-गाँव में स्पष्ट रूप से देखे जा सकते हैं।
कार्यक्रम के माध्यम से महिलाएँ संगठित होकर न केवल अपने गाँव और पंचायत की समस्याओं को खुलकर रख रही हैं,बल्कि अपनी आकांक्षाओं को भी नि:संकोच व्यक्त कर रही हैं।
कार्यक्रम के बारहवें दिन तक दरभंगा जिले की हजारों महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिये और अपनी बातों को सामने रखा। इस दौरान यह देखने को मिला कि महिलाएँ अब जागरूक हो रही हैं और सरकारी योजनाओं व अपने अधिकारों की स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर रही हैं।

जिले के विभिन्न गाँव की महिलाओं ने अपनी आकांक्षा व्यक्त करते हुए बताया कि उनके गाँवों में जहाँ वर्षों से खुले स्थान पर साप्ताहिक हाट (बाजार) लगाया जाता है,वहाँ अब स्थायी निर्माण किया जाए।
उन्होंने बताया कि धूप,बारिश और आँधी जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण दुकानदारों और ग्राहकों दोनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। यदि वहाँ एक स्थायी संरचना बन जाए तो न केवल उन्हें मौसम की मार से राहत मिलेगी,बल्कि व्यापार भी सुचारू रूप से चल सकेगा।
महिला संवाद कार्यक्रम में हर दिन पंचायत स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, जल-जमाव, सामुदायिक भवन, पेंशन में बढ़ोतरी, सोलर लाइट की सुविधा, सिंचाई, और लघु कुटीर उद्योग को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे महिलाओं द्वारा प्रमुखता से उठाए जा रहे हैं।
विशेष बात यह भी रही कि प्रत्येक ग्राम संगठन में प्रतिदिन 5 से 6 महिलाएँ अपनी सफलता की प्रेरणादायक कहानियाँ साझा कर रही हैं,जो यह दर्शाता है कि महिला सशक्तिकरण अब केवल एक विचार नहीं,बल्कि एक जमीनी सच्चाई बनतीं जा रही है।
• रामरती देवी ने कहा कि उनकी बेटी को आरक्षण के तहत मिले लाभ के कारण शिक्षिका की नौकरी मिली है। इससे पूरे परिवार में खुशी की लहर है और सभी को अपनी बेटी पर गर्व है।
संजुला देवी ने जीविका से 50 हजार रूपये का ऋण लेकर किराना दुकान शुरू की और परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ की। वहीं,मलही देवी ने हस्तनिर्मित कृत्रिम पुष्पों के गुलदस्ते बनाने का व्यवसाय शुरू किया और आज 15,000-20,000 प्रति माह की आमदनी कर रही हैं।

इन जैसी कहानियाँ पूरे जिले की महिलाओं में न केवल प्रेरणा का स्रोत बन रही हैं,बल्कि यह प्रमाणित कर रही हैं कि यदि महिलाओं को अवसर और सहयोग मिले तो वे अपने परिवार और समाज दोनों के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकती हैं।

दरभंगा जिले के सभी प्रखंडों में कुल 25 महिला संवाद रथों के माध्यम से कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। इन रथों के माध्यम से महिलाओं को बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी वीडियो फिल्मों के माध्यम से दी जा रही है।
इसके अतिरिक्त महिलाओं के बीच सरकार द्वारा तैयार किए गए लीफलेट्स का वितरण किया जा रहा है,जिनमें महिला आरक्षण, मुख्यमंत्री बालिका पोशाक योजना, छात्रवृत्ति योजना, जीविका, सतत जीविकोपार्जन योजना, मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, मुख्यमंत्री नारीशक्ति योजना, बिहार स्टूडेंट क्रेडिट कार्ड योजना जैसी प्रमुख योजनाओं की जानकारी समाहित है। यही नहीं,  मुख्यमंत्री द्वारा महिलाओं के नाम भेजे गए संदेश पत्र को भी पढ़कर सुनाया जा रहा है और महिलाओं में वितरित किया जा रहा है, जिससे वे राज्य सरकार की मंशा और प्रयासों को सीधे समझ सकें।

 

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