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दरभंगा गौसाघाट कमला माई क कृपा सँ बाझिन कय बाल गोपाल होय छन . कोढ़िन कय काया दैत छथिन्ह ई सब हुनकर माया छन . कमला माई में नहा क पुण्य उठेलियै आ जश क मोटरी बान्हि क घर ल जाइत छियैक .

कमला माई क कृपा सँ बाझिन कय बाल गोपाल होय छन . कोढ़िन कय काया दैत छथिन्ह ई सब हुनकर माया छन . कमला माई में नहा क पुण्य उठेलियै आ जश क मोटरी बान्हि क घर ल जाइत छियैक .

दरभंगा news24Live रिपोर्ट अजित कुमार सिंह

मुजफ्फरपुर जिला के वेनीबाद निवासी 60 वर्षीय राजो देवी पेसे से भगतई करती है . वह हर साल पुर्णिमा के दिन कमला नदी में स्नान करने एवं मैया कि पूजा पाठ करने आती है . उसे मैया पर अटूट आस्था है कि माई से मन्नत माँगने बाझिन महिला की मन्नतें पूरा जरुर होती है . वे अपने भगत मंडली की टोली बनाकर आती है एवं सैकडों हजारों नि:संतान दम्पति को आशीर्वाद के रुप में पूजा पाठ कर मनोरथ सिद्ध करने की मैया से दुआ माँगती है . इसी तरह मुजफ्फरपुर बेरोलिया के संतोष भगत का कहना है देवी देवता के समान मन में विश्वास है . वे हरसाल आते हैं एवं कितने नि:संतान महिलाओं को संतान उत्पत्ति के लिये भगतई करते हैं . उसी जगह के भगत चंदन का भी कुछ यही कहना था .

माघी पुर्णिमा के शुअवसर पर रविवार को गौसाघाट कमला नदि में लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था का डुबकी लगाये . पवित्र स्नान को लेकर कमला नदी किनारे लगनेवाली मेले में जनसैलाब उमड़ परी . अहले सुबह से ही श्रद्धालु नदी में पवित्र स्नान करने उतरने लगे . सुबह से शाम तक यह सिलसिला चलता रहा . यह मेला नि:संतान महिलाओं को संतान उत्पत्ति के लिये सुप्रसिद्ध है . वहीं भगत द्वारा जमकर लाठी डंडा भाँजा गया . भगतई भी जमकर की गयी .बदन से भूत प्रेत भगाया गया . नि:संतान महिलाओं के पेट में लाठी सटाकर कोखिया गुहार लगाया गया . संतान उत्पति के बाद बच्चों का मुंडन भी कराया गया . मैया को प्रसाद के रुप में खस्सी बकड़े पैसै आदि पानी में फेंका गया . सैकड़ों दम्पति गठजोड़बा कर जीबछघाट नदी से स्नान कर चार किलो की दुरी पैदल चलकर गौसाघाट कमला नदी में डुबकी लगाकर पानी के भीतर मैया की प्रसाद खोजते रहे . इस क्रम म़े उसे सेतुआ घोंघा अदि

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