पटना के दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान में “बाल श्रम के विरुद्ध बिहार” थीम पर आधारित कार्यक्रम का किया गया आयोजन।
दरभंगा विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर दशरथ मांझी श्रम एवं नियोजन अध्ययन संस्थान, पटना में “बाल श्रम के विरुद्ध बिहार” थीम पर आधारित कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
उक्त कार्यक्रम की शुरुआत श्रम संसाधन विभाग, बिहार के सचिव दीपक आनन्द, बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष अशोक कुमार, उपाध्यक्ष अरविन्द कुमार सिंह, सदस्य शौकत अली, निदेशक नियोजन एवं प्रशिक्षण सुनील कुमार यादव, श्रमायुक्त राजेश भारती तथा अपर श्रमायुक्त आदित्य राजहंस द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।
बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं पुनर्वास के क्षेत्र में वित्तीय वर्ष 2024-25 में उत्कृष्ट कार्य करने हेतु दरभंगा जिला को प्रथम स्थान तथा मधुबनी जिला को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ ।
साथ ही प्रखंड स्तर पर अच्छे कार्य के लिए दरभंगा जिला के सिंहवाड़ा प्रखंड तथा मधुबनी जिला के जयनगर प्रखंड को चयनित किया गया ।
बिहार राज्य बाल श्रमिक आयोग के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष, श्रम संसाधन विभाग के सचिव तथा श्रम आयुक्त बिहार के द्वारा संयुक्त रूप से यह चारों पुरस्कार दरभंगा प्रमंडल के उप श्रम आयुक्त राकेश रंजन को प्रदान किया गया ।
विदित हो कि जिस अवधि के लिए यह पुरस्कार जिला एवं प्रखंड स्तर पर दरभंगा एवं मधुबनी को दिया गया उस अवधि की प्रथम तिमाही में राकेश रंजन श्रम अधीक्षक के रूप में दरभंगा जिले में पदस्थापित थे एवं मधुबनी जिले के अतिरिक्त प्रभार में थे ।
2022 में दरभंगा एवं मधुबनी जिले के श्रम अधीक्षक का प्रभार ग्रहण करने के बाद राकेश रंजन के द्वारा बाल श्रमिकों की विमुक्ति एवं पुनर्वास हेतु लगातार कार्य किया गया जिसके लिए 2023 एवं 2024 में भी उन्हें राज्यस्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित किया गया था।
2024 में प्रमोशन के बाद भी दरभंगा एवं मधुबनी जिले में बाल श्रम से संबंधित कार्यों की लगातार मॉनिटरिंग करते रहे हैं जिसकी वजह से दोनों जिले की टीम लगातार अच्छा कार्य कर रही है।