बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर नियोजित शिक्षकों का 17 फरवरी से अनिश्चितकालीन हड़ताल किया जाएगा। इस बावत शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर संघर्ष तेज करने का ऐलान किया है। मालूम हो कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के मैट्रिक परीक्षा का आयोजन 17 फरवरी से किया जा रहा है। इस परीक्षा में शिक्षकों को भाग नहीं लेने से सरकार ने कड़ी चेतावनी दी है। इस बावत कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. मदन मोहन झा ने सरकार को निशाने पर लिया है।
सरकार शिक्षकों की जायज मांगों पर गंभीरता पूर्वक करें विचार
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि सरकार शिक्षकों की जायज मांगों पर गंभीरता पूर्वक विचार करें। इतना ही नहीं शिक्षकों के गायब रहने वाली बात पर आक्रोश जाहिर करते हुए डॉ. मदन मोहन झा ने कहा कि शिक्षक गायब नहीं हड़ताल पर हैं। उन्होंने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि शिक्षकों के प्रति मर्यादित भाषा का प्रयोग करें। शिक्षकों के हड़ताल को लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा है कि सरकार डर और डराने की राजनीति छोड़कर शिक्षकों से सम्मानजनक वार्ता कर समझौता करें। प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि प्रदेश में व्यवस्था को संचालन करने में शिक्षकों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
जागरूक एवं सभ्य समाज के लिए शिक्षक ही नींव के पत्थर माने जाते हैं। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि उन्हें भूलना नहीं चाहिए कि उनकी सरकार बनाने में शिक्षकों की अहम भूमिका रही है। जबकि नीतीश सरकार के कार्यकाल के दौरान शिक्षकों के साथ अन्याय होता रहा है। सरकार शिक्षकों के खिलाफ विद्वेष के इस चरम सीमा पर है कि शिक्षकों खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गई। ऐसे में शिक्षकों के पास हड़ताल के सिवा कोई चारा भी नहीं बचता है। उन्होंने कहा कि सरकार को गंभीरतापूर्वक शिक्षकों के समस्याओं पर समाधान ढूंढना चाहिए। उन्होंने सरकार से शिक्षकों का हड़ताल समाप्त करने के लिए बातचीत करनी चाहिए।