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• सी. एम. साइंस कॉलेज में शोध पद्धति पर केंद्रित तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न

• सी. एम. साइंस कॉलेज में शोध पद्धति पर केंद्रित तीन दिवसीय कार्यशाला संपन्न

 

• अंतिम दिन प्रोटीन प्यूरीफिकेशन से लेकर एआई आधारित शोध प्रक्रिया पर विशेषज्ञों ने दिए महत्वपूर्ण व्याख्यान

सी. एम. साइंस कॉलेज के पीजी जंतु विज्ञान विभाग द्वारा रिसर्च मेथोडोलॉजी विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला का शुक्रवार को समापन हो गया। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को शोध प्रबंध से जुड़ी विभिन्न आधुनिक एवं व्यावहारिक पहलुओं से विस्तार में अवगत कराया। कार्यक्रम की विशेषता रही कि इसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, शोधार्थियों एवं संकाय सदस्यों ने अपनी सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित किया।

शुक्रवार को कार्यशाला के अंतिम दिन तकनीकी सत्र में अपना व्याख्यान देते हुए डा वरुण कुमार प्रभात ने प्रोटीन प्यूरीफिकेशन विषय पर विस्तृत वैज्ञानिक व्याख्यान प्रस्तुत किया। अपने व्याख्यान में उन्होंने विभिन्न क्रोमैटोग्राफी तकनीकों, बफ़र्स के महत्व, चरणबद्ध शुद्धिकरण प्रक्रिया तथा बायोटेक्नोलॉजी एवं अनुसंधान में इसके उपयोग पर विस्तार से चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि “उच्च शुद्धता वाले प्रोटीन किसी भी उन्नत जैविक शोध की मूल आवश्यकता हैं, इसलिए यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण है।

डॉ. अनुपगमिनी पी. श्रीवास्तव ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) एवं शोध प्रक्रिया विषय पर अपनी प्रस्तुति देते हुए बताया कि एआई ने वैज्ञानिक अनुसंधान के स्वरूप को तेजी से बदल दिया है। अपने व्याख्यान में उन्होंने मशीन लर्निंग, डेटा मॉडलिंग, बायोइन्फॉर्मेटिक्स, स्वचालित शोध विश्लेषण और डिजिटल डेटा प्रबंधन के आधुनिक तरीकों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भविष्य का शोध एआई-एम्पावर्ड होगा, इसलिए शोधार्थियों के लिए डिजिटल दक्षता को विकसित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।

महाविद्यालय के प्रधानाचार्य प्रो संजीव कुमार मिश्र की अध्यक्षता में आयोजित समापन सत्र में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के उप- कुलसचिव द्वितीय डॉ. कुमार मनीष ने प्रतिभागियों एवं शोधार्थियों को प्रमाणपत्र एवं पदक प्रदान कर उत्साह वर्धन किया। अपने संबोधन में उन्होंने प्रतिभागी छात्रों एवं शिक्षकों की अनुशासित एवं सक्रिय भूमिका की प्रशंसा करते कहा कि ऐसी कार्यशालाएँ छात्रों को शोध की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं और व्यावहारिक ज्ञान का विस्तार करती हैं।

अध्यक्षीय संबोधन में प्रधानाचार्य प्रो. संजीव कुमार मिश्र ने कार्यशाला के आयोजन में विभाग के प्रत्येक सदस्यों के सक्रियता की मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए इसे शोध संस्कृति को बढ़ावा देने में सराहनीय एवं अनुकरणीय बताया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों के स्वतः स्फूर्त समर्पण भाव ने भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों को निरंतर बढ़ावा देने के लिए उन्हें प्रेरित किया है। मौके पर उन्होंने पीजी जंतु विज्ञान विभाग के सभी संकाय सदस्यों को प्रशंसा पत्र प्रदान किए।

कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ. विनीता सिंह ने बखूबी किया । विभाग की अध्यक्ष सह कार्यशाला की संयोजिका डा. पूजा अग्रहरि ने तीन दिवसीय कार्यशाला के सभी सत्रों का विस्तृत सारांश प्रस्तुत करते हुए इसकी शैक्षणिक उपयोगिता और प्रतिभागियों के लिए इसके दीर्घकालिक लाभों को रेखांकित किया। लगातार तीन दिनों के दौरान विद्यार्थियों, शोधार्थियों तथा वरिष्ठ संकाय सदस्यों की उत्साहपूर्ण उपस्थिति उन्होंने सराहना की।धन्यवाद ज्ञापन डा. वरुण कुमार प्रभात ने किया। मौके पर महाविद्यालय के पूर्व प्रधानाचार्य डा. राम कुमार मिश्र सहित आयोजन मंडल के सदस्यों डा. एम तालिब खान, डा. सुमित कुमार कोले, डा. अंशु सिन्हा, डा. हर्षा कश्यप, महाविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं शिक्षकेत्तर कर्मचारियों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।

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