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दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सभागार में “AISHE :- ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन :- 2019-20” विषय पर एक कार्यशाला/सेमिनार का आयोजन किया गया।

राष्ट्रीय पहचान के लिये विश्वविद्यालयों को AISHE के पोर्टल से जुड़ना जरूरी, जिसमें ललित नारायण मिथिला विश्ववविद्यालय पूरे बिहार में अव्वल :- श्री मुकेश चंद्र वर्मा।

दरभंगा ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सभागार में “AISHE :- ऑल इंडिया सर्वे ऑफ हायर एजुकेशन :- 2019-20” विषय पर एक कार्यशाला/सेमिनार का आयोजन किया गया।
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दरभंगा न्यूज़ 24 लाइव गुड्डू कुमार ठाकुर की रिपोर्ट

कार्यक्रम में माननीय कुलपति महोदय प्रो० सुरेंद्र कुमार सिंह ने सभी महाविद्यालयों के प्राचार्यों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार का प्रयास है कि विश्वविद्यालय स्तर की हर एक गतिविधि का एक एकत्रित ऑनलाइन डाटा हो जिससे कि विश्वविद्यालय राष्ट्रीय स्तर पर उभड़े, रिसर्च के छात्रों को रिसर्च में सुविधा हो। सरकार को विश्वविद्यालयों के लिये नीतियां बनाने में सहायक हो। सरकार को हर एक गतिविधि पर नजर रहे। इसीलिए सरकार, AISHE को 2010-11 में शुरुआत की है। नैक, जो प्रत्येक महाविद्यालय के लिये मौजूदा दौर में अनिवार्य हो गया है का प्रथम चरण DCF का शुद्ध डाटा भरना है। जिससे नैक करवा पाना व विश्वविद्यालयों के लिए विभिन्न नीतियों का निर्माण संभव हो पाता है।
इस मौके पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलसचिव कर्नल निशीथ कुमार राय ने कहा कि महाविद्यालयों के प्राचायों का भी दायित्व बनता है कि वो हर एक डाटा को अपने महाविद्यालय के वेबसाइट पर डालें और वेबसाइट को अपडेट रखें। पुराने डाटा को वेबसाइट पर न्यूज पुरालेख में डाल दें। अपने महाविद्यालय के अकाउंट को अपडेट रखें व अंकेक्षण रिपोर्ट को शत-प्रतिशत ठीक रखें।
जिसमें बतौर मुख्य वक्ता के तौर पर बोलते हुए अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण बिहार के राज्य नोडल पदाधिकारी, श्री मुकेश चंद्र वर्मा ने कहा कि ये मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा यह कार्यक्रम संचालित हो रहा है जो प्रत्येक साल कराई जाती है । इसकी शुरुआत सरकार द्वारा 2010-11 में की गई थी। वर्तमान में यह पूरे देश में 10 वां राउंड का सर्वेक्षण है। आज नैक के लिये AISHE के पोर्टल से जुड़ना सभी विश्वविद्यालयों के लिये अनिवार्य है। AISHE से जुड़कर व डाटा ऑनलाइन कराने पर विश्वविद्यालयों को एक यूनिक कोड जारी किया जाता है जो विश्वविद्यालयों को राष्ट्रीय पहचान दिलाता है। इसमें विश्वविद्यालय की प्रत्येक एक गतिविधि शिक्षक, छात्र, सत्र, दाखिला, महाविद्यालय की रूपरेखा आदि होती है। हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बिहार में स्टेट पब्लिक विश्वविद्यालय में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय व उसके अधीनस्थ महाविद्यालय को क्रमशः DCF:-1 एवं DCF:-2 प्रपत्र में AISHE पोर्टल पर शत-प्रतिशत डाटा ऑनलाइन एंट्री कराने पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है जिसका श्रेय विश्वविद्यालय के AISHE के नोडल पदाधिकारी प्रो० नवीन कुमार अग्रवाल समेत कुलपति व कुलसचिव महोदय के मार्गदर्शन एवं महाविद्यालयों के प्राचार्यों के सच्चे प्रयास का नतीजा है। प्रो० अग्रवाल पिछले कई वर्षों से शत-प्रतिशत आंकड़ा AISHE के पोर्टल पर ऑनलाइन कराते आ रहे हैं। ये इनके अथक प्रयास से संभव हो पाया है। प्रो० अग्रवाल हमेशा मेरे संपर्क में रहते हुए ऑनलाइन डाटा में होनेवाले कठिनाइयों के निराकरण कराते रहे हैं।
विश्वविद्यालय के नोडल पदाधिकारी प्रो० नवीन कुमार अग्रवाल ने आगत अथितियों का स्वागत किया और विषय प्रवेश कराते हुए अखिल भारतीय उच्चतर शिक्षा सर्वेक्षण के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसकी शुरुआत 2010-2011 में हुई थी। इसके दो आब्जेक्टिव हैं। पहला भारत की उच्च शिक्षा संस्थानों को चिन्हित कर सारा डाटा का एक जगह समावेश करना और दूसरा विभिन्न आयामों के तहत विभिन्न सूचना / जानकारी एकत्र करना। इसका उपयोग भारत सरकार और राज्य सरकार को पालिसी के निर्माण में किया जाता है। इस ब्यौरे के आधार पर सरकार योज़ना बनाती है और आवश्यकता के अनुसार फण्ड भी देती है। इसके बिना नैक द्वारा मूल्यांकन नही किया जा सकता है। इसमें संस्था का मूल विवरण, शिक्षकों का विवरण, दाखिल छात्रों का विवरण, प्रयेक कार्यक्रम के परीक्षा परिणाम, विभिन्न शीर्ष के तहत वित्तीय सूचना आदि दिया जाता है। भारत मे कुल 993 विश्वविद्यालय/ संस्थान,39931 महाविद्यालय , 3.73 करोड़ छात्र, 14.16 लाख शिक्षक है। जी ई आर 26.3 है। बिहार में 35 विश्वविद्यालय/ संस्थान , महाविद्यालय 895 है। बिहार के विश्वविद्यालयों में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा ने सबसे पहले डी सी एफ वन में डाटा एंट्री करने का काम किया है। डी सी एफ दो जो महाविद्यालय द्वारा भरा जाता है, उसमें भी ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा के महाविद्यालय ने बिहार में सबसे पहले डाटा एंट्री काट कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है। अंगीभूत महाविद्यालय में आर के कॉलेज, मधुबनी, समस्तीपुर कॉलेज, समस्तीपुर, मिल्लत कॉलेज दरभंगा ने क्रमशः सबसे पहले डाटा एंट्री करने का काम किया है तथा सम्बद्ध महाविद्यालय में मधेपुर टी टी कॉलेज, मधेपुर, महंथ रामजीवन दास कॉलेज, विष्णुपुर, बेगूसराय , सोनावती कॉलेज ऑफ एजुकेशन, समस्तीपुर ने क्रमशः सबसे पहले डाटा एंट्री करने का काम किया है। इस कार्य के लिये इन छह महाविद्यालय के प्रधानाचार्य को माननीय कुलपति महोदय द्वारा सम्मानित भी किया गया। इस मौके पर मिल्लत कॉलेज के प्राचार्य प्रो० विजय कुमार मिश्रा, सीएम साइंस कॉलेज के प्राचार्य प्रो० प्रेम कुमार, केएस कॉलेज के प्राचार्य प्रो० मो० रहमतुल्लाह, जीएमआरडी कॉलेज समस्तीपुर के प्राचार्य प्रो० घनश्याम राय समेत ओरिएंटल कॉलेज ऑफ एजुकेशन दरभंगा के विभागीय प्राध्यापक घनश्याम कुमार झा, एलएनजे कॉलेज झंझारपुर के सुरेंद्र भारद्वाज, मधेपुर के अवनीश कुमार, विश्वविद्यालय के जेम पोर्टल ऑफिसर विपुल स्नेही समेत कई प्राचार्य व शिक्षक मौजूद थे।

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