सदर : शीशोपश्चमी के ग्रामीणों ने महाराष्ट्र से पैदल चलकर नेपाल जा रहे दो प्रवासी मजदूरों को सोमवार को डीकेबीएम पथ में बेलौना चौर के पास घेर लिया .
इसकी सूचना प्रशासन के आला अधिकारियों से लेकर प्रखंड एवं मेडिकल विभाग को दी गयी . सूचना के बाबजूद भी किसी ने अपना रुची नहीं दिखाये एवं बेखबर बनी रही . किसी के पहुँचने का घंटों इंतजार कर उसे फ्री छोड़ दिया गया . सुबह करीब ग्यारह बजे दोनों प्रवासी मजदूर कंधे पर बैग लटकाये पैदल मार्च करते दरभंगा कमतौल पथ में आगे बढ़ रहा था . स्थानीय किसी ग्रामीण ने दोनों को जाते देख पुछताछ करने लगा . बाहर से आनेवाले प्रवासी को शक के आधार पर रोक लिया गया . इसकी जानकारी मुखिया सरपंच एवं अन्य को दी गयी . सभी वहां पहुँच गये . मुखिया शमसे आलम खाँ ने इसकी सूचना आला अधिकारी से लेकर प्रखंड प्रशासन एवं मेडिकल टीम तक को दी . सरपंच मतलुब आलम खान ने भी कई प्रशासनिक स्तर पर इसकी सूचना दी . इसपर किसी तरह से पहल नहीं की जा सकी . घंटों इंतजार करने के बाद उसे छोड़ दिया गया . नेपाल के मोहतरी जिला के अली हैदर नद्दाफ ने बताया कि मुम्बई से आठ दिन में पैदल चलकर एवं लिफ्ट लेकर यहां तक पहुँचे हैं . भोजन पानी के संबंध में उन्होंने बताया कि रास्ते में होटल एवं बाँट रहे केंद्र में भोजन मिल जाता है . वैसे कहीं कोई रोक टोक नहीं किये जाने को कहा गया है . उसके साथी फैसल खान ने बताया कि काम ठप्प पर गया . घर की चिंता सताने लगी इसलिये दोनोंं सोच बिचार कर पैदल निकल परे . इधर मुखिया शमसे का कहना है कि इसकी जांच होनी चाहिये लेकिन सब लापरवाह बने हैं . मेडिकल टीम की गाड़ी सिर्फ सड़क पर ही दौड़ती है . उन्होंने गाँव के ही बाहर से आये प्रवासी मजदूर का अभीतक क्वारंटाईन नहीं किया गया है।