गर्मी के दिनों में सूर्य की तपन से सिर्फ मनुष्य ही नहीं बल्कि पशु-पक्षियों को भी राहत की आवश्यकता होती है। चूंकि वे बेजुबान होते हैं।
इसलिए भूख या प्यास लगने पर अपनी इच्छा जाहिर नहीं कर पाते हैं।
इस कोरोना महामारी के कारण लगे लॉकडॉन में पक्षियों को अपने भोजन की तालाश करने में काफी मुश्किलें आती हैं।। भूख व प्यास के कारण पक्षियों की जान नही चली जाए इसी को ध्यान में रखकर महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ परिषद सदस्य एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद नेहरा इकाई के कार्यकर्ता चैतन्य झा ने, अभाविप. के “जल पिलाओ-पक्षी बचाओ” अभियान के तहत अपने तरौनी स्थित आवास पर एवं जयानंद महाविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सनातन चौधरी ने अपने नेहरा स्थित घर की छत पर भूखे एवं प्यासे पक्षियों के लिए अनाज के दाने की एवं जल की व्यवस्था की है। जिस से पक्षियों को इस भीषण गर्मी में भूख व प्यास के कारण अपनी जान न गँवानी पड़े।
चैतन्य झा ने बताया की हम सभी मानव जाती की यह जिम्मेदारी है कैसे हम पक्षियों को सहेजकर रखें। इस भीषण गर्मी एवं लॉकडौन के चलते पक्षियों की भूख व प्यास से जान नही चली जाए इसलिए उन्हें पीने के लिए जल एवं खाने के लिए अनाज के दाने उपलब्ध कराकर हमें इंसानियत का परिचय देना चाहिए।। इस हेतु वे सामाजिक दूरियों का पालन करते हुए गांवों में घूम-घूमकर एवं सोशल मीडिया के माध्यम से भी लोगों को
लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहे हैं, लोगों के बीच यह बता रहे हैं कि किस तरह से पर्यावरण संतुलन के लिए मानव जीवन में पक्षियों का महत्व है,किस प्रकार आसमान में उड़ते पक्षी पर्यावरण की सफाई के बहुत बड़े प्राकृतिक साधन हैं। छात्रनेता सनातन चौधरी ने कहा कि आज पक्षियों की अनेक प्रजातियाँ हमारे बीच से विलुप्त हो चुकी हैं या विलुप्त हो रही हैं। यह अत्यंत चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि पक्षी हमारे प्रकृति एवं मानव जीवन का महत्वपूर्ण अंग है,हमें पक्षियों की हर एक प्रजाति को सहेजकर रखना चाहिए,ताकि प्रकृति में संतुलन बना रहे।।