प्रसव कक्ष में कार्यरत एएनएम को जूम एप के माध्यम से मिला तकनीकी प्रशिक्षण
-कोविड-19 के रोकथाम एवं पीपीआईयूसीडी पर दी गई जानकारी
-जपाईगो के सहयोग से हुआ प्रशिक्षण
कोरोना के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग हर स्तर पर कार्य कर रही है।कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप एवं लगातार लॉक डाउन के कारण परिवार नियोजन कार्यक्रम भी प्रभावित हुआ है इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग जिले में कोविड-19 संक्रमण रोकथाम के अलावा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं को फिर से सुचारू रूप से चलाने का प्रयास कर रही है।
प्रसव कक्ष की एएनएम को मिला प्रशिक्षण:
जपाईगो संस्था के जिला समन्वयक राजीव कुमार गुप्ता, डॉ सुनीता धमीजा, डॉ प्रभात कुमार के द्वारा प्रसव कक्ष में अमानत प्रशिक्षित एएनएम तथा अन्य प्रशिक्षित एएनएम को जूम वीसी के माध्यम जिले के सभी 21 पीएचसी के एएनएम को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दरम्यान कोविड-19 संक्रमण काल किस तरह से एहतियात बरतते हुए कार्य करना, प्रसव के बाद 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी लगाना,वर्तमान में पीपीआईयूसीडी की स्थिति एवं संख्या में इजाफा को लेकर विस्तार पूर्वक बताया गया। तथा प्रशिक्षण के माध्यम से एएनएम, स्वास्थ्य कर्मी का कोविड-19 को लेकर शंका दूर करने का प्रयास किया गया।
क्या है पीपीआईयूसीडी
एसीएमओ डॉ सुनील कुमार ने बताया बच्चों में अंतराल रखने तथा अनचाहे गर्भ से निजात के लिए प्रसव के 48 घंटे के अंदर पीपीआईयूसीडी लगाया जाता है, गर्भनिरोधक का यह एक सुरक्षित साधन है। इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है, न ही कोई पेन होता है ना ही कोई एक्स्ट्रा ब्लीडिंग होती है थोड़ा ब्लीडिंग हो सकती है पर यह सामान्य प्रक्रिया है और किसी- किसी में हो सकती है यह लगाने से लंबे समय तक गर्भधारण की समस्या से छुटकारा पा सकते हैं और ऑपरेशन की भी आवश्यकता नहीं होती है पीपीआईयूसीडी दो तरह का होता है एक 5 साल के लिए तथा 10 साल के लिए के लिए होता है। सभी सरकारी यह अस्पतालों में मुफ्त लगाई जाती है।
प्रशिक्षण के दौरान एसीएमओ डॉ सुनील कुमार,जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास, केयर इंडिया के फैमिली प्लानिंग कोऑर्डिनेटर, एवं सभी प्रखंड के प्रसव कक्ष के एएनएम उपस्थित रहे।